लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) पीएफ घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केस दर्ज किया है. नई दिल्ली मुख्यालय में मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने केस दर्ज किया है. ईडी द्वारा मामला दर्ज होने के बाद घोटाले के आरोपियों की मुसीबत और भी बढ़ने वाली है.
प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू की जांच
मामले में यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, सुधांशु द्विवेदी, पीके गुप्ता और दो चार्टर्ड एकाउंटेंट समेत 14 आरोपी पीएफ घोटाले में जेल में बंद हैं. जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से केस से जुड़े कागजात भी लिए हैं.
मामले में आईएएस आलोक से पूछताछ
मामले में आर्थिक अपराध शाखा एसपी शकीलुज्जमा की अगुवाई वाली टीम ने लखनऊ के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर आईएएस अलोक कुमार से पूछताछ की है. पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार से पीएफ की रकम को निजी कंपनी में निवेश के निर्णय से लेकर कई अन्य बिंदुओं पर उनका बयान दर्ज किया गया.
घोटाले में कई बड़े अधिकारियों का हाथ
घोटाले में प्रमुख सचिव ऊर्जा और अध्यक्ष यूपीपीसीएल आलोक कुमार को सरकार ने कर्मचारियों के विरोध के बाद उनके पद से हटा दिया था. कारपोरेशन के अध्यक्ष होने के नाते आलोक को भी घोटाले के लिए जिम्मेदार मानते हुए बिजलीकर्मियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा था.
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इससे पूर्व ईओडब्ल्यू ने बीते दिनों पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल से दिल्ली में पूछताछ की थी. माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू इस मामले में जल्द तत्कालीन प्रबंध निदेशक अपर्णा यू समेत कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बयान भी दर्ज कर सकती है.