लखनऊ : शैक्षणिक सत्र शून्य होने की संभावना के बीच दाखिले की आस में बैठे इंजीनियरिंग के छात्रों को अभी और इंतजार करना होगा. संबद्धता के अभाव में फंसी काउंसिलिंग प्रक्रिया को लेकर याचिका खारिज होने के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) कोर्ट के समक्ष पुर्नविचार याचिका दाखिल करने की तैयारी में है. मंगलवार को विश्वविद्यालय पुनर्विचार याचिका दायर कर रहा है. जिससे काॅलेजों को संबद्धता देने के साथ ही काउंसिलिंग प्रक्रिया को सम्पन्न कराया जा सके.
प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों से लेकर कालेजों में संचालित इंजीनियरिंग के बीटेक पाठ्यक्रम मेें दाखिले को लेकर इस बार शासन ने निर्देश जारी कर एकेटीयू के माध्यम से प्रवेश लेने का निर्देश दिया था. जिसके चलते अभी तक प्रदेश के किसी भी विवि और काॅलेज में बीटेक के छात्रों का दाखिला नहीं हो पाया है. इसके पीछे मुख्य कारण विवि से काॅलेजों को हर साल दी जाने वाली संबद्धता को मुख्य वजह माना जा रहा है. एआईसीटीई के मुताबिक सम्बद्वता संबंधी प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन विवि में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी की वजह से संबद्धता को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया.
विवि के कुलपति के रूप में प्रो. जेपी पाण्डेय की नियुक्ति के बाद विवि की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को आधार बताते हुए संबद्धता देने की अनुमति मांगी गई थी. जिस पर कोर्ट ने विवि की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद से यह माना जा रहा था कि विवि पुरानी प्रक्रिया के आधार पर ही काउंसिलिंग की प्रक्रिया सम्पन्न कराएगा, लेकिन विवि स्तर पर काउंसिलिंग की प्रक्रिया को शुरू नहीं किया गया. जिसका असर राज्य विश्वविद्यालयों से लेकर सरकारी और निजी काॅलेजों पर पड़ रहा है. अगस्त समाप्ति की ओर है. ऐसे में सत्र के शून्य होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन विवि प्रशासन ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है.
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