लखनऊः राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के नाम पर मनमानी करने का आरोप विद्यार्थियों ने लगाया है. आरोप है कि इन पाठ्यक्रमों को प्रबंधनों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है. सेल्फ फाइनेंस के नाम पर एक ही विश्वविद्यालय का एक ही कोर्स की पढ़ाई कराने के लिए अलग-अलग कॉलेजों में अलग-अलग फीस ली जा रही है.
मनमानी फीस वसूलने का आरोप
राजधानी में करीब 19 सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. कांग्रेस के युवा नेता सुधांशू बाजपेयी ने बताया कि इन संस्थानों में दो तरह से पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. पहला, नियमित पाठ्यक्रम होता है. इनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों का वेतन सरकार से मिलता है. इसकी फीस शासन ने निर्धारित कर रखा है. जोकि, काफी कम है. दूसरा, सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों का यहां संचालन किया जा रहा है. इन पाठ्यक्रमों में शिक्षक का वेतन देने की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन की होती है. इसी की आड़ में मनमानी फीस वसूली जा रही है.
सिर्फ कमाई का जरिया सेल्फ फाइनेंस कोर्स
समाजवादी छात्रसभा के अंकित सिंह बाबू का कहना है कि एडेड कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के नाम पर पूरी तरह से मनमानी की जा रही है. कई महाविद्यालयों में तो नियमित फीस पर दाखिला लेने वाले छात्रों के साथ ही सेल्फ फाइनेंस की भी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. छात्रनेता आर्यन मिश्रा का कहना है कि एडेड कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के संचालन पर ही रोक लगाई जानी चाहिए. अब यह सिर्फ कमाई और डिग्री बांटने का जरिया भर बनकर रह गए हैं.
यह भी पढ़ें-लखनऊ विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं 15 मई तक स्थगित, आदेश जारी
यह है एडेड कॉलेजों में फीस की स्थिति
- श्री जयनारायण पीजी कॉलेज में बीकॉम (सेल्फ फाइनेंस) प्रथम वर्ष की कुल सालाना फीस करीब 17,675 रुपये है. अवध गर्ल्स कॉलेज में यह शुल्क करीब 22,410 रुपये है.
- कालीचरण पीजी कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की फीस करीब 16000 रुपये प्रति सेमेस्टर है. जबकि, नेशनल पीजी कॉलेज में यह 25000 रुपये प्रति सेमेस्टर के आसपास है.