लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में बिजली के लिए मचे हाहाकार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री और विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये थे. उन्होंने हरहाल में विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद ऊर्जा मंत्री समेत तमाम बिजली विभाग के अधिकारी शनिवार को बिजली संकट दूर करने के लिए मैदान में उतरे. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने अधिकारियों के साथ बिजली की समस्या खत्म करने को लेकर रणनीति तैयार की. ऊर्जा मंत्री का कहना है कि 'पिछले साल जून में जितनी अधिकतम बिजली की मांग थी उससे कई मेगावाट ज्यादा इसी समय डिमांड है. उन्होंने अधिकारियों को विद्युत आपूर्ति बेहतर करने के निर्देश दिए.'
बिजली संकट दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा अधिकारियों के साथ मंथन करने मध्यांचल कार्यालय पहुंचे. इस मौके पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'ज्यादा गर्मी पड़ने के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है. पिछले 10 से 12 वर्षों की बात की जाए तो जो पीक डिमांड होती थी, वह मैक्सिमम 18 से 20000 मेगावाट की हुआ करती थी. पिछले साल वह रिकॉर्ड टूटा था, लेकिन पिछले साल फिर भी 27000 मेगावाट की मांग पार नहीं की थी, लेकिन इस बार गर्मी की शुरुआत से और पिछले कई सप्ताह से 27000 मेगावाट की मांग पार कर चुकी है. वर्तमान में 27,610 मेगावाट की मांग चल रही है. अभी तक यह हमारी पीक डिमांड है. इस सीजन में वह डिमांड 4 घंटे 5 घंटे लगातार मेंटेन हो रही है. मतलब बिजली की खपत बहुत ज्यादा हो रही है. उस बिजली की खपत को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. हमारी बिजली विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं. जहां तक मध्यांचल की बात है लखनऊ राजधानी क्षेत्र है. मैं पिछले साल भी लगभग इसी समय आया था. समीक्षा की थी. उसके बाद कई सूचनाएं दी गईं. कई निर्देश दिए गए थे. काफी सुधार हुए थे. वर्तमान में एक बार फिर डिमांड बढ़ी है तो फिर से अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह कमियों को दूर करें. सुधार कर बिजली आपूर्ति बेहतर करें.'
उन्होंने कहा कि 'हमने निर्णय लिया है कि अब स्थानीय फाल्ट के कारण जो छह घंटे के अलावा बिजली कटती है उसे नहीं काटा जाएगा. 18 घंटे बिजली दी ही जाएगी. इसी तरह गरीब उपभोक्ताओं को अपना कनेक्शन चालू रखने के लिए बिजली का बिल दे पाना मुश्किल होता है. हमने पिछले साल ही यह व्यवस्था कर दी थी कि ₹100 देकर ही अपना कनेक्शन चालू रख सकते हैं, साथ ही हमने यह भी निर्णय लिया है कि अगर किसी का कनेक्शन काट दिया गया है तो पहले नियम था कि 25 फीसद बकाया का जमा करके ही रिकनेक्ट करेंगे. उसमें सुधार करते हुए हमने कहा कि मात्र ₹100 जमा करके कनेक्शन जुड़वाया जा सकता है. जहां तक डिफॉल्टर्स की बात है जो जानबूझकर या बिजली बिल जमा करने में कोताही कर रहे हैं या बिजली के कनेक्शन में गड़बड़ी कर रहे हैं. तय लोड से ज्यादा लोड उपयोग कर रहे हैं. कटिया लगाकर बिजली जला रहे हैं उन सभी पर सख्ती दिखाई जाएगी. किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी.'
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपकरणों में खराबी को तत्काल दुरुस्त किया जाना चाहिए. ट्रांसफार्मर में तेल की जांच लगातार होनी चाहिए. ट्रांसफार्मर अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से भी जलते हैं और साथ ही कई बार ओवरलोडिंग की वजह से जल जाते हैं. इन सारे कारणों की जांच हो रही है. कर्मचारियों की लापरवाही से अगर ट्रांसफर जलता है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी. उपभोक्ताओं के फोन अधिकारी जरूर उठाएं. किसी भी उपभोक्ता को प्रताड़ित न किया जाए. बिजली आपूर्ति बेहतर करने के लिए दिन रात एक करें.'