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इतिहासकार रवि भट्ट ने काकोरी ट्रेन एक्शन के शहीदों के सपनों का भारत बनाने का किया आह्वान, चित्रों में भरे रंग

काकोरी ट्रेन एक्शन के शहीदों की याद में दो दिवसीय समारोह का आयोजन सोमवार से पीडब्ल्यूडी के संघ भवन में हुआ. उत्तर प्रदेश क्रांतिकारी परिषद और अमुक आर्टिस्ट ग्रुप की ओर से आयोजित समारोह में इतिहासकार रवि भट्ट समेत कई मशहूर शखिसयत शामिल हुईं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 9:04 PM IST

लखनऊ : काकोरी ट्रेन एक्शन ने भारतीय जनमानस को जगाया था. उन्हें मालूम था कि इस एक्शन से त्वरित बदलाव होगा, लेकिन इसे भारतीय बुद्धिजीवियों का समर्थन मिला. जिनमें काफी नामी वकीलों का साथ मिला था. यह बातें इतिहासकार रवि भट्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश क्रांतिकारी परिषद और अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह में बोल रहे थे. दो दिन के 35वें साइकिल यात्रा समारोह का आरंभ राजभवन के सामने पीडब्ल्यूडी के संघ भवन में हुआ.

काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह में अतिथि.
काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह में अतिथि.
काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह के दौरान पेंटिंग में रगं भरते कलाकार.
काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह के दौरान पेंटिंग में रगं भरते कलाकार.

इतिहासकार रवि भट्ट ने कहा कि पीढ़ी-दर -पीढ़ी जाति व्यवस्था के चलते समाज पिछड़ता चला गया है. इसे खत्म करके ही सामाजिक समानता आएगी. तभी शहीदों के सपनों का भारत बनेगा. काकोरी ट्रेन एक्शन से क्रांतिकारियों ने पूरे समाज में चेतना फैलाई थी. सत्र के वक्ता वरिष्ठ पत्रकार राकेश राय ने कहा कि शहीदों के सपने तभी पूरे होंगे. जब असमानता और सांप्रदायिकता को अपने जीवन व समाज से दूर कर दिया जाए. सृजनकर्मी आदियोग ने कहा कि शहीदों का सपना आज तक पूरा नहीं हुआ है. आज भी युवा बेरोजगार हैं, उन्हें रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है. हमें इन मामलों पर गंभीरता से सोचना होगा. समारोह के आयोजक अनिल मिश्र गुरुजी ने अतिथियों का सम्मान किया. इतिहासकार रवि भट्ट ने शामिल चित्रकारों, रंगकर्मियों, रचनाकर्मियों, काकोरी यात्रा से जुड़े लोगों को सम्मानित किया. समारोह में काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रांतिकारी रामकृष्ण खत्री के पुत्र उदय खत्री के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

पेंटिंग में रंग भरते अतिथि.
पेंटिंग में रंग भरते अतिथि.
पेंटिंग में रंग भरते कलाकार.
पेंटिंग में रंग भरते कलाकार.

शहीदों की स्मृति में पेंटिंग, पेश किया नाटक : शहीदों को समर्पित नुक्कड़ नाटकों का मंचन हुआ. अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के कलाकार अनामिका, शोभित, अरविंद सिंह, अर्चना जैन, कंवलजीत, आशुतोष व ज्योति, रीता ने नाटक ‘भीड़तंत्र की जय हो’ का, आकार फाउंडेशन के कलाकार राज मल्होत्रा, विवेक रावत, काजल, सपना, साक्षी, नितिका, दीपक व अनुज कुमार ने प्रभावी मंचन किया. चित्रकार संजीव गुप्ता, धीरेंद्र व अमन ने शहीदों को समर्पित पेंटिंग बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. आयोजक अनिल मिश्र गुरुजी ने बताया कि 19 दिसंबर मंगलवार को नेताजी सुभाष चौक (निकट परिवर्तन चौक) से काकोरी शहीद स्मारक बाजनगर के लिए 35वीं साइकिल यात्रा निकलेगी. यात्रा को मुख्य अतिथि इतिहासकार प्रोफेसर नदीम हसनैन हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यात्रा की शुरुआत सुबह 8:45 बजे होगी. यात्रा के दौरान विभिन्न स्थलों पर नुक्कड़ नाटक और जनगीतों की प्रस्तुतियां होंगी. यात्रा का समापन काकोरी शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर होगा.

लखनऊ की लेखिका इन्‍द्रजीत कौर को राष्‍ट्रीय व्‍यंग्‍य सम्‍मान.
लखनऊ की लेखिका इन्‍द्रजीत कौर को राष्‍ट्रीय व्‍यंग्‍य सम्‍मान.

