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जानिए चंद्रशेखर आजाद की राय, वह किस गठबंधन का हिस्सा बनेंगे ? - भीम आर्मी संस्थापक

यूपी में 2022 में होने वाली विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं. छोटी-बड़ी पार्टी के राजनैतिक मुलाकातों का दौरा जारी हो गया है. भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात कर चुके हैं. इस राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में ईटीवी भारत ने चंद्रशेखर आजाद से बात की.

चंद्रशेखर आजाद से खास बातचीत.
चंद्रशेखर आजाद से खास बातचीत.
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Published : Jun 21, 2021, 8:49 PM IST

लखनऊः यूपी में 2022 में होने वाली विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बड़ी पार्टियां जहां छोटे दलों से गठबंधन के लिए आतुर हैं, वहीं छोटे दल भी अपने लिए कंफर्टेबल जोन की तलाश कर रहे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जनभागीदारी संकल्प मोर्चे का गठन किया है. इस मोर्चे में कई पार्टियां शामिल भी हो रही हैं. भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात कर चुके हैं. इस राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में ईटीवी भारत ने चंद्रशेखर आजाद से बात की.

सवाल: ओमप्रकाश राजभर से आपकी मुलाकात हुई है, किससे गठबंधन करेंगे ?

जवाब: बातचीत करना कोई अपराध नहीं. उत्तर प्रदेश में बोलना अपराध जरूर है, यह मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है. वे खुद तो नहीं बोलते हैं. चाहे मीडिया के लोग सवाल पूछे या जनता, मुख्यमंत्री भाग जाते हैं. जो मुख्यमंत्री जनता का सामना नहीं कर पा रहा है तो प्रदेश में कैसी सरकार चल रही होगी. मुझे ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जनता की बदहाली हुई है. कहते हैं कि उस प्रदेश की खुशहाली या बदहाली के लिए जिम्मेदार उसके नेता होते हैं. उत्तर प्रदेश में लाशें तैर रही हैं. मरे इंसान बोल रहे हैं, लेकिन जिंदा इंसानों को चुप किया जा रहा है. कोरोना काल में महंगाई बढ़ रही है. सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास पूरी तरह झूठा है. सच है सबका साथ, सबका विनाश. गरीब, पिछड़े, आदिवासी मुसलमानों का विनाश. इनको इतना बेबस कर देना कि ये रोजी-रोटी के मोहताज हो जाएं.

चंद्रशेखर आजाद से खास बातचीत.

सवाल: किसके साथ कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे?

जवाब: सवाल आपका पुराना है, लेकिन यह सवाल लंबा चलने वाला है. यह कोई चोरी की चीज नहीं है. उत्तर प्रदेश तय करता है कि सेंट्रल में किसकी सरकार बनेगी ?. इस सूबे की सीटें हटा दी जाएं तो कोई मतलब नहीं बनता. सवाल बड़ा है, लेकिन मुद्दे का सवाल है. भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए जो मुद्दे हमारे हैं, उन मुद्दों के साथ कई दलों से सकारात्मक बात चल रही है. सारे मोर्चों का संकल्प है कि सरकार बनाएं. अब कौन सा मोर्चा सरकार बनाएगा, यह भविष्य बताएगा. हमारा मोर्चा आगे बढ़ रहा है. हमारी सबसे बात चल रही है. सिर्फ उन्हें छोड़कर, जिन्होंने इस प्रदेश का बेड़ा गर्क किया है.

सवाल: आप जिस तरह तेजी से आगे बढ़ रहे हैं क्या मायावती आप से डरी हुई हैं?

जवाब: बुआ जी से बात चल रही है. बुआ जी से समझौता होगा चिंता मत करो. बुआ भतीजे में कोई डर की बात नहीं है. बड़ी हैं, सम्मानित हैं उनका हमेशा सम्मान रहेगा. बात चल रही है.

सवाल: प्रियंका आपको भाई मानती हैं, आप उन्हें दीदी मानते हैं तो उनसे क्या गुरेज है?

जवाब: किसने कहा गुरेज है. क्या भाई-बहनों में कोई गुरेज होता है. राजनीतिक रिश्ते अपनी जगह होते हैं. सामाजिक रिश्ते अपनी जगह होते हैं. मैं कह रहा हूं जिनसे विचार मिलते हैं, उनसे वैचारिक गठबंधन होगा. मैं प्रियंका को बहन मानता हूं. मैं उत्तर प्रदेश की हर महिला को अपनी बहन मानता हूं और उस बहन के लिए अपने जीवन के बलिदान के लिए तैयार हूं. हाथरस में आपने देखा होगा इस निकम्मी सरकार ने तो उसे न्याय नहीं दिया मैं वहां डटा रहा.

