लखनऊ: केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल सोमवार को लोकसभा में रखा जाएगा. इस बिल के विरोध में एनसीसीओईई और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के निर्देशन में प्रदेश भर के जूनियर इंजीनियर और प्रोन्नत अभियंता विरोध प्रदर्शन करेंगे. रविवार को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की ऑनलाइन माध्यम से हुई बैठक में विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया गया.
कहा गया है कि केंद्र सरकार का विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक निश्चित रूप से ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देने वाला, कर्मचारी और अवर अभियंता संवर्ग के हितों को प्रभावित करने वाला, उपभोक्ताओं और किसानों को महंगी बिजली प्रदान करने वाला है. संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है.
संगठन के केंद्रीय प्रचार सचिव इंजीनियर अरविंद कुमार झा ने बताया कि संगठन के अध्यक्ष इंजीनियर जीवी पटेल और केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जय प्रकाश ने संयुक्त रुप से बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इस विधेयक को जल्दबाजी में संसद में न पारित कराया जाए. बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से विस्तृत चर्चा करने के लिए इस बिल को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित कर दिया जाए.
उन्होंने बताया कि बिजली संविधान की समवर्ती सूची में है जिसका अर्थ यह होता है कि बिजली के मामले में क़ानून बनाने में केंद्र और राज्य का बराबर का अधिकार है, लेकिन इस बिल पर केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य से कमेन्ट नहीं मांगे हैं. इसे आठ अगस्त को लोकसभा में रखकर पारित कराने की कोशिश है, जो संसदीय परम्परा का खुला उल्लंघन है. साथ ही देश के संघीय ढांचे पर चोट है.
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ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स की तरफ से लिए गए निर्णय के अनुसार सोमवार को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अवर अभियंता और प्रोन्नत अभियन्ता कार्य छोड़कर कार्यस्थल से बाहर आकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा आगमी 10 अगस्त को लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर दोपहर चार बजे से छह बजे तक विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे.
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