लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को चेताते हुए कहा है कि ऐसी शिकायतें संज्ञान में आ रही हैं कि पहले अधिकारी और कर्मचारी बिजली चोरी कराते हैं और बाद में कार्रवाई करने पहुंच जाते हैं, यह बिल्कुल भी नहीं चलेगा. हर हाल में बिजली चोरी रोकना होगा. इस तरह की अगर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की शिकायत आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने के बजाय उन्हें तत्काल राहत पहुंचाने का प्रयास करें.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा मंगलवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने ऊर्जा विभाग से संबंधित कई निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि विद्युत कार्मिकों की बदौलत प्रदेश की 28 हजार से अधिक मेगावाट की विद्युत मांग को भी पूरा किया गया. इस क्षेत्र में जो कार्य पिछले 60 वर्षों में नहीं हो सका उसे पिछले 5-6 वर्षों के भीतर ही पूरा किया गया. उन्होंने विजनेस प्लान से संबंधित कार्यों, राजस्व वसूली, नगरीय निकायों के विस्तारित व नवसृजित क्षेत्रों में किए जा रहे विद्युत संबंधी कार्य, फीडरों की ट्रिपिंग में कमी लाने की रणनीति और विद्युत दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए सभी ट्रांसफार्मर का समय पर मेंटेनेंस किया जाए. इससे ट्रांसफार्मर की कार्यक्षमता बढ़ेगी. साथ ही शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे में और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टे में ट्रांसफार्मर बदलने की समयसीमा का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए. उन्होंने जर्जर व लटकते हुए तारों व पोल को ठीक करने के साथ विपरीत परिस्थितियों में फ्यूज और जम्फर उड़ने की समस्याओं का तत्काल संज्ञान लें फीडरों की ट्रिपिंग को कम करने की रणनीति पर कार्य किया जाए. मुख्य अभियन्ता को अपने कार्यदायित्वों का बेहतर ढंग से निर्वहन करने को कहा.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की टीम ने ली स्मार्ट मीटर की जानकारी, अब शिकायत की तैयारी
रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय टीम मंगलवार को लखनऊ पहुंची. बिजली अभियंताओं की देखरेख में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत लेसा के हुसैनगंज गोखले मार्ग व रहीम नगर के लगभग दर्जन भर उपभोक्ताओं से संपर्क कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर में आ रही खामियों पर जानकारी ली. हालांकि इस टीम की तरफ से की जाए रही कार्रवाई को महज औपचारिकता ही बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक टीम के सामने उपभोक्ताओं ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिजली बिल बढ़ने और प्रीपेड मीटर में रिचार्जिंग की समस्या रखी. टीम के इस तरह के सर्वे पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने तंज कसा है.
अवधेश वर्मा ने कहा कि पहले ऊंची दरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर अवार्ड कराया गया और जब उपभोक्ताओं की समस्याएं सामने आती हैं तो केवल औपचारिकता की जाती है. भारत सरकार की टीम ने क्या यह जाना कि जब विगत वर्ष में स्मार्ट मीटर जन्माष्टमी के दिन लाखों उपभोक्ताओं की बत्ती गुल हो गई थी? एसटीएफ जांच हुई उस रिपोर्ट का क्या हुआ? प्रदेश में हजारों विद्युत उपभोक्ताओं की भार जंपिंग हुई उसका क्या हुआ? आए दिन स्मार्ट मीटर विद्युत उपभोक्ता के बकाया पर जब उनका बिजली का कनेक्शन कटता है वह जमा कर देते हैं तो कई दिनों तक उनकी बिजली नहीं जुडती, उस पर क्या हुआ? कुल मिलकर पूरे उत्तर प्रदेश में वर्तमान में स्मार्ट प्रीपेड मीटर न तो रिमोट से कट रहे हैं और ना ही रिमोट से जुड रहे हैं. ऐसे में इसको स्मार्ट मीटर नहीं कहा जा सकता.
बिजली कंपनियों के घाटे पर ब्रेक लगाएंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर, खत्म होगा बिल वसूली का झंझट