लखनऊ: बेटियां किसी से कम नहीं होती. ये बात राजधानी की एक बेटी ने एक बार फिर साबित कर दी है. राजाजीपुरम इलाके में रहने वाली 18 साल की आयुषी शुक्ला ने एक मिसाल पेश की है. आयुषी ने सीएमएस राजाजीपुरम से इंटर तक की पढ़ाई की है. आयुषी की प्रतिभा को देखते हुए उनकी पढ़ाई का पूरा खर्चा स्विजरलैंड की जिनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी उठाएगी. यूनिवर्सिटी ने छात्रा को 100% स्कॉलरशिप दी है. प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में पहली बार जिनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी ने किसी छात्रा को 100% स्कॉलरशिप दी है. आयुषी अब जिनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी में पढ़ाई करने जा रही हैं.
देश को करूंगी रिप्रेजेंट
छात्रा आयुषी शुक्ला बताती हैं कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि मैंने अपने पेरेंट्स और स्कूल को प्राउड फील करवाया है. मैं अपने स्कूल और अपनी कंट्री को रिप्रेजेंट करूंगी. सीएमएस की एलडीए ब्रांच में 2018 में चीफ जस्टिस ऑफ द वर्ल्ड की 19 वीं प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी. उसमें 62 देशों के प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस आए थे. तभी हम लोगों को वहां एमयूएन करने का मौका मिला था. उस समय हम लोगों को पता लगा कि जरूरी नहीं है कि स्कूल में रहकर आप लोग अपनी बाउंड्री सेट कर लें, बाउंड्री अनलिमिटेड है.
यूनाइटेड नेशन में मिलेगी इंटर्नशिप
हमारे स्कूल ने यह इंश्योर किया कि हर एक स्टूडेंट हर एक कंट्री को रिप्रेजेंट करें. उसके बारे में बोले. मैं नीदरलैंड को रिप्रेजेंट कर रही थी. वहां से चीफ जस्टिस डॉ. एके मंडवा आए थे. मुझे उनसे बात करने का सौभाग्य मिला. उन्होंने मुझे नीदरलैंड का बैच पिन दिया. मेरी जब उनसे बात हो रही थी तो मैंने कहा सर मुझे पढ़ाई करनी है, जिस पद पर आप हैं, इसी पद पर मुझे पढ़ाई करनी है. उन्होंने मेरी बात में दिलचस्पी दिखाई और मेरी प्रिंसिपल से कहकर मुझे बुलवाया. इसके बाद मेरी उनसे बात हुई. मैं दो साल से उनके कॉन्टेक्ट में थी. मेरा इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से लेटर ऑफ रिकमेंडेशन आया. उसी के बाद ये डिसाइड हुआ कि लेटर ऑफ रिकमेंडेशन के बाद मुझे जाना चाहिए. मुझे यूनाइटेड नेशन में इंटर्नशिप भी मिलने वाली है.
विदेश की तीन यूनिवर्सिटियों में मिला अवसर
किसी अच्छे स्कूल से बाहर मैं अपना लक ट्राई करना चाहती थी. मैंने काफी यूनिवर्सिटीज देख रखी थीं. यूनिवर्सिटी ऑफ यार्क, लंदन स्कूल ऑफ इकोनामिक, जिनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी. मेरा इन तीनों यूनिवर्सिटी में चयन हो गया था. स्विजरलैंड यानि जिनेवा खुद में ही यूनाइटेड नेशन की 200 ब्रांचेस का हेड है. तो वहां पर इंटर्नशिप की अपॉर्चुनिटी ज्यादा होती है.
पहली और एकलौती स्टूडेंट, जिसको मिली हंड्रेड परसेंट स्कॉलरशिप
मुझे लगता है सीएमएस ने मुझे एक हेलो करने का मौका दिया है. इसने मेरे लिए मिलियन दरवाजे खोल दिए है. सीएमएस स्कूल में मैंने 15 साल पढ़ाई की है. क्लास माउंट से लेकर क्लास 12 वीं तक मैंने कोई भी दूसरा स्कूल जॉइन नहीं किया. मुझे वहां के टीचर्स और प्रिंसिपल ने हमेशा सपोर्ट किया. क्लास 8 तक में टॉप 5 में थी. हर किसी की लाइफ में अप एंड डाउन आते रहते हैं. लखनऊ नहीं किसी भी कंट्री के स्टूडेंट को आज तक 100% स्कॉलरशिप नहीं दी गई है. मैं उनकी पहली और इकलौती स्टूडेंट हूं, जिसको यह अपॉर्चुनिटी मिली है. इसको लेकर मैं अपने परिवार को, टीचर्स को और भगवान को धन्यवाद देना चाहती हूं.
बेटी को किया मोटिवेट
मां आरती शुक्ला बताती हैं कि हम लोगों ने अपनी बेटी को हमेशा मोटिवेट किया है. आगे बढ़ो, मेहनत करो, मेहनत से ही तुमको बहुत कुछ मिल सकता है. पढ़ाई के लिए हम लोगों ने उसको प्रेशराइज भी किया और कहा भी बेटा पढ़ने से ही सब कुछ हासिल होगा. हम लोगों ने यही सिखाया कि अपनी बोल-बानी अच्छी रखो. इससे रिस्पांस अच्छा ही मिलेगा. स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर ने बेटी का बहुत सपोर्ट किया है. हम लोगों ने भी अपनी बेटी का बहुत सपोर्ट किया.
बहुत खास है जिनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी
सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी बताते हैं कि जिनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी में आयुषी का दाखिला हुआ है. स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी उन बच्चों के लिए है जो डिप्लोमेट बनना चाहते हैं. केवल वही बच्चे इसमें जाते हैं. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और किंग्स के बच्चों के लिए इस स्कूल को बनाया गया है. यहां पर डिप्लोमेसी सिखाई जाती है. इसमें सिखाया जाता है कि जब आप किंग बनेंगे तो अपने देश को कैसे आगे बढ़ाएंगे. इस ट्रेनिंग कॉलेज में 100% स्कॉलरशिप इस छात्रा को मिली है. यह अपने आप में बड़ी बात है.