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बदायूं और सीतापुर में बारिश से किसानों का हाल बेहाल, एटा महोत्सव की व्यवस्था हुई पानी पानी

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Published : Jan 18, 2020, 1:55 AM IST

प्रदेश में लगातार 3 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों तथा आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बदायूं और सीतापुर जिले में बारिश की वजह से आलू और सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. तो वहीं एटा में होने वाले एटा महोत्सव पर भी बारिश का असर देखने को मिला.

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बदायूं और सीतापुर में बारिश से किसानों का हाल बेहाल.

एटा: जिले में लगातार 3 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. सबसे बुरी स्थिति जिले के सैनिक पड़ाव में चल रहे विकास प्रदर्शनी 2020 यानी कि एटा महोत्सव की है. एटा महोत्सव के मुख्य पंडाल से लेकर पूरे मैदान में पानी और कीचड़ ही नजर आ रहा है, जिससे दुकानदारों से लेकर खेल तमाशे वालों में मायूसी है.

एटा महोत्सव की व्यवस्था हुई पानी पानी.

1 करोड़ 20 लाख में प्रदर्शनी का दिया गया ठेका
बताया जा रहा है कि पूरे प्रदर्शनी का ठेका प्रशासन ने करीब सवा करोड़ (1 करोड़ 20 लाख) में उठाया गया है, लेकिन प्रदर्शनी( एटा महोत्सव ) में आए दुकानदारों और खेल तमाशे वालों को कोई व्यवस्था नहीं दी जा रही है. पानी और कीचड़ की वजह से आम लोग प्रदर्शनी देखने कम संख्या में पहुंच रहे हैं, जिससे दुकानदारों की दुकानदारी नहीं चल रही है.
लेखक और पत्रकार कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय ने बताया कि बीते 2 साल पहले तत्कालीन डीएम के समय पूरी प्रदर्शनी मैदान में 4 लाख ईंटे लगाकर जलभराव और कीचड़ से बचाव की व्यवस्था की गई थी. इस बार ऐसा नहीं हुआ.

बदायूं: जिले में दिसंबर के लास्ट और जनवरी में बारिश होने से किसानों की फसल चौपट हो गई है. पिछले दो दिन से हो रही बारिश ने सरसों और आलू की फसल का नुकसान कर दिया है.
बारिश की वजह से आलू की फसल में कीड़े लग गए हैं. साथ ही उनकी 60 फीसदी फसल का नुकसान पहुंचा दिया है और सरसों की फसल को भी खराब कर दिया है. खेत में खड़ी फसल गिर गई है, जिसको लेकर किसान काफी परेशान हैं. हालांकि बारिश से गेहूं की फसल को फायदा हुआ है.

सीतापुर: बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण यहां के लोंगो का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश के चलते जहां ठंढ का प्रकोप बढ़ गया है. वहीं पूरे शहर में जलभराव की समस्या ने भयावह रूप ले लिया है. प्रशासन ने भी ठंढ और बारिश की वजह से 8वें तक के सभी स्कूलों को 19 जनवरी तक के लिए बंद करा दिया है.

बाराबंकी: जिला खेती किसानी के लिए जाना जाता है. यहां पर आलू और सरसो की फसल बड़े पैमाने पर होती है. प्रदेश में लगभग 24 घंटे से हो रही बारिश ने किसानों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है, क्योंकि किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

किसानों की सरकार से उम्मीद
किसानों ने बताया कि आलू, सरसों की फसल में बारिश के चलते बड़ा नुकसान हो गया है. उनकी सारी फसल पानी में डूब गई है. फसल से पानी निकल नहीं पा रहा, जिससे फसल पूरी सड़ जाएगी. आलू और सरसो में रोग लग जाएंगे. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि उनके खेत में गेहूं की फसल लगी हुई है. इस बारिश से उनकी फसल को काफी फायदा होगा. किसानों का कहना है कि बारिश से फसल बर्बाद होने के बाद उनकी उम्मीद सरकार से है कि वही कुछ मदद करे.

इसे भी पढ़ें:- प्रदेश में अब होमगार्ड संभालेंगे कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की सुरक्षा

एटा: जिले में लगातार 3 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. सबसे बुरी स्थिति जिले के सैनिक पड़ाव में चल रहे विकास प्रदर्शनी 2020 यानी कि एटा महोत्सव की है. एटा महोत्सव के मुख्य पंडाल से लेकर पूरे मैदान में पानी और कीचड़ ही नजर आ रहा है, जिससे दुकानदारों से लेकर खेल तमाशे वालों में मायूसी है.

एटा महोत्सव की व्यवस्था हुई पानी पानी.