लखनऊ की लेखिका इन्‍द्रजीत कौर को राष्‍ट्रीय व्‍यंग्‍य सम्‍मान

भोपाल में आयोजित व्यंग्य लेखक समिति (वलेस) के वार्षिक आयोजन तथा विश्‍वरंग के व्यंग्य समागम में इंद्रजीत कौर (लखनऊ) को वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य सम्मान से सम्‍मानित किया गया. देश के विभिन्‍न राज्‍यों से आए व्‍यंग्‍यकारों की उपस्थिति में इंद्रजीत कौर के साथ मलय जैन (भोपाल) को भी समानित किया गया. दोनों व्यंग्यकारों को सम्‍मान चिन्‍ह, प्रशस्ति पत्र और दस हजार रूपये की नगद राशि प्रदान किये गए.


मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित व्यंग्य लेखक समिति के वार्षिक आयोजन तथा विश्‍वरंग के व्यंग्य समागम में देश के विभिन्‍न राज्‍यों से आए व्‍यंग्‍यकारों को नसीहतें देते हुए पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने कहा- व्यंग्य लेखन अन्‍य विधाओं की तुलना में कठिन रचनात्‍मकता है. किसी स्तम्भ में प्रकाशित होने के लिए व्यंग्य लेखन को लक्ष्‍य नहीं बनाना चाहिए. राजमार्ग से आगे भी व्‍यंग्‍य लेखन के रास्ते हैं. आलोचना की परवाह किए बगैर लिखते रहे. व्यंग्य में दोहराव से बचें. डाॅ. ज्ञान चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इन्द्रजीत ने इस मत को बदला है कि महिलाएं अच्छी व्यंग्य नहीं लिख सकती हैं.



ये मिले सम्मान : दर्जनों अन्य सम्मान और पुरस्कारों के साथ साहित्य गंधा की तरफ से व्यंग्यगंधा सम्मान 2018, यूपी प्रेस क्लब की तरफ से ‘सृजन उपलब्धि सम्मान 2020’, अखिल भारतीय साहित्य परिषद की तरफ से ‘साहित्य परिक्रमा सम्मान 2020’, लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की तरफ से ‘भाई कान्ह सिंह नाभा सम्मान 2022’ , उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ की तरफ से शरद जोशी सर्जना पुरस्कार 2018 में प्राप्त.

यह भी पढ़ें : 19 साल की उम्र में आजादी के लिए कुर्बान खुदीराम बोस की कहानी

योगी ने काकोरी कांड का बदला नाम, 97वीं वर्षगांठ पर की 'काकोरी ट्रेन एक्शन' की घोषणा

लखनऊ : काकोरी ट्रेन एक्शन ने भारतीय जनमानस को जगाया था. उन्हें मालूम था कि इस एक्शन से त्वरित बदलाव होगा, लेकिन इसे भारतीय बुद्धिजीवियों का समर्थन मिला. जिनमें काफी नामी वकीलों का साथ मिला था. यह बातें इतिहासकार रवि भट्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश क्रांतिकारी परिषद और अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह में बोल रहे थे. दो दिन के 35वें साइकिल यात्रा समारोह का आरंभ राजभवन के सामने पीडब्ल्यूडी के संघ भवन में हुआ.

काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह में अतिथि.
काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह में अतिथि.
काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह के दौरान पेंटिंग में रगं भरते कलाकार.
काकोरी ट्रेन एक्शन शहीद समारोह के दौरान पेंटिंग में रगं भरते कलाकार.

इतिहासकार रवि भट्ट ने कहा कि पीढ़ी-दर -पीढ़ी जाति व्यवस्था के चलते समाज पिछड़ता चला गया है. इसे खत्म करके ही सामाजिक समानता आएगी. तभी शहीदों के सपनों का भारत बनेगा. काकोरी ट्रेन एक्शन से क्रांतिकारियों ने पूरे समाज में चेतना फैलाई थी. सत्र के वक्ता वरिष्ठ पत्रकार राकेश राय ने कहा कि शहीदों के सपने तभी पूरे होंगे. जब असमानता और सांप्रदायिकता को अपने जीवन व समाज से दूर कर दिया जाए. सृजनकर्मी आदियोग ने कहा कि शहीदों का सपना आज तक पूरा नहीं हुआ है. आज भी युवा बेरोजगार हैं, उन्हें रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है. हमें इन मामलों पर गंभीरता से सोचना होगा. समारोह के आयोजक अनिल मिश्र गुरुजी ने अतिथियों का सम्मान किया. इतिहासकार रवि भट्ट ने शामिल चित्रकारों, रंगकर्मियों, रचनाकर्मियों, काकोरी यात्रा से जुड़े लोगों को सम्मानित किया. समारोह में काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रांतिकारी रामकृष्ण खत्री के पुत्र उदय खत्री के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

पेंटिंग में रंग भरते अतिथि.
पेंटिंग में रंग भरते अतिथि.
पेंटिंग में रंग भरते कलाकार.
पेंटिंग में रंग भरते कलाकार.

शहीदों की स्मृति में पेंटिंग, पेश किया नाटक : शहीदों को समर्पित नुक्कड़ नाटकों का मंचन हुआ. अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के कलाकार अनामिका, शोभित, अरविंद सिंह, अर्चना जैन, कंवलजीत, आशुतोष व ज्योति, रीता ने नाटक ‘भीड़तंत्र की जय हो’ का, आकार फाउंडेशन के कलाकार राज मल्होत्रा, विवेक रावत, काजल, सपना, साक्षी, नितिका, दीपक व अनुज कुमार ने प्रभावी मंचन किया. चित्रकार संजीव गुप्ता, धीरेंद्र व अमन ने शहीदों को समर्पित पेंटिंग बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. आयोजक अनिल मिश्र गुरुजी ने बताया कि 19 दिसंबर मंगलवार को नेताजी सुभाष चौक (निकट परिवर्तन चौक) से काकोरी शहीद स्मारक बाजनगर के लिए 35वीं साइकिल यात्रा निकलेगी. यात्रा को मुख्य अतिथि इतिहासकार प्रोफेसर नदीम हसनैन हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यात्रा की शुरुआत सुबह 8:45 बजे होगी. यात्रा के दौरान विभिन्न स्थलों पर नुक्कड़ नाटक और जनगीतों की प्रस्तुतियां होंगी. यात्रा का समापन काकोरी शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर होगा.

लखनऊ की लेखिका इन्‍द्रजीत कौर को राष्‍ट्रीय व्‍यंग्‍य सम्‍मान.
लखनऊ की लेखिका इन्‍द्रजीत कौर को राष्‍ट्रीय व्‍यंग्‍य सम्‍मान.

लखनऊ की लेखिका इन्‍द्रजीत कौर को राष्‍ट्रीय व्‍यंग्‍य सम्‍मान

भोपाल में आयोजित व्यंग्य लेखक समिति (वलेस) के वार्षिक आयोजन तथा विश्‍वरंग के व्यंग्य समागम में इंद्रजीत कौर (लखनऊ) को वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य सम्मान से सम्‍मानित किया गया. देश के विभिन्‍न राज्‍यों से आए व्‍यंग्‍यकारों की उपस्थिति में इंद्रजीत कौर के साथ मलय जैन (भोपाल) को भी समानित किया गया. दोनों व्यंग्यकारों को सम्‍मान चिन्‍ह, प्रशस्ति पत्र और दस हजार रूपये की नगद राशि प्रदान किये गए.


मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित व्यंग्य लेखक समिति के वार्षिक आयोजन तथा विश्‍वरंग के व्यंग्य समागम में देश के विभिन्‍न राज्‍यों से आए व्‍यंग्‍यकारों को नसीहतें देते हुए पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने कहा- व्यंग्य लेखन अन्‍य विधाओं की तुलना में कठिन रचनात्‍मकता है. किसी स्तम्भ में प्रकाशित होने के लिए व्यंग्य लेखन को लक्ष्‍य नहीं बनाना चाहिए. राजमार्ग से आगे भी व्‍यंग्‍य लेखन के रास्ते हैं. आलोचना की परवाह किए बगैर लिखते रहे. व्यंग्य में दोहराव से बचें. डाॅ. ज्ञान चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इन्द्रजीत ने इस मत को बदला है कि महिलाएं अच्छी व्यंग्य नहीं लिख सकती हैं.



ये मिले सम्मान : दर्जनों अन्य सम्मान और पुरस्कारों के साथ साहित्य गंधा की तरफ से व्यंग्यगंधा सम्मान 2018, यूपी प्रेस क्लब की तरफ से ‘सृजन उपलब्धि सम्मान 2020’, अखिल भारतीय साहित्य परिषद की तरफ से ‘साहित्य परिक्रमा सम्मान 2020’, लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की तरफ से ‘भाई कान्ह सिंह नाभा सम्मान 2022’ , उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ की तरफ से शरद जोशी सर्जना पुरस्कार 2018 में प्राप्त.

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