लखनऊ: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम (Uttar Pradesh STF team) ने आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये हड़पने वाले गिरोह (Gangs grabbing lakhs of rupees from unemployed) में शामिल पूर्व सैन्यकर्मी व उसके दो साथियों को कैंट निलमथा से गिरफ्तार (Arrested from Cantt Nilamtha) किया है. पकड़े गए तीनों आरोपियों के खातों में छह लोगों से रुपये लेने की पुष्टि हुई है. इनके पास से सेना का परिचय पत्र (army identity card), चेकबुक व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. इस गिरोह के लिए अपने खाते में रकम ट्रांसफर कराने वाले साइबर कैफे संचालक आरोपी की भी तलाश की जा रही है.
एसटीएफ के मुताबिक आरोपी सैन्यकर्मी सर्वेश कुमार (accused army personnel sarvesh kumar) वर्ष 2005 में एएमसी असम रायफल डोगरा रेजीमेंट अयोध्या में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था. छह साल नौकरी करने के बाद वह अनुपस्थित हो गया था. उसके खिलाफ सेना ने कोर्ट में केस भी किया था.
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जोधपुर के रहने वाले नारायण सिंह ने एसटीएफ से शिकायत की (Narayan Singh a resident of Jodhpur complained to the STF) थी कि कुछ लोगों ने उसके बेटे धर्मेन्द्र को सेना में भर्ती कराने के नाम पर एक लाख रुपये ले लिए और भर्ती न होने पर रुपये वापस नहीं कर रहे हैं. इस गिरोह ने इस तरह से कई लोगों को अपना शिकार बनाया है.
इस पर एसटीएफ के एएसपी सत्यसेन ने तीनों के बारे में पड़ताल शुरू की. आरोप सही पाए गए. इसके बाद ही एसटीएफ ने इन तीनों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों में फिरोजाबाद के नगरा निवासी सर्वेश कुमार, हरी और हरेन्द्र यादव हैं. एएसपी सत्यसेन के मुताबिक सर्वेश कुमार और उसके साथी हरि उन अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाया करते थे, जो सेना भर्ती की परीक्षा में फेल हो जाते थे.
इन अभ्यर्थियों के अभिभावकों को विश्वास दिला दिया जाता था कि वे लोग नौकरी जरूर लगवा देंगे. विश्वास दिलाने के लिए वे अपना सेना से मिला पुराना परिचय पत्र का डुप्टलीकेट दिखा दिया करते थे. पड़ताल में सामने आया कि सर्वेश ने धर्मेन्द्र के अलावा स्वरूप कुमार सावंत और सरकार से 50 हजार रुपये व आनन्द से 60 हजार रुपये बतौर एडवांस ले लिए थे.
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