जयपुर/दिल्ली. नए साल 2021 का आगाज हो चुका है. वहीं, दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन लगातार 36 दिन से जारी है. इस बीच केंद्र सरकार के रवैए में कुछ नरमी नजर आ रही है. 30 दिसंबर को सातवीं बार हुई 5 घंटे की बातचीत के बाद बिजली बिल और पराली से जुड़े दो मुद्दों पर सहमति बनी है. वहीं, अगली बैठक 4 जनवरी को होनी है.
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इस बीच नए साल 2021 के आगाज के साथ बॉर्डर पर डटे किसानों के बीच ईटीवी भारत की टीम भी पहुंची. रात 12 बजे किसान मशाल जुलुस निकालते नजर आए. वहीं, इस दौरान स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की.
इस बातचीत के दौरान योगेंद्र यादव ने कहा कि इस समय देश के ज्यादातर किसानों के मन में है कि उनके लिए इस समय कुछ बड़ा और बुरा किया जा रहा है. क्या है, इस बारे में किसानों को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र का गलत उपयोग किया गया है और मीडिया ने भी एक तरफा सरकार के लिए प्रोपेगेंडा किया है. उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर कई तरह की बातें फैलाई गईं. लेकिन, अब केंद्र सरकार की मंत्रियों के बातों से ही पता चल रहा है कि ये किसानों के संबंध में फैली बातें झूठ थीं.
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योगेंद्र यादव ने कहा कि यहां आंदोलन कर रहे किसान ही हैं और इतना बड़ा आंदोलन बेहद संयमित तौर पर चला है. योगेंद्र यादव के मुताबिक यहां मौजूद लोगों में नाराजगी है, लेकिन, ये असामाजिक तत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि 4 जनवरी को बात नहीं बनती है तो इस आंदोलन को बड़े स्तर पहुंचाएंगे और इसे राष्ट्रीय स्वरूप देने की जरूरत है. साथ ही कहा कि ये बात सच नहीं है कि ये आंदोलन सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित है. पूरे देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं.