लखनऊ: राज्य में हर वर्ष लाखों लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. इसमें से कई घायलों में हेडइंजरी, मल्टीपल फ्रैक्चर हो जाता है. मगर, स्थानीय स्तर पर सीटी स्कैन जांच की सुविधा नहीं है. उन्हें जिलों से महानगरों में रेफर किया जाता है. इस बीच मरीज का लंबा वक्त गुजर जाता है.
डायग्नोस में देरी होने से मरीज का इलाज भी प्रभावित होता है. समय पर इलाज न मिलने से तमाम असमय मौत का शिकार भी हो जाते हैं. अब हर जिले में सीटी स्कैन की सुविधा होगी. इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी. यही नहीं आर्थोपेडिक, गठिया समेत कई बीमारियों के इलाज की दिशा तय करने में सीटी स्कैन मददगार बनेगी.
16 जिलों के लगेंगी मशीनें
डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह के मुताबिक ट्रामा के मरीजों के जिले में ही सीटी स्कैन की सुविधा मिल सकेगी. इसके लिए 16 जिले में सीटी स्कैन मशीन लगाई जा रही है. जिलों में लगने वाली सीटी स्कैन मशीन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) पर लगाई जा रही हैं. मरीजों की ये जांचें फ्री में होंगी. सरकार कंपनी का भुगतान करेगी. साल के अंत तक सुविधा मिलने लगेगी.
इन जिलों में होगी सुविधा
स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे जिलों को चुना, जहां सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है। यह जनपद अमरोहा, बरेली, एटा, झांसी, मैनपुरी, गाजियाबाद, कानपुर देहात, संभल, कानपुर नगर, गोंडा, अयोध्या, शामली, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, रविदास नगर और लखनऊ में लोकबंधु अस्पताल में लगाने की तैयारी है. वहीं 59 जिले के अस्पतालों में सिटी स्कैन मशीन लगी है.
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