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लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह में लगी विलुप्त पौधों की प्रदर्शनी - प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ

लखनऊ विश्वविद्यालय को इस बार भी बड़े ही खास तरीके से मनाया जा रहा है. यह समारोह 25 नवंबर तक चलेगा. इसमें विलुप्त हो चुके पौधों की प्रदर्शनी लगाई गई है.

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औषधीय पौधों को किया गया वितरित.
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Published : Nov 23, 2020, 12:09 PM IST

लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी 100 साल का हो गया है. शताब्दी समारोह को खास तरीके से मनाने के लिए 19 नवंबर से कई कार्यक्रमों का आगाज हो चुका है. यह समारोह 25 नवंबर तक चलेगा. इसी कड़ी में शताब्दी समारोह के विज्ञान मेले 32 स्टॉल विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगाए गए हैं. इसमें चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने मनमोहक सब्जियों का स्टाॅल भी लगाया है. वहीं लविवि के चारों म्यूजियम भी आम लोगों के लिए खोल दिए गए हैं.

इसके साथ ही विज्ञान मेले में क्लीन एंड ग्रीन एनवायरमेंट सोसायटी की ओर से लगातार पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है. सोसाइटी के सेक्रेटरी प्रोफेसर एससी शर्मा ने बताया कि पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. यह आज एक बड़ी समस्या बन चुकी है. इस प्रदूषण को रोकने में पौधे कामगर हैं. इस दौरान महाविद्यालय के प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा को मेला प्रबंधन कमेटी ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया.

औषधीय पौधों को किया वितरित

कमेटी के सदस्य प्रोफेसर राजीव पांडे ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय निरंतर किसानों के लिए कार्य कर रहा है. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी सोमवार को भी लगाई जाएगी. इस दौरान कृषि महाविद्यालय द्वारा तैयार किए गए विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों को वितरित किया गया. प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय लखनऊ और इसके आसपास के जिलों में लगातार विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं. इसके साथ ही औषधीय पौधों का निशुल्क वितरण किया जा रहा है.

लविवि के विभिन्न विभागों में स्थित म्यूजियम भी आम जनता और स्कूली बच्चों के लिए खोल दिए गए हैं. शताब्दी वर्ष के मौके पर पहली बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने आम लोगों के लिए ऐतिहासिक म्यूजियम खोला है, जहां हजारों साल पुराने खनिज, जीवाश्म सहित तमाम चीजें भी देखी जा सकेंगी. इसके अलावा यहां हिमालय और गंगा के मैदान की उत्पत्ति से जुड़े मॉडल, चट‌्टानों के प्रकार, डायनासोर के जीवाश्म, एशिया का 35 हजार साल पुराना हाथी का दांत सहित बहुत सी ऐसी चीजें हैं. इससे बच्चों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी.

23 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम

सुबह 7.30 बजे- योग शिविर (प्रांगण, राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, चैक).

सुबह 9.30 बजे- विरासत से परिचय.

सुबह -11.00 बजे- विज्ञान एवं कला उत्सव.

सुबह-11.00 बजे-संग्रहालय से परिचय.

दोपहर 1.00 बजे- नुक्कड़ नाटक, हॉकी मैच दोपहर 2.30 बजे-साहित्यिक उत्सव- पंकज प्रसून द्वारा प्रस्तुत.

सायं 5.30 बजे-अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति संध्या, कुमार विश्वास द्वारा प्रस्तुत.

लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी 100 साल का हो गया है. शताब्दी समारोह को खास तरीके से मनाने के लिए 19 नवंबर से कई कार्यक्रमों का आगाज हो चुका है. यह समारोह 25 नवंबर तक चलेगा. इसी कड़ी में शताब्दी समारोह के विज्ञान मेले 32 स्टॉल विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगाए गए हैं. इसमें चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने मनमोहक सब्जियों का स्टाॅल भी लगाया है. वहीं लविवि के चारों म्यूजियम भी आम लोगों के लिए खोल दिए गए हैं.

इसके साथ ही विज्ञान मेले में क्लीन एंड ग्रीन एनवायरमेंट सोसायटी की ओर से लगातार पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है. सोसाइटी के सेक्रेटरी प्रोफेसर एससी शर्मा ने बताया कि पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. यह आज एक बड़ी समस्या बन चुकी है. इस प्रदूषण को रोकने में पौधे कामगर हैं. इस दौरान महाविद्यालय के प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा को मेला प्रबंधन कमेटी ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया.

औषधीय पौधों को किया वितरित

कमेटी के सदस्य प्रोफेसर राजीव पांडे ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय निरंतर किसानों के लिए कार्य कर रहा है. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी सोमवार को भी लगाई जाएगी. इस दौरान कृषि महाविद्यालय द्वारा तैयार किए गए विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों को वितरित किया गया. प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय लखनऊ और इसके आसपास के जिलों में लगातार विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं. इसके साथ ही औषधीय पौधों का निशुल्क वितरण किया जा रहा है.

लविवि के विभिन्न विभागों में स्थित म्यूजियम भी आम जनता और स्कूली बच्चों के लिए खोल दिए गए हैं. शताब्दी वर्ष के मौके पर पहली बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने आम लोगों के लिए ऐतिहासिक म्यूजियम खोला है, जहां हजारों साल पुराने खनिज, जीवाश्म सहित तमाम चीजें भी देखी जा सकेंगी. इसके अलावा यहां हिमालय और गंगा के मैदान की उत्पत्ति से जुड़े मॉडल, चट‌्टानों के प्रकार, डायनासोर के जीवाश्म, एशिया का 35 हजार साल पुराना हाथी का दांत सहित बहुत सी ऐसी चीजें हैं. इससे बच्चों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी.

23 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम

सुबह 7.30 बजे- योग शिविर (प्रांगण, राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, चैक).

सुबह 9.30 बजे- विरासत से परिचय.

सुबह -11.00 बजे- विज्ञान एवं कला उत्सव.

सुबह-11.00 बजे-संग्रहालय से परिचय.

दोपहर 1.00 बजे- नुक्कड़ नाटक, हॉकी मैच दोपहर 2.30 बजे-साहित्यिक उत्सव- पंकज प्रसून द्वारा प्रस्तुत.

सायं 5.30 बजे-अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति संध्या, कुमार विश्वास द्वारा प्रस्तुत.

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