1 करोड़ 20 लाख में प्रदर्शनी का दिया गया ठेका
बताया जा रहा है कि पूरे प्रदर्शनी का ठेका प्रशासन ने करीब सवा करोड़ (1 करोड़ 20 लाख) में उठाया गया है, लेकिन प्रदर्शनी( एटा महोत्सव ) में आए दुकानदारों और खेल तमाशे वालों को कोई व्यवस्था नहीं दी जा रही है. पानी और कीचड़ की वजह से आम लोग प्रदर्शनी देखने कम संख्या में पहुंच रहे हैं, जिससे दुकानदारों की दुकानदारी नहीं चल रही है.
लेखक और पत्रकार कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय ने बताया कि बीते 2 साल पहले तत्कालीन डीएम के समय पूरी प्रदर्शनी मैदान में 4 लाख ईंटे लगाकर जलभराव और कीचड़ से बचाव की व्यवस्था की गई थी. इस बार ऐसा नहीं हुआ.

बदायूं: जिले में दिसंबर के लास्ट और जनवरी में बारिश होने से किसानों की फसल चौपट हो गई है. पिछले दो दिन से हो रही बारिश ने सरसों और आलू की फसल का नुकसान कर दिया है.
बारिश की वजह से आलू की फसल में कीड़े लग गए हैं. साथ ही उनकी 60 फीसदी फसल का नुकसान पहुंचा दिया है और सरसों की फसल को भी खराब कर दिया है. खेत में खड़ी फसल गिर गई है, जिसको लेकर किसान काफी परेशान हैं. हालांकि बारिश से गेहूं की फसल को फायदा हुआ है.

सीतापुर: बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण यहां के लोंगो का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश के चलते जहां ठंढ का प्रकोप बढ़ गया है. वहीं पूरे शहर में जलभराव की समस्या ने भयावह रूप ले लिया है. प्रशासन ने भी ठंढ और बारिश की वजह से 8वें तक के सभी स्कूलों को 19 जनवरी तक के लिए बंद करा दिया है.

बाराबंकी: जिला खेती किसानी के लिए जाना जाता है. यहां पर आलू और सरसो की फसल बड़े पैमाने पर होती है. प्रदेश में लगभग 24 घंटे से हो रही बारिश ने किसानों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है, क्योंकि किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

किसानों की सरकार से उम्मीद
किसानों ने बताया कि आलू, सरसों की फसल में बारिश के चलते बड़ा नुकसान हो गया है. उनकी सारी फसल पानी में डूब गई है. फसल से पानी निकल नहीं पा रहा, जिससे फसल पूरी सड़ जाएगी. आलू और सरसो में रोग लग जाएंगे. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि उनके खेत में गेहूं की फसल लगी हुई है. इस बारिश से उनकी फसल को काफी फायदा होगा. किसानों का कहना है कि बारिश से फसल बर्बाद होने के बाद उनकी उम्मीद सरकार से है कि वही कुछ मदद करे.

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Intro:एटा। जिले में लगातार 3 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे बुरी स्थिति जिले के सैनिक पड़ाव में चल रहे जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी 2020 यानी कि एटा महोत्सव की है। एटा महोत्सव के मुख्य पंडाल से लेकर पूरे मैदान में पानी और कीचड़ ही नजर आ रहा। जिससे दुकानदारों से लेकर खेल तमाशे वालों में मायूसी है।


Body:दरअसल जिले में हर साल जनवरी माह में एटा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिस जगह पर एटा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। वहां पर बारिश के समय अक्सर जलभराव हो जाता है। जिससे कीचड़ की स्थिति पैदा हो जाती है। हर बार की तरह इस बार भी एटा महोत्सव का आयोजन किया गया है। लेकिन प्रशासन पर आरोप है कि जलभराव अथवा कीचड़ से निपटने के लिए प्रशासन ने कोई उचित व्यवस्था नहीं की। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदर्शनी का ठेका प्रशासन ने सवा करोड़ (1 करोड़ 20 लाख) में उठाया गया है। लेकिन प्रदर्शनी( एटा महोत्सव ) में आए दुकानदारों व खेल तमाशे वालों को कोई व्यवस्था नहीं दी जा रही है। पानी और कीचड़ की वजह से आम लोग प्रदर्शनी देखने कम संख्या में पहुंच रहे हैं। जिससे दुकानदारों की दुकानदारी नहीं चल रही है। खेल तमाशा व झूले का ठेका लेने वाले नसीम की माने तो प्रशासन ने उनसे मैदान में बालू व मोरंग डलवाने का वादा किया था। जिससे बारिश के समय यहां पर कीचड़ य जलभराव की स्थिति से बचा जा सके। लेकिन ऐसा ना होने से समस्या बढ़ती जा रही है।
बाइट: नसीम ( ठेकेदार, खेल व तमाशा)


Conclusion:लेखक व पत्रकार कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय ने बताया कि बीते 2 साल पहले तत्कालीन डीएम के समय पूरी प्रदर्शनी मैदान में 4 लाख ईंटे लगाकर जलभराव व कीचड़ से बचाव की व्यवस्था की गई थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ।
बाइट: कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय (लेखक एवं पत्रकार)
हालांकि जिला प्रशासन ने सैनिक पड़ाव से पानी निकलवाने का काम शुरू किया है। लेकिन व्यवस्था कब तक पटरी पर आएगी यह कहना थोड़ा मुश्किल है।
पीटूसी:वीरेन्द्र पाण्डेय

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