लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री नकुल दुबे (Provincial President of Uttar Pradesh Congress, former minister Nakul Dubey) ने कहा कि देश व प्रदेश के किसानों की समस्याओं के प्रमुख मुद्दे खाद की अनुपलब्धता, क्रय केन्द्रों की कमी, हाईब्रिड धान की खरीद में हीला हवाली, क्रय केन्द्रों पर घटतौली जैसे समस्याओं से किसान परेशान हैं. उन्होंने कहा कि किसान सुबह 4 बजे से ही डीएपी, यूरिया व अन्य रासायनिक उर्वरकों के लिए हाड़ कंपाती ठंड में लाइन लगाए सहकारी केन्द्रों पर खडे़ रहते हैं. वहीं रासायनिक उर्वरक मंत्री (Minister of Chemical Fertilizers) का कहना है कि खाद व उर्वरक की कोई कमी नहीं है. किसानों को कोसों दूर मण्डियों में व दूर दराज के क्षेत्रों में जाकर अपनी फसलों को विक्रय करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि अधिकांश क्रय केन्द्रों पर हाईब्रिड धानों की खरीद नहीं हो रही है. कारण बताया जा रहा है कि धान के बीज खरीद का बिल लेकर आएं. इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 नवम्बर 2022 को फरमान जारी किया था. यदि बीज के बिल इतने ही जरूरी थे तो जो नोटिफिकेशन 18 नवम्बर को आया वह जून में भी लाया जा सकता था. इससे किसान धान के बीज का बिल भी दुकानदारों से लेकर सुरक्षित रखता. परन्तु धान के बीज का बिल क्रय केन्द्रों पर अब मांगा जा रहा है जो कि किसानों के लिए मुश्किल है. क्रय केन्द्रों पर उपलब्ध तौल मशीनों से घटतौली की जा रही है. किसानों की ओर से बार-बार शिकायत करने के बावजूद सक्षम अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
नकुल दुबे ने प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना (Prime Minister's Ujjwala Scheme) की बात करते हुए कहा कि माताओं बहनों को चूल्हे के धुएं का डर दिखाकर गैस सिलिंडर को प्रोत्साहित करने का कार्य किया, मगर 375 रूपये वाले गैस सिलिंडर के दाम 1100 से ऊपर कर दिए गए. आर्थिक संकट में डूबे हुए किसानों की गरीब गृहणियों को उज्जवला के नाम पर सपना दिखाकर ठगा गया और महंगी गैस होने की वजह से सिलिंडर एक बार के बाद दोबारा कभी रिफिल नहीं हुए.
किसान कांग्रेस मध्य जोन के अध्यक्ष जगदीश सिंह ने कहा कि इस हेतु सरकार को चाहिए कि वह अपनी संस्थाओं की मदद से किसानों का पंजीकरण खेत पर ही जाकर करवाए. उसी प्रकार से जैसे लेखपाल क्राप कटिंग की रिपोर्ट खेत पर जाकर करते है. आवारा पशुओं की वजह से हो रही किसानों को हानि पर सरकार द्वारा पशुशालाओं के निर्माण हेतु दी जाने वाली राशि इतनी कम है कि कोई भी किसान पशुशाला पर ध्यान नहीं दे रहा है, क्योंकि प्रति पशु 30 रुपया बहुत ही कम है. इसे प्रतिदिन 50 रुपया प्रति पशु किया जाए. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया संयोजक अशोक सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष किसान कांग्रेस सुशील तिवारी, बृज मौर्या, जयन्त चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह, रघुनाथ पटेल, सिद्धार्थ कुमार, जितेन्द्र राय, विवेक सिंह, अनिल पाण्डेय (गोण्डा) सहित किसान कांग्रेस के सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे.