लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी का आयोजन हुआ है. इस बार रक्षा विज्ञान एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने बड़े स्तर पर रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी लगाकर विश्व के सामने भारत की रक्षा शक्ति प्रदर्शित की गई है. इसमें लगभग 500 अलग-अलग तरह के खतरनाक उपकरणों से डीआरडीओ ने सभी को रूबरू कराया है. साथ ही इनमें से ज्यादातर उपकरणों का सफल ट्रायल हो चुका है. जल्द ही इनमें से कई उपकरण तीनों सेनाओं को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी से खास बातचीत की.
डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि लखनऊ में आयोजित किए गए डिफेंस एक्सपो में डीआरडीओ ने बहुत सारे प्रोडक्ट्स डिस्प्ले किए हैं, जिसमें सबसे बड़ा एग्जीबिशन डीआरडीओ का ही है. साथ ही कहा कि लगभग 500 उपकरणों को यहां डिस्प्ले किया गया है. बहुत लोग इधर हमारी प्रदर्शनी देख रहे हैं. वहीं लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, मिसाइल के क्षेत्र में, इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर के क्षेत्र में, रडार के क्षेत्र में जो विभिन्न क्षेत्र के उपकरण हैं, उन्हें यहां डिस्प्ले किया गया है. इसके अलावा भारत की इंडस्ट्रीज ने जो हमारे साथ काम करके प्रोडक्ट बनाए हैं, उन्हें भी डिस्प्ले किया गया है.
जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि डिफेंस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य है, इंडस्ट्रीज को आगे लेकर जाना है. हमारे प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट करना है और दूसरे देशों को भी हमें बेचना है. उन्होंने कहा कि अभी हमारी टेक्नोलॉजी मिसाइल के क्षेत्र में, रडार के क्षेत्र में, सोनार के क्षेत्र में, तारपीडो के क्षेत्र में, इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर सिस्टम के क्षेत्र में, अबैक्स सिस्टम के क्षेत्र में और साथ ही गन्स के क्षेत्र में बहुत मैच्योर हुई है. इन सभी क्षेत्रों में हमारी टेक्नोलॉजी मजबूत हुई है. आने वाले दिनों में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी को जो भी चाहिए, विभिन्न वैरायटी सिस्टम बनाकर उन्हें हम दे देंगे. वहीं हम मॉडर्न वेपन बना रहे हैं, जिसको पाकर हमारी सेना संतुष्ट होगी.
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अब लगातार ड्रोन अटैक हो रहे हैं, इसके लिए क्या तैयारी है? ईटीवी भारत के इस सवाल पर डीआरडीओ चेयरमैन ने कहा कि डीआरडीओ एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है, जो हम आर्म्ड फोर्सेस को दे देंगे. प्रधानमंत्री ने बताया है कि 5 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करना है, इसकी हम कोशिश करेंगे. साथ ही यूपी डिफेंस कॉरिडोर को मदद करने के लिए डीआरडीओ ने यूपी के साथ एक एमओयू भी साइन किया है.