लखनऊः पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने नीति अनुसंधान करने और विभागों के साथ वैचारिक आदान-प्रदान करने के लिए राज्य निति आयोग के गठन की संस्तुति की है. उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सुधार के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर ऐसा किया जा रहा है.
विभागों के स्तर पर बेहतर तालमेल पर फोकस
इस आयोग के गठन से विभागों के स्तर पर आपसी तालमेल और विभागों के कामकाज में पारदर्शिता बेहतर तरीके से आ सकेगी. वहीं विभागों के स्तर पर लाई जाने वाली योजनाओं को लेकर नीतियां बनाने पर भी सरकार बेहतर ढंग से काम कर सकेगी. इसीलिए पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने राज्य नीति आयोग बनाने की सिफारिश सरकार से की है.
नीति आयोग के गठन की कैबिनेट से मिल सकती है मंजूरी
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही इस बारे में फैसला करके राज्य नीति आयोग का गठन करते हुए कैबिनेट की मंजूरी दे सकती है. पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने विकास अन्वेषण और प्रयोग विभाग की अब जरूरत नहीं बताई है. इसको खत्म कर इनके कर्मचारियों को दूसरे विभागों में शामिल करने की सिफारिश की है.
जलशक्ति विभाग को और मजबूत करने की सिफारिश
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कई विभागों को जोड़कर बनाए गए जल शक्ति विभाग को और अधिक मजबूत बनाने की भी सिफारिश की गई है. जिससे जल संसाधन की मांग और आपूर्ति के मुताबिक बेहतर प्रबंधन किया जा सके. जिससे प्रदेश की सभी नदियों के लिए एक-एक बेसिन जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन करने की भी सिफारिश की गई है.
कई विभागों को एक दूसरे में किया जाएगा समायोजित
इसी तरह राज्य नियोजन संस्थान में स्थापित मूल्यांकन विभाग योजना, अनुश्रवण और मूल्य प्रबंधन विभाग और जनशक्ति नियोजन विभाग को आपस में विलय करने को भी कहा गया है. नवगठित प्रभाग को मौजूदा कामों के साथ-साथ प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण के लिए भी गठित समिति की संस्तुतियों के क्रियान्वयन और अनुश्रवण की जिम्मेदारी देने का सुझाव दिया गया है.
विभागों के विलय से प्रशासनिक सुधार की कोशिश में सरकार
जानकारी के मुताबिक अगर राज्य सरकार राज्य नीति आयोग का गठन करती है, तो तमाम विभागों और संस्थाएं इधर से उधर समायोजित होंगे. उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए कार्मिक विभाग नोडल विभाग के रूप में काम करता है. नियोजन विभाग के प्रशिक्षण प्रभाग को समाप्त करते हुए कार्मिक विभाग के नियंत्रण में लाने का भी प्रस्ताव इस कमेटी ने दिया है. इसी तरह नियोजन विभाग के अधीन काम करने वाले भूमि उपयोग परिषद को राज्य योजना आयोग में यूपी राज्य जैव ऊर्जा बोर्ड को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत विभाग और विकास अध्ययन संस्थान को उच्च शिक्षा विभाग में हस्तांतरित करने की भी संस्तुति की गई है.