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बिजली बिल में घपलेबाजी की STF करेगी जांचः ऊर्जा मंत्री - energy minister shrikant sharma

उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों में मिल रही अनियमितताओं की शिकायत को सरकार ने गंभीरता से लिया है. सरकार ने इसकी जांच एसटीएफ से कराए जाने का फैसला लिया है. जिसके लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया गया है.

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बिजली बिल में भ्रष्टाचार की होगी जांच
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Published : Jan 11, 2021, 8:08 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के जनपदों से बिलिंग को लेकर मिल रही अनियमितताओं को सरकार ने गंभीरता से लिया है. इसकी जांच उपभोक्ता हित में एसटीएफ से कराया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यह बात गोमतीनगर स्थित मंत्री आवास बिजलीघर के औचक निरीक्षण के दौरान कही. निरीक्षण के दौरान गलत बिलिंग की शिकायतों और 100 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग न होने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने बिलिंग एजेंसी के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई के निर्देश भी दिए.

बिजली बिल में अनियमितताओं की होगी जांच

'भ्रष्टाचारियों से नहीं है कोई साहनुभूति'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ऊर्जा विभाग में उपभोक्ता ही सब कुछ है. उसके हितों से खिलवाड़ करने वालों से किसी भी प्रकार की कोई सहानुभूति नहीं हो सकती है. जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए अनुबंध के तहत उन्हें 8 महीने में शहरी और 12 महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में 97 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग सुनिश्चित करना था. दो साल बाद आज भी यह 10 फीसदी से भी कम है. इसके चलते लगातार गलत बिलिंग की शिकायतें उपभोक्ताओं के माध्यम से आ रही हैं. इस पूरे प्रकरण में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है. ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री से उपभोक्ता हित में इसकी एसटीएफ से जांच कराए जाने का अनुरोध भी किया है. जिससे उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके.

'सही समय पर बिल मिलने पर पूरा होगा घाटा'
ऊर्जा मंत्री ने कहा उपभोक्ता बिल देना चाहता है, लेकिन उसे समय पर सही बिल मिले तभी यह संभव होगा. सही बिल समय पर मिलेगा तो ही विभाग का 90 हजार करोड़ का घाटा काम होगा और सस्ती बिजली का सरकार का संकल्प भी आसानी से पूरा होगा. उन्होंने निर्देशित किया कि अधिकारी 31 मार्च तक यह सुनिश्चित करें, कि प्रत्येक उपभोक्ता को डाउनलोडेबल बिल मिले. एमडी अपने स्तर से भी इसे सुनिश्चित कराएं. ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसियों को किए गए भुगतान के भी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बिजलीघर के निरीक्षण में कमियों पर एमडी समेत अधिकारियों से जवाब तलब भी किया. साथ ही उन्हें समय से दूर करने के निर्देश भी दिए.

'भ्रष्टाचारियों को सरकार में जगह नहीं'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचारियों की कोई जगह नहीं है. भ्रष्ट अधिकारियों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे. एसटीएफ की जांच में जो भी अधिकारी फंसेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अब मैं अपने दौरों में और तेजी लाऊंगा. प्रदेश के तमाम बिजली घरों पर औचक निरीक्षण करुंगा. जिस तरह की खामियां मिलेंगी, उन्हें दूर कराएंगे.

एमडी ने गठित की जांच कमेटी
ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार ने तत्काल अधीक्षण अभियंता विवेक जैन और एक अधिशासी अभियंता को चौक डिवीजन जांच करने के लिए भेजा है. उधर चौक डिवीजन के अभियंता, जिन लाखों रुपए के बिल को हजारों रुपए में बना दिया गया, उनको जंप मीटर रीडिंग के केस बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के जनपदों से बिलिंग को लेकर मिल रही अनियमितताओं को सरकार ने गंभीरता से लिया है. इसकी जांच उपभोक्ता हित में एसटीएफ से कराया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यह बात गोमतीनगर स्थित मंत्री आवास बिजलीघर के औचक निरीक्षण के दौरान कही. निरीक्षण के दौरान गलत बिलिंग की शिकायतों और 100 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग न होने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने बिलिंग एजेंसी के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई के निर्देश भी दिए.

बिजली बिल में अनियमितताओं की होगी जांच

'भ्रष्टाचारियों से नहीं है कोई साहनुभूति'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ऊर्जा विभाग में उपभोक्ता ही सब कुछ है. उसके हितों से खिलवाड़ करने वालों से किसी भी प्रकार की कोई सहानुभूति नहीं हो सकती है. जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए अनुबंध के तहत उन्हें 8 महीने में शहरी और 12 महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में 97 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग सुनिश्चित करना था. दो साल बाद आज भी यह 10 फीसदी से भी कम है. इसके चलते लगातार गलत बिलिंग की शिकायतें उपभोक्ताओं के माध्यम से आ रही हैं. इस पूरे प्रकरण में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है. ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री से उपभोक्ता हित में इसकी एसटीएफ से जांच कराए जाने का अनुरोध भी किया है. जिससे उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके.

'सही समय पर बिल मिलने पर पूरा होगा घाटा'
ऊर्जा मंत्री ने कहा उपभोक्ता बिल देना चाहता है, लेकिन उसे समय पर सही बिल मिले तभी यह संभव होगा. सही बिल समय पर मिलेगा तो ही विभाग का 90 हजार करोड़ का घाटा काम होगा और सस्ती बिजली का सरकार का संकल्प भी आसानी से पूरा होगा. उन्होंने निर्देशित किया कि अधिकारी 31 मार्च तक यह सुनिश्चित करें, कि प्रत्येक उपभोक्ता को डाउनलोडेबल बिल मिले. एमडी अपने स्तर से भी इसे सुनिश्चित कराएं. ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसियों को किए गए भुगतान के भी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बिजलीघर के निरीक्षण में कमियों पर एमडी समेत अधिकारियों से जवाब तलब भी किया. साथ ही उन्हें समय से दूर करने के निर्देश भी दिए.

'भ्रष्टाचारियों को सरकार में जगह नहीं'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचारियों की कोई जगह नहीं है. भ्रष्ट अधिकारियों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे. एसटीएफ की जांच में जो भी अधिकारी फंसेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अब मैं अपने दौरों में और तेजी लाऊंगा. प्रदेश के तमाम बिजली घरों पर औचक निरीक्षण करुंगा. जिस तरह की खामियां मिलेंगी, उन्हें दूर कराएंगे.

एमडी ने गठित की जांच कमेटी
ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार ने तत्काल अधीक्षण अभियंता विवेक जैन और एक अधिशासी अभियंता को चौक डिवीजन जांच करने के लिए भेजा है. उधर चौक डिवीजन के अभियंता, जिन लाखों रुपए के बिल को हजारों रुपए में बना दिया गया, उनको जंप मीटर रीडिंग के केस बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे हैं.

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