लखनऊः लघु एवं मध्यम स्तर के उद्यमों, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के स्टार्टअप और मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को बेहतरीन तकनीकी सहायता का लाभ प्रदान करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना तेजी से की जा रही है. अपर मुख्य सचिव आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग आलोक कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार ने नोएडा में लिथियम,आयन सेल आधारित उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए 6 करोड़ 59 लाख रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है.
राज्य सरकार ने भी दिया अंशदान
इससे पहले राज्य सरकार ने उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना के प्रथम चरण को शुरू करने के लिए दो करोड़ 19 लाख रुपये के अपने अंशदान के लिए सहमति प्रदान कर दी थी. उन्होंने बताया कि इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के सहयोग से सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग नोएडा द्वारा कार्यान्वित किए जाने वाली उत्कृष्टता केन्द्र परियोजना की अनुमानित लागत 16 करोड़ 7 लाख रुपये है. जिसमें से 8 करोड़ 54 लाख इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार का योगदान होगा. जबकि उत्तर प्रदेश सरकार और आईसीईए को 2 करोड़ 84 लाख और 5 करोड़ 36 लाख रुपए का योगदान देना है.
2023 तक पूरा होना है काम
अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि परियोजना कार्यान्वयन की अवधि 30 दिसंबर 2020 से 36 महीनों के लिए निर्धारित की गई है. उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना का कार्य दिसंबर 2023 के अंतिम सप्ताह तक पूरा होने की संभावना है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इसका उद्देश्य पावर बैंक उद्योग, मोबाइल हैंडसेट के पुर्जे और इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लीकेशन्स से संबंधित उत्पादों को डिजाइन और उनका विकास करना है.
स्वावलंबी व्यापारिक मॉडल पर विकसित होगा केंद्र
उत्कृष्टता केन्द्र प्रौद्योगिकी और उत्पाद परीक्षण सुविधा के हस्तांतरण के लिए उद्योगों से संपर्क के साथ ही स्वावलम्बी व्यापारिक मॉडल पर विकसित किया जाएगा.