लखनऊ: केजीएमयू (KGMU) में कई छात्र वर्षों से फेल हो रहे हैं. वह एमबीबीएस (MBBS) पास नहीं कर पा रहे हैं. कई बैच आए और निकल गए. मगर, 22 के करीब छात्र जहां के तहां हैं. लिहाजा, इनके लिए संस्थान प्रशासन एक्स्ट्रा क्लास (extra class) संचालित कराएगा. इसकी गुरुवार को कार्यपरिषद की बैठक में अनुमित दे दी गई है.
केजीएमयू में कई छात्र 20 साल से एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा में फेल हो रहे थे. कई बार इन छात्रों ने आरक्षित वर्ग (reserved category) होने की वजह से भेदभाव का आरोप लगाया. साथ ही शिक्षकों पर जानबूझकर कम अंक देने के आरोप लगाए. हालांकि, सीएम (CM) और पीएम (PM), आयोग तक मामले की शिकायत हुई. मगर, समस्या जस की तस बनी हुई है. ऐसे में संस्थान प्रशासन ने इन छात्रों की समस्या जानने के लिए कमेटी बनाई. कमेटी ने लंबे समय से एमबीबीएस (MBBS) में फेल होने वाले छात्रों का मूल्यांकन किया. ऐसे में कमेटी ने इनकी काउंसिलिंग और अतिरिक्त क्लास की सिफारिश की, जिसे गुरुवार को मंजूरी प्रदान की गई.
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इसमें एक छात्र 1994 तो दूसरा 1997 बैच का है. इसके अलावा अन्य 2000 से 2013 बैच के हैं. ये छात्र सर्जरी, ऑब्स एंड गायनी, पीडियाट्रिक (Obs and Gynecology, Pediatric) विषय में बार-बार फेल होते हैं. इससे विश्वविद्यालय की छवि को भी धक्का लग रहा है. हालत यह है कि 15 साल में एमबीबीएस करने वाले एक छात्र का बेटा तक डॉक्टर बन चुका है. इसी तरह वर्ष 2019 में 17 साल बाद पास होने वाले छात्र की बेटी भी बीडीएस कर चुकी है.
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