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कोरोना के चलते किसानों का हाल बेहाल - खरीफ की फसल का महीना

खरीफ की फसल का समय चल रहा है, लेकिन कोरोना के चलते मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में किसानों व मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है.

खरीफ की फसल.
किसानों व मजदूरों से बातचीत.
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Published : Aug 1, 2020, 2:48 PM IST

लखनऊ: साल के इस समय खरीफ की फसल की बुआई की जाती है. मानसून का समय चल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लेबर नहीं मिल रहे हैं. किसानों के साथ-साथ मजदूरों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

किसानों व मजदूरों से बातचीत.

भारत की बड़ी आबादी का एक हिस्सा खेती व किसानी पर निर्भर करता है. इस समय जून-जुलाई के माह में खरीफ की फसल का काम होता है. फसलों के अनुसार मानसून भी पूरी तरह से एक्टिव हो गया है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते किसानों को खेती करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ईटीवी भारत की टीम आज राजधानी के पुरहिया गांव पहुंची और खेती करने वाले किसानों व मजदूरों से बातचीत की. किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल का समय चल रहा है, लेकिन इस बार उन्हें खेतों में काम करने वाले मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते लोगों के मन में डर बैठा है और लोग काम पर आने को तैयार ही नहीं होते हैं.

किसान संत प्रसाद का कहना है कि लॉकडाउन के चलते काफी नुकसान हुआ है. फसलों के बिक्री न होने से मुनाफा नहीं हुआ है. ऐसे में मजदूरों को दिहाड़ी देने में भी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है. खेतों में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि इस बार उन्हें पहले के जैसा काम नहीं मिल पा रहा है.

लखनऊ: साल के इस समय खरीफ की फसल की बुआई की जाती है. मानसून का समय चल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लेबर नहीं मिल रहे हैं. किसानों के साथ-साथ मजदूरों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

किसानों व मजदूरों से बातचीत.

भारत की बड़ी आबादी का एक हिस्सा खेती व किसानी पर निर्भर करता है. इस समय जून-जुलाई के माह में खरीफ की फसल का काम होता है. फसलों के अनुसार मानसून भी पूरी तरह से एक्टिव हो गया है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते किसानों को खेती करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ईटीवी भारत की टीम आज राजधानी के पुरहिया गांव पहुंची और खेती करने वाले किसानों व मजदूरों से बातचीत की. किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल का समय चल रहा है, लेकिन इस बार उन्हें खेतों में काम करने वाले मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते लोगों के मन में डर बैठा है और लोग काम पर आने को तैयार ही नहीं होते हैं.

किसान संत प्रसाद का कहना है कि लॉकडाउन के चलते काफी नुकसान हुआ है. फसलों के बिक्री न होने से मुनाफा नहीं हुआ है. ऐसे में मजदूरों को दिहाड़ी देने में भी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है. खेतों में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि इस बार उन्हें पहले के जैसा काम नहीं मिल पा रहा है.

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