लखनऊ : पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस अनंत देव को एसटीएफ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है और तत्काल रिपोर्ट करने के लिए निर्देशित किया गया है. माना जा रहा है कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों की तलाश के लिए अब चर्चित डीआईजी अनंत देव की एंट्री कराई गई है. आईपीएस अनंत देव एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं. फिलहाल वो डीआईजी रेलवे प्रयागराज के पद पर तैनात हैं. अनंत देव कानपुर के बिकरू कांड के बाद लगभग डेढ़ साल साइड लाइन चल रहे थे.
आईपीएस अनंत देव की तीन साल बाद एक बार फिर एसटीएफ में एंट्री हुई है. माना जा रहा है कि उन्हें प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर्स को तलाशने के लिए टीम में शामिल किया गया है. मंगलवार देर शाम पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी करते हुए आईजी कानून व्यवस्था संजीव गुप्ता ने कहा है कि 'डीआईजी रेलवे प्रयागराज परिक्षेत्र को यूपी एसटीएफ में अस्थाई ड्यूटी लगाई जाती है, तत्काल एडीजी एसटीएफ को ज्वाइन कर सूचित करें.'
ददुआ व ठोकिया को मारने में अनंत देव की थी अहम भूमिका : एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले अनंत देव तिवारी पूर्व में कुख्यात ददुआ और ठोकिया को मुठभेड़ में मार गिराने वाली एसटीएफ टीम का हिस्सा रहे हैं. अनंत देव पीपीएस संवर्ग से पदोन्नत होकर आईपीएस अधिकारी बने थे. 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी अनंत देव मूल रूप से फतेहपुर के निवासी हैं और वर्ष 1991 में पुलिस सेवा में आए थे. लंबे समय तक एसटीएफ में तैनात रहे अनंत देव ने एएसपी के पद पर रहते हुए कई कुख्यात अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी, हालांंकि वर्ष 2013 में एसपी गोरखपुर के पद पर तैनात रहने के दौरान एक सपा नेता के बेटे की पिटाई के मामले में उनका नाम सुर्खियों में आया था. तब उन्हें निलंबित कर दिया गया था. एसपी फैजाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर व आजमगढ़ के पदों पर भी तैनात रहे अनंत देव एसएसपी कानपुर रहते हुए जनवरी माह में डीआईजी के पद पर पदोन्नत हुए थे.
विकास दुबे कांड के बाद एसटीएफ से हटाए गए थे अनंत देव : कानपुर में विकास दुबे कांड में तत्कालीन डीआईजी एसटीएफ अनंत देव को योगी सरकार ने निलंबित कर दिया था, जिसके 23 माह बाद उन्हें बहाल किया गया और हाल ही में उन्हें डीआईजी रेलवे प्रयागराज की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.