लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली विभाग में बहुत बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने विभाग में नियुक्त होने वाले 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त कर दी है. अब विभाग में डायरेक्टर नियुक्त नहीं किए जाएंगे. ऊर्जा मंत्री ने डायरेक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का अंदेशा जताते हुए यह प्रक्रिया रद्द की है. सूत्रों की मानें तो बताया जा रहा है कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने अपने चहेतों को डायरेक्टर के पद पर तैनात करने की तैयारी की थी, लेकिन यूपीपीसीएल चेयरमैन के इस फैसले को ऊर्जा मंत्री ने पलट दिया है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज लगातार बिजली विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई कर रहे थे. कर्मचारियों की मांगों को भी अनदेखा कर रहे थे. नतीजा हुआ कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगठनों के साथ मिलकर दो दिन का कार्य बहिष्कार और तीन दिन की हड़ताल कर दी. समिति की तरफ से ऊर्जा मंत्री के सामने 14 मांगें रखी गई थीं, जिनमें एक मांग पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पद पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने की भी शामिल थी. ऊर्जा मंत्री ने वार्ता कर तीसरे दिन हड़ताल समाप्त करवा ली. समिति के नेताओं से वादा भी किया कि आगे से सब बेहतर होगा. अब ऊर्जा मंत्री ने ऐसी कार्रवाई की है, जिससे यूपीपीसीएल चेयरमैन को झटका लगा है तो विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को खुशी हो रही है. दरअसल, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार को पावर कारपोरेशन ने 14 डायरेक्टरों की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद यह चयन प्रक्रिया रद्द की गई है. बताया जा रहा है कि यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम. देवराज ने डायरेक्टर पद पर अपने चहेतों को नियुक्त किया था. अब ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के निर्णय से यूपीपीसीएल चेयरमैन को झटका लगा है.
बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक, ऊर्जा मंत्री ने निदेशक के चयन में भ्रष्टाचार की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी डायरेक्टरों की चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई. सीएम के अनुमोदन के बाद अब शासन से इस बाबत जल्द आदेश निर्गत किए जाएंगे.
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ऊर्जा मंत्री ने की बड़ी कार्रवाई, 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त, जानिए वजह
यूपीपीसीएस चेयरमैन एम देवराज ने कई लोगों को विभाग में निदेशक बनवाने की प्रक्रिया की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी डायरेक्टर्स की नियुक्ति रद्द कर दी गई है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली विभाग में बहुत बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने विभाग में नियुक्त होने वाले 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त कर दी है. अब विभाग में डायरेक्टर नियुक्त नहीं किए जाएंगे. ऊर्जा मंत्री ने डायरेक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का अंदेशा जताते हुए यह प्रक्रिया रद्द की है. सूत्रों की मानें तो बताया जा रहा है कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने अपने चहेतों को डायरेक्टर के पद पर तैनात करने की तैयारी की थी, लेकिन यूपीपीसीएल चेयरमैन के इस फैसले को ऊर्जा मंत्री ने पलट दिया है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज लगातार बिजली विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई कर रहे थे. कर्मचारियों की मांगों को भी अनदेखा कर रहे थे. नतीजा हुआ कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगठनों के साथ मिलकर दो दिन का कार्य बहिष्कार और तीन दिन की हड़ताल कर दी. समिति की तरफ से ऊर्जा मंत्री के सामने 14 मांगें रखी गई थीं, जिनमें एक मांग पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पद पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने की भी शामिल थी. ऊर्जा मंत्री ने वार्ता कर तीसरे दिन हड़ताल समाप्त करवा ली. समिति के नेताओं से वादा भी किया कि आगे से सब बेहतर होगा. अब ऊर्जा मंत्री ने ऐसी कार्रवाई की है, जिससे यूपीपीसीएल चेयरमैन को झटका लगा है तो विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को खुशी हो रही है. दरअसल, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार को पावर कारपोरेशन ने 14 डायरेक्टरों की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद यह चयन प्रक्रिया रद्द की गई है. बताया जा रहा है कि यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम. देवराज ने डायरेक्टर पद पर अपने चहेतों को नियुक्त किया था. अब ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के निर्णय से यूपीपीसीएल चेयरमैन को झटका लगा है.
बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक, ऊर्जा मंत्री ने निदेशक के चयन में भ्रष्टाचार की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी डायरेक्टरों की चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई. सीएम के अनुमोदन के बाद अब शासन से इस बाबत जल्द आदेश निर्गत किए जाएंगे.
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