लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शक्ति भवन में सोमवार देर रात समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने और उपभोक्ताओं को निर्बांध बिजली देने के लिए केंद्र सरकार की रिवैंप योजना को धरातल पर उतारा जाए. इस प्रक्रिया को शासन और पावर कॉरपोरेशन के उच्चाधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करें. उन्होंने वर्तमान बिजली व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट तैयार करने के भी निर्देश दिए.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने रिवैंप योजना के अभी तक क्रियान्वित न होने पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि 5 हजार करोड़ की बजटीय व्यवस्था वाली इस योजना को शीघ्र क्रियान्वित किया जाए. जिससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल सके. उन्होंने इस योजना के संचालित होने में आ रही बाधाओं और देरी का कारण पूछा. उन्होंने योजना की टेंडरिंग प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा. योजना को क्रियान्वित करने के लिए डीपीआर सही से बनाने, टेक्नीशियन टीम को सही से कार्य करने के निर्देश देने को कहा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सीवीसी की गाइडलाइन के अनुसार फाइनल डॉक्यूमेंटेशन किया जाए और कार्यों में तेजी लाने के लिए नए सिरे से रीबिड निगोशिएशन की प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करें. प्रदेश के सभी 1000 और 500 की आबादी वाले मजरों में बिजली के खुले तारों को एबीसी केबलिंग में बदलने के कार्यों में तेजी लाने के मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने निर्देश दिए. साथ ही सभी डिस्कॉम के एमडी को इसके लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने ट्रांसफार्मर को जलने से बचाने के लिए इसमें फ्यूज लगाने और अतिभारित ट्रांसफार्मर व फीडर की क्षमता वृद्धि करने को भी कहा. ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश के कई स्थानों पर जर्जर तारों के टूटने, जर्जर व झुके हुए पोल के गिरने, झूलते हुए तारों और खुले में रखे ट्रांसफार्मर और पोल के सपोर्ट केबल में करंट उतरने से हो रही मौतों व आग लगने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सख़्त निर्देश दिए.
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ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि फील्ड में जाकर ऐसी परेशानियों को समय रहते चिन्हित करें और शीघ्र बदलने का कार्य करें. उन्होंने हाल ही में प्रतापगढ़ में चार विद्युत पोल के गिरने और लखनऊ में भी ऐसा ही मामला घटित होने पर इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए लापरवाह अधिकारियो पर कार्रवाई के निर्देश दिए. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए नगर निकाय बनाए गए हैं. कुछ निकायों का सीमा विस्तार कर गांवों को शहर में जोड़ा गया है.ऐसे नवसृजित एवं विस्तारित निकायों में विद्युत की आपूर्ति शहरों की तरह प्रदान करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाए. इसके लिए मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत धनराशि प्रदान की जाएगी. उन्होंने किसानों को आपूर्ति की जा रही बिजली में किसी भी प्रकार की कटौती न करने को कहा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसानों को पूरी बिजली न मिलने की आगरा के विधायक ने शिकायत की है. यह स्थिति ठीक नहीं है. रबी का सीजन आ रहा है किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर बिजली दी जाय.उन्होंने अफसरों को राजस्व वसूली बढ़ाने के भी निर्देश दिए . बिजली विभाग के पास नवंबर में सात हज़ार करोड के राजस्व वसूली का लक्ष्य है. मंत्री ने चेतावनी दी है कि वसूली में ढिलाई के कारण अफसरों को वेतन मिलना मुश्किल होगा. बिलिंग की समीक्षा की जाए. प्रदेश के तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल मिले, यह उसका अधिकार है. इसकी सेक्टर बार नियमित निगरानी की जाए. उपभोक्ताओ को गलत बिल देने पर एजेंसियों को नोटिस दी जाए और उनके कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाए. बड़े बकायेदारों पर भी बिल वसूली के लिए सख्त कार्रवाई की जाए.
संभव पोर्टल के जरिये सुनवाई में कमी : ऊर्जा मंत्री ने विद्युत समाधान योजना और 'सम्भव' पोर्टल के तहत जन सुनवाई से विद्युत संबंधी शिकायतों में काफी कमी आई है. टोल फ्री नंबर 1912 की क्षमता में दोगुनी वृद्धि कर इसे 60 से बढ़ाकर 120 लाइन कर दी गई है, जिससे कॉल वेटिंग में कमी आई है, फिर भी शिकायतों के समाधान में शिथिलता न बरती जाए. उपभोक्ताओं के मीटर बदलने, नया मीटर लगाने, लोड बढ़ाने-घटाने और गलत बिल व नया कनेक्शन देने में देरी की शिकायतों का समय पर संज्ञान लिया जाए, तो उपभोक्ताओ की शिकायतों पर और कमी लाई जा सकती है. उन्होंने 'सम्भव' पोर्टल की व्यवस्था के तहत सभी स्तरों पर जनसुनवाई करने और जन शिकायतों का तत्काल समाधान करने के निर्देश दिए.
अपर मुख्य सचिव हुए अव्यवस्था का शिकार : अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि उपभोक्ता अपना बिल चेक व डीडी के माध्यम से भी जमा करते है, जिसका समय पर भुगतान नहीं किया जाता और उपभोक्ताओं पर बकाया चढ़ता जाता है. उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भी इस अव्यवस्था का शिकार हुआ हूं. उन्होंने इस प्रकार के सभी चेक व डीडी का तीन दिन के अंदर भुगतान लेने को कहा, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ न पड़े. उन्होंने बिलिंग में 50 से 60 प्रतिशत की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित बिलिंग एजेंसी के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.
क्या बोले चेयरमैन : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि केन्द्र की रिवैंप योजना के तहत केस्को कानपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र में टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. शीघ्र ही यहां पर कार्य चालू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना में बुंदेलखंड और विंध्यांचल क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए नलकूपों को ऊर्जीकृत किया जा रहा है. बैठक में प्रबंध निदेशक उत्पादन एवं पारेषण पी गुरु प्रसाद, प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन पंकज कुमार उपास्थित थे. सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक वर्चुअली जुड़े.
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