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लखनऊ मलिहाबाद के बागवान ने तैयार किया नए किस्म का आम, मोदी मैंगो रखा नाम

लखनऊ मलिहाबाद निवासी बागवान उपेंद्र सिंह ने आम की नई किस्म (मोदी मैंगो) तैयार करने में सफलता हासिल की है. मोदी मैंगो की ख़ासियत है कि वह कई दिनों तक खराब नहीं होगा. इसमें रेशा काफी कम है और गूदा सबसे ज्यादा है. हालांकि बाजार में अगले साल से ही मिलेगा.

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Published : May 26, 2023, 4:43 PM IST

Updated : May 26, 2023, 4:57 PM IST

जानकारी देते किसान उपेंद्र सिंह.

लखनऊ : मलिहाबाद के नवीपनाह के बागवान उपेन्द्र सिंह ने पीएम मोदी के नाम से आम की नई किस्म तैयार की है. इस आम की खासियत है कि इसमें रेशा काफी कम है जबकि गूदा सबसे ज्यादा है. देसी आमों के मुकाबले इसमें मिठास भी कम है. फाॅदर ऑफ मोदी मैंगो उपेंद्र सिंह ने बताया कि अगले साल 'मोदी आम' को बाजार में लाया जाएगा. इसको लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक अनंत कुमार ने आम की नई किस्म विकसित करने वाले बागवान उपेन्द्र सिंह को रजिस्ट्रेशन पत्र सौंपा है.

लखनऊ में विकसित हुआ मोदी मैंगो.
लखनऊ में विकसित हुआ मोदी मैंगो.


उत्तर प्रदेश में आम की एक से बढ़कर एक किस्में हैं. वहीं यहां के कई किसानों ने आम की किस्मों को और भी समृद्ध करने का काम किया है. पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान ने मलिहाबाद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में 300 से ज्यादा नई आम की किस्मों को विकसित करने का काम किया है. मलिहाबाद के नवीपनाह के उपेंद्र सिंह ने मोदी के नाम से एक नई आम की किस्म तैयार की है. मोदी आम को तैयार करने वाले किसान उपेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि 2019 से ही वह इस आम की किस्म को तैयार करने में लगे हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 56 इंच वाले बयान को सुनकर ही उन्हें उनके नाम पर एक किस्म विकसित करने का ख्याल आया था. मोदी आम की किस्म को देसी तुकमी आम से तैयार किया गया है. देसी आम का हर पेड़ अपने आप में खास होता है, लेकिन मोदी मैंगो इन सबसे बिल्कुल अलग है.

रजिस्ट्रेशन पत्र देते भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक अनंत कुमार,
रजिस्ट्रेशन पत्र देते भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक अनंत कुमार,
5 से 6 दिनों तक नहीं होगा खराब : मोदी आम सामान्य आम की अन्य किस्मों से बिल्कुल अलग है. देखने में यह देसी आम की तरह है. इसमें मिठास देसी आम के मुकाबले काफी कम है. मोदी आम में टीएसएच 14 है, जबकि अन्य आमों में टीएसएच 20 से 22 होता है. इसके कारण मीठा ज्यादा होने के कारण यह जल्दी खराब भी हो जाता है, जबकि मोदी आम ऐसा बिल्कुल ही नहीं है. यह आम 5 से 6 दिन तक खराब नहीं होता है. जिसको लोग ज्यादा दिनों तक घरों में रखकर इसका स्वाद ले सकते हैं. यह भी पढ़ें : विपक्ष के बायकॉट पर बोलीं निर्मला सीतारमण, 'इन लोगों ने द्रौपदी मुर्मू को 'गाली' दी, 'रबर स्टैंप' करार दिया था'

जानकारी देते किसान उपेंद्र सिंह.

लखनऊ : मलिहाबाद के नवीपनाह के बागवान उपेन्द्र सिंह ने पीएम मोदी के नाम से आम की नई किस्म तैयार की है. इस आम की खासियत है कि इसमें रेशा काफी कम है जबकि गूदा सबसे ज्यादा है. देसी आमों के मुकाबले इसमें मिठास भी कम है. फाॅदर ऑफ मोदी मैंगो उपेंद्र सिंह ने बताया कि अगले साल 'मोदी आम' को बाजार में लाया जाएगा. इसको लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक अनंत कुमार ने आम की नई किस्म विकसित करने वाले बागवान उपेन्द्र सिंह को रजिस्ट्रेशन पत्र सौंपा है.

लखनऊ में विकसित हुआ मोदी मैंगो.
लखनऊ में विकसित हुआ मोदी मैंगो.


उत्तर प्रदेश में आम की एक से बढ़कर एक किस्में हैं. वहीं यहां के कई किसानों ने आम की किस्मों को और भी समृद्ध करने का काम किया है. पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान ने मलिहाबाद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में 300 से ज्यादा नई आम की किस्मों को विकसित करने का काम किया है. मलिहाबाद के नवीपनाह के उपेंद्र सिंह ने मोदी के नाम से एक नई आम की किस्म तैयार की है. मोदी आम को तैयार करने वाले किसान उपेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि 2019 से ही वह इस आम की किस्म को तैयार करने में लगे हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 56 इंच वाले बयान को सुनकर ही उन्हें उनके नाम पर एक किस्म विकसित करने का ख्याल आया था. मोदी आम की किस्म को देसी तुकमी आम से तैयार किया गया है. देसी आम का हर पेड़ अपने आप में खास होता है, लेकिन मोदी मैंगो इन सबसे बिल्कुल अलग है.

रजिस्ट्रेशन पत्र देते भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक अनंत कुमार,
रजिस्ट्रेशन पत्र देते भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक अनंत कुमार,
5 से 6 दिनों तक नहीं होगा खराब : मोदी आम सामान्य आम की अन्य किस्मों से बिल्कुल अलग है. देखने में यह देसी आम की तरह है. इसमें मिठास देसी आम के मुकाबले काफी कम है. मोदी आम में टीएसएच 14 है, जबकि अन्य आमों में टीएसएच 20 से 22 होता है. इसके कारण मीठा ज्यादा होने के कारण यह जल्दी खराब भी हो जाता है, जबकि मोदी आम ऐसा बिल्कुल ही नहीं है. यह आम 5 से 6 दिन तक खराब नहीं होता है. जिसको लोग ज्यादा दिनों तक घरों में रखकर इसका स्वाद ले सकते हैं. यह भी पढ़ें : विपक्ष के बायकॉट पर बोलीं निर्मला सीतारमण, 'इन लोगों ने द्रौपदी मुर्मू को 'गाली' दी, 'रबर स्टैंप' करार दिया था'
Last Updated : May 26, 2023, 4:57 PM IST
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