लखनऊ: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बिजली के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. उपभोक्ता बिजली संकट से जूझ रहे हैं और कुछ अफसर एसी कमरों में बैठ कर मौज कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का भी कोई पता नहीं. इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार सवाल उठ रहे थे. इसके बाद गुरुवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (Energy Minister AK Sharma) एसी कमरे से बाहर निकले और उपभोक्ताओं को बिजली संकट से निजात दिलाने सिकंदर बाग स्थित क्लाइड रोड उपकेंद्र (Power sub-station inspection in Lucknow) पहुंचे. यहां पर उन्होंने अधिकारियों से बिजली आपूर्ति को लेकर बात की. उन्हें कई निर्देश दिए.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने उपकेंद्र पर की पूछताछ: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने क्लाइड रोड उपकेन्द्र के औचक निरीक्षण के दौरान उपकेन्द्र से पोषित इलाकों में निर्वाध रूप से विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए. कहा कि उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी और लू में विद्युत व्यवधान का सामना न करना पड़े. इसके लिए तकनीकी खामियों को समय से ठीक करने का प्रयास करें. क्षेत्र में कहीं पर भी जर्जर तार व पोल एवं बिजली के तार को छूती पेड़ों की शाखाएं हों, उसे भी हटाया जाए.
ट्रांसफार्मर के लोड, अर्थिंग, आयल, साफ-सफाई और फ्यूज वायर को भी निरन्तर चेक किया जाए, जिससे विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आने से पहले ही उसे तत्काल ठीक किया जा सके. ट्रांसफार्मर के आसपास लगी होर्डिंग, कूड़ाकरकट और सूखी पत्तियों के ढेर को भी हटाया जाए, जिससे आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके. उर्जा मंत्री ने उपकेन्द्र की लॉगबुक, लोड पैनल और कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर और शिकायत रजिस्टर को चेक किया. उन्होंने उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए.
उपभोक्ताओं का फोन जरूर उठाएं: ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं की कॉल को प्रमुखता से उठाने और उनकी समस्याओं को गम्भीरता से लेकर समाधान करने की बात कही. क्षेत्र में बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को समय से बिजली बिल देने के लिए भी प्रोत्साहित करें. बिजली चोरी के कारण बढ़े लोड से ही ज्यादातर ट्रांसफार्मर जलने, लो-वोल्टेज, ट्रिपिंग की समस्याएं आ रही हैं इसलिए बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए अधिक से अधिक पैट्रोलिंग की जाए. बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाए.
ऊर्जा मंत्री का आदेश बेअसर: ऊर्जा मंत्री भले ही उपभोक्ताओं की कॉल उठाने के लिए अधिकारियों को आदेश और निर्देश दें, लेकिन हकीकत यही है कि बिजली गुल होने पर अधिकारियों का फोन किसी भी कीमत पर उठाते नहीं है. सब स्टेशन का फोन घंटों मिलाते रहें तो व्यस्त ही जाता है. 1912 कस्टमर केयर नंबर भी शो पीस साबित हो रहा है. यहां पर भी नंबर पर चाहे जितनी बार कॉल मिलाई जाए बात हो ही नहीं सकती. ऐसे में उपभोक्ताओं को बिजली कितनी देर में आएगी, इसकी भी जानकारी नहीं हो पाती.
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