लखनऊ: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सोमवार को बिजली विभाग के तमाम इंजीनियर आक्रोशित होकर सिस गोमती मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान अभियंताओं ने प्रबंधन के कार्यशैली पर सवाल उठाए. इनका कहना है कि प्रबंधन कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहा है. उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है. इंजीनियरों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगों पर अमल नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और प्रदेशभर के सभी अभियंता हड़ताल पर चले जाएंगे.
- एक जनवरी 2006 से ग्रेड पे 4600 रुपए लागू किए जाने, समय पर वेतन प्रदान न किए जाने पर, बेहतर उपभोक्ता सेवा के लिए संसाधन और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराए जाने पर इंजीनियरों ने प्रदर्शन किया.
- राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के तरफ से अपनी मांगों को लेकर पहले 5 अगस्त से 14 अगस्त तक विनियम कार्यपद्धती का बहिष्कार किया गया था.
- इंजीनियरों ने सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक कार्य किया था और काला फीता बांधकर कार्य पद्धति का विरोध किया था.
- द्वितीय चरण में 19 अगस्त से 20 अगस्त तक अधीक्षण अभियंता कार्यालयों के सामने ध्यानाकर्षण सभाएं की गई थी.
- 26 अगस्त को एक बार फिर इंजीनियरों ने अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाने का प्रयास किया और जमकर नारेबाजी भी किया.
कई बार प्रबंधन का ध्यान समस्याओं की तरफ खींचने का प्रयास किया गया. विरोध प्रदर्शन भी हुआ, लेकिन अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है. इसी क्रम में यहां पर ध्यानाकर्षण सभा आयोजित की गई. इसके बाद हम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का घेराव करेंगे. वहां से भी अगर बात नहीं बनती है तो कैंडल मार्च निकालेंगे और शक्ति भवन पर प्रदर्शन करेंगे. फिर भी बात नहीं बनती है तो एक सितंबर को हड़ताल पर जाने का भी फैसला लिया जाएगा.
विवेक तिवारी, अध्यक्ष