लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय से अब दो संकाय आयुर्वेद और यूनानी संकाय (Faculty of Ayurveda and Unani) कम हो जाएंगे. इन दोनों संकायों को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय (Mahayogi Guru Gorakhnath Ayush University) से संबद्ध कर दिया गया है. सत्र 2022-23 से विश्वविद्यालय आयुर्वेद और यूनानी में प्रवेश नहीं लेगा. नए सत्र से महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के द्वारा प्रवेश लिए जाएंगे.
लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) मौजूदा सत्र में चल रहे आयुर्वेद और यूनानी संकाय की पढ़ाई पूरी करा कर दोनों संकायों में पढ़ाई बंद करा देगा. अब केवल फार्मेसी की पढ़ाई कराएगा.
विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद से दोनों संकाय को आयुष विश्वविद्यालय से जोड़ने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है. लविवि से आयुर्वेद और यूनानी संकाय हटने के बाद मेडिकल से जुड़ी शिक्षा के रूप में सिर्फ फार्मेसी बचा है. जो अभी हाल में ही शुरू हुआ है. इससे पहले वर्ष 2002 में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को लखनऊ विश्वविद्यालय से अलग कर विश्वविद्यालय बनाया गया था.
आयुष विधा की पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को अब आयुष विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी. इसके साथ ही राज्य के सभी आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ के सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों को आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जा रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव (Lucknow University spokesperson Durgesh Srivastava) ने कहा कि विश्वविद्यालय के दोनों संकाय आयुर्वेद और यूनानी आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध किए जाने का प्रस्ताव कार्य परिषद से पास हो गया है. ये आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिए गए हैं. आयुर्वेद और यूनानी के एक एक सरकारी एवं 10 निजी कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय से संचालित होते थे.
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