सवाल: धर्मांतरण के मुद्दे पर क्या कहेंगे?

जवाब: इस सरकार में ऐसा ही होगा. यह सरकार लोगों को रोजी-रोटी के लिए मोहताज कर देगी. लोग उत्तर प्रदेश से पलायन करेंगे, अगर उत्तर प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार आई तो.

लखनऊः यूपी में 2022 में होने वाली विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बड़ी पार्टियां जहां छोटे दलों से गठबंधन के लिए आतुर हैं, वहीं छोटे दल भी अपने लिए कंफर्टेबल जोन की तलाश कर रहे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जनभागीदारी संकल्प मोर्चे का गठन किया है. इस मोर्चे में कई पार्टियां शामिल भी हो रही हैं. भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात कर चुके हैं. इस राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में ईटीवी भारत ने चंद्रशेखर आजाद से बात की.

सवाल: ओमप्रकाश राजभर से आपकी मुलाकात हुई है, किससे गठबंधन करेंगे ?

जवाब: बातचीत करना कोई अपराध नहीं. उत्तर प्रदेश में बोलना अपराध जरूर है, यह मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है. वे खुद तो नहीं बोलते हैं. चाहे मीडिया के लोग सवाल पूछे या जनता, मुख्यमंत्री भाग जाते हैं. जो मुख्यमंत्री जनता का सामना नहीं कर पा रहा है तो प्रदेश में कैसी सरकार चल रही होगी. मुझे ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जनता की बदहाली हुई है. कहते हैं कि उस प्रदेश की खुशहाली या बदहाली के लिए जिम्मेदार उसके नेता होते हैं. उत्तर प्रदेश में लाशें तैर रही हैं. मरे इंसान बोल रहे हैं, लेकिन जिंदा इंसानों को चुप किया जा रहा है. कोरोना काल में महंगाई बढ़ रही है. सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास पूरी तरह झूठा है. सच है सबका साथ, सबका विनाश. गरीब, पिछड़े, आदिवासी मुसलमानों का विनाश. इनको इतना बेबस कर देना कि ये रोजी-रोटी के मोहताज हो जाएं.

चंद्रशेखर आजाद से खास बातचीत.

सवाल: किसके साथ कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे?

जवाब: सवाल आपका पुराना है, लेकिन यह सवाल लंबा चलने वाला है. यह कोई चोरी की चीज नहीं है. उत्तर प्रदेश तय करता है कि सेंट्रल में किसकी सरकार बनेगी ?. इस सूबे की सीटें हटा दी जाएं तो कोई मतलब नहीं बनता. सवाल बड़ा है, लेकिन मुद्दे का सवाल है. भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए जो मुद्दे हमारे हैं, उन मुद्दों के साथ कई दलों से सकारात्मक बात चल रही है. सारे मोर्चों का संकल्प है कि सरकार बनाएं. अब कौन सा मोर्चा सरकार बनाएगा, यह भविष्य बताएगा. हमारा मोर्चा आगे बढ़ रहा है. हमारी सबसे बात चल रही है. सिर्फ उन्हें छोड़कर, जिन्होंने इस प्रदेश का बेड़ा गर्क किया है.

सवाल: आप जिस तरह तेजी से आगे बढ़ रहे हैं क्या मायावती आप से डरी हुई हैं?

जवाब: बुआ जी से बात चल रही है. बुआ जी से समझौता होगा चिंता मत करो. बुआ भतीजे में कोई डर की बात नहीं है. बड़ी हैं, सम्मानित हैं उनका हमेशा सम्मान रहेगा. बात चल रही है.

सवाल: प्रियंका आपको भाई मानती हैं, आप उन्हें दीदी मानते हैं तो उनसे क्या गुरेज है?

जवाब: किसने कहा गुरेज है. क्या भाई-बहनों में कोई गुरेज होता है. राजनीतिक रिश्ते अपनी जगह होते हैं. सामाजिक रिश्ते अपनी जगह होते हैं. मैं कह रहा हूं जिनसे विचार मिलते हैं, उनसे वैचारिक गठबंधन होगा. मैं प्रियंका को बहन मानता हूं. मैं उत्तर प्रदेश की हर महिला को अपनी बहन मानता हूं और उस बहन के लिए अपने जीवन के बलिदान के लिए तैयार हूं. हाथरस में आपने देखा होगा इस निकम्मी सरकार ने तो उसे न्याय नहीं दिया मैं वहां डटा रहा.

सवाल: धर्मांतरण के मुद्दे पर क्या कहेंगे?

जवाब: इस सरकार में ऐसा ही होगा. यह सरकार लोगों को रोजी-रोटी के लिए मोहताज कर देगी. लोग उत्तर प्रदेश से पलायन करेंगे, अगर उत्तर प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार आई तो.

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