लखनऊः प्रदेश के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक की अंतिम वर्ष ( सेमेस्टर) की परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाएंगी. प्राविधिक शिक्षा विभाग के सचिव आलोक कुमार ने एक छात्र के ट्वीट के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि परीक्षाएं जुलाई के तीसरे सप्ताह में संभावित हैं. अन्य छात्रों की परीक्षाएं भी कराने की तैयारी है. कोरोना संक्रमण और उसके बाद सामने आई स्थितियों के चलते परीक्षाओं में यह देरी की गई.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एकेटीयू (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय) से जुड़े करीब 750 कॉलेजेस हैं, जिनमें दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. इतनी ही संख्या पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की है. आलोक कुमार की तरफ से जारी इस सूचना का असर इन बच्चों के पड़ेगा.
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गैर तकनीकी शिक्षण संस्थानों में परीक्षाओं के संबंध में पहले ही दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इसके तहत संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपतियों को परीक्षा की तिथि से लेकर परीक्षा का प्रारूप तक निर्धारित करने की छूट दी गई है.
जरूरी बिंदु
- यदि स्नातक पंचम सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हो, तो अंतिम सेमेस्टर में प्राप्त अंकों के आधार पर पूर्व सेमेस्टर के अंक निर्धारित किए जा सकते हैं.
- यूजी में द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर के अंक प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के अंकों के आधार पर दिए जाएंगे.
- जहां स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकी हैं, वहां स्नातक द्वितीय / चतुर्थ ( सम ) सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम / तृतीय सेमेस्टर के अंकों के आधार पर तथा मिड - टर्म / अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किए जा सकते हैं.
- जहां विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं हुई हैं वहां, मिड टर्म / अन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर विषम एवं सम सेमेस्टर के परिणाम तथा अंक अंतर्वेशन से निर्धारित किए जा सकते हैं.
- ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई हैं, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया जाएगा तथा वर्ष 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर उनके प्रथम वर्ष का परिणाम तथा अंक निर्धारित किए जा सकते हैं.
- सभी परीक्षाएं आगामी अगस्त माह में पूरी कराने के निर्देश दिए हैं. विश्वविद्यालयों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर तिथियां निर्धारित करने की छूट दी गई है.
- प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी और उनके अंकों का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर किया जा सकता हैं. मौखिक परीक्षा ( Viva Voce ) आवश्कतानुसार ऑनलाइन कराई जाएंगी.
- परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण विश्वविद्यालय स्तर से किया जाएगा.
- परीक्षा एवं प्रश्नपत्रों का स्वरूप क्या होगा , इसका निर्णय लेने के लिए संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति / कार्य परिषद को अधिकृत किया गया है.
- परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण इस प्रकार किया जा सकता है कि एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को सम्मिलित करते हुए एक ही प्रश्नपत्र बनाने पर विचार किया जा सकता है. बहुविकल्पीय एवं ओएमआर आधारित अथवा विस्तृत उत्तरीय प्रश्नपत्र विश्वविद्यालयों की अपनी तैयारी के अनुरूप विचारणीय होंगे.
- यदि किसी विश्वविद्यालय द्वारा किसी पाठ्यक्रम विशेष की परीक्षा ऑनलाइन के माध्यम से कराई जानी संभव हो तो सक्षम प्राधिकारी इस पर फैसला ले सकता है.
- परीक्षा समयावधि 03 घंटे के स्थान पर एक - डेढ़ घंटे की होगी.
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ऐसे छात्र जो परीक्षा के संबंध में की जा रही व्यवस्थाओं के घोषित परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे , वे 2022 में आयोजित होने वाले बैक पेपर परीक्षा अथवा 2022-23 में आयोजित होने वाली वार्षिक / सेमेस्टर परीक्षा के उन समस्त / किसी भी विषय में सम्मिलित होकर अपने अंकों में सुधार करने के अवसर प्राप्त कर सकेंगे.
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