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सरकारी राशन में घोटाले का मामला, ईओडब्ल्यू से कराई जाएगी जांच - scam in government ration in up

उत्तर प्रदेश में गरीबों के सरकारी राशन पर आधार कार्ड के नंबरों से छेड़छाड़ करके बड़े पैमाने पर अनाज का घोटाला किया गया. वहीं इस मामले में अब आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच सौंपे जाने की तैयारी हो रही है. बता दें कि प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में कोटेदार और जालसाजों ने मिलकर गरीबों में बंटने वाले सरकारी राशन के डाटा में सेंध लगाई है.

सरकारी राशन में घोटाले का मामला
सरकारी राशन में घोटाले का मामला
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Published : Jan 16, 2021, 3:27 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में गरीबों के सरकारी राशन पर आधार कार्ड के नंबरों से छेड़छाड़ करके बड़े पैमाने पर अनाज का घोटाला किया गया. वहीं इस मामले में अब ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) को जांच सौंपे जाने की तैयारी हो रही है. पूरे प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में सरकारी अनाज की हेराफेरी में कोटेदार और जालसाज भी सम्मिलित हैं.

फिलहाल इस मामले में अभी साइबर क्राइम सेल के द्वारा जांच की जा रही है, लेकिन जांच में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है. इसमें एक ही आधार कार्ड के नंबरों का दुरुपयोग बार-बार करके राशन निकाला गया है. इसके पहले खाद एवं रसद विभाग ने एनआईसी से इस पूरे मामले की जांच कराई थी, जिसमें राशन के डाटा से छेड़छाड़ की बात भी खुलकर सामने आई.

बता दें कि प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में कोटेदार और जालसाजों ने मिलकर गरीबों में बंटने वाले सरकारी राशन के डाटा में सेंध लगाई. आधार नंबर बदलकर करोड़ों रुपये का सरकारी राशन गबन किया गया. वहीं इस मामले की जांच पहले एनआईसी के द्वारा कराई गई, जिसमें इस तरह की खामी खुलकर सामने आई. फिलहाल अब एनआईसी की जांच को आधार बनाते हुए पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की तैयारी हो रही है.

आधार प्रमाणीकरण करने के समय लाभार्थी के मूल आधार संख्या से छेड़छाड़ करके किसी और की अंगुली की छाप से राशन की हेराफेरी की गई. पूरे प्रदेश में इस तरह के 1400 से ज्यादा शिकायतें पाई गई हैं. वहीं इन्हीं का आधार बनाकर अब पूरे प्रदेश में ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी.

लखनऊ: प्रदेश में गरीबों के सरकारी राशन पर आधार कार्ड के नंबरों से छेड़छाड़ करके बड़े पैमाने पर अनाज का घोटाला किया गया. वहीं इस मामले में अब ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) को जांच सौंपे जाने की तैयारी हो रही है. पूरे प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में सरकारी अनाज की हेराफेरी में कोटेदार और जालसाज भी सम्मिलित हैं.

फिलहाल इस मामले में अभी साइबर क्राइम सेल के द्वारा जांच की जा रही है, लेकिन जांच में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है. इसमें एक ही आधार कार्ड के नंबरों का दुरुपयोग बार-बार करके राशन निकाला गया है. इसके पहले खाद एवं रसद विभाग ने एनआईसी से इस पूरे मामले की जांच कराई थी, जिसमें राशन के डाटा से छेड़छाड़ की बात भी खुलकर सामने आई.

बता दें कि प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में कोटेदार और जालसाजों ने मिलकर गरीबों में बंटने वाले सरकारी राशन के डाटा में सेंध लगाई. आधार नंबर बदलकर करोड़ों रुपये का सरकारी राशन गबन किया गया. वहीं इस मामले की जांच पहले एनआईसी के द्वारा कराई गई, जिसमें इस तरह की खामी खुलकर सामने आई. फिलहाल अब एनआईसी की जांच को आधार बनाते हुए पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की तैयारी हो रही है.

आधार प्रमाणीकरण करने के समय लाभार्थी के मूल आधार संख्या से छेड़छाड़ करके किसी और की अंगुली की छाप से राशन की हेराफेरी की गई. पूरे प्रदेश में इस तरह के 1400 से ज्यादा शिकायतें पाई गई हैं. वहीं इन्हीं का आधार बनाकर अब पूरे प्रदेश में ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी.

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