लखनऊ: राजधानी में स्थित लोकबंधु अस्पताल में एक कोरोना मरीज की मौत हो गई. महिला के परिजन जब मॉर्चरी पहुंचे, तो खून से लथपथ शव देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. परिजनों का कहना है कि महिला को सांस लेने में समस्या थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मृतिका के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
जानें पूरा मामला
लखनऊ में एक 58 वर्षीय महिला को बुखार और सांस लेने में तकलीफ थी, जिसके बाद उन्हें पहले अवध अस्पताल में दिखाया गया. यहां उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई. परिजनों के मुताबिक पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती किया गया. आरोप है कि यहां डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आए. मरीज की तबीयत बिगड़ गई. देर रात मरीज की हालात बेकाबू हो गई और समय पर इलाज न मिलने से मौत हो गई.
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परिजन जब मॉर्चरी पहुंचे, तो वहां शव खून से लथपथ पड़ा मिला. यह दृश्य देखकर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया. वहीं लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. अरुण लाल के मुताबिक परिजनों ने अभी तक कोई शिकायत नहीं की है. लापरवाही के आरोप बेबुनियाद हैं.
पीजीआई के संक्रमित कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही दवा
कोरोना का कहर इस कदर जारी है कि अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी भी संक्रमित हो गए हैं. सबसे बड़ी बात है कि इन कर्मचारियों के इलाज में भी बड़ी लापरवाही देखी जा रही है. केजीएमयू में हाईरिस्क एरिया में तैनात जूनियर रेजीडेंट वायरस की जद में आ गए हैं. गंभीर हालत में उन्हें कोविड अस्पताल शिफ्ट किया गया है. गुरुवार देर रात इलाज के दौरान जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की मौत हो गई.
वहीं पीजीआई में संक्रमित हेल्थ वर्कर ने समय पर दवा न मिलने का आरोप लगाया. नर्सेज संघ की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने कहा कि आरसीएच में भर्ती स्टाफ की सही देखभाल नहीं हो रही है. सिर्फ वीआईपी मरीजों पर फोकस किया जा रहा है. कर्मियों का कोई पुरसाहाल नहीं है. यही नहीं पूर्व पार्षद नरेंद्र सोनकर का भी कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. साथ ही लखनऊ में एक पत्रकार की कोरोना से मौत हो गई है. भाजपा एमएलसी विजय बहादुर पाठक भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
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