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लखनऊ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के 11 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी, बिना डॉक्टर चल रहीं पीएचसी

लखनऊ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के 11 डॉक्टरों ने नौकरी (Eleven PHC doctors quit jobs in Lucknow) छोड़ दी. अब यह स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के चल रहा है.

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11 doctors quit jobs in Lucknow Primary Health Center in Lucknow Eleven PHC doctors quit jobs in Lucknow लखनऊ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखनऊ में 11 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी
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Published : Jun 19, 2023, 7:54 AM IST

लखनऊ: सीएमओ के अधीन लखनऊ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत 11 डॉक्टरों ने नौकरी एक-एक करके छोड़ (Eleven PHC doctors quit jobs in Lucknow) दी. ऐसे में पीएचसी बिना डाॅक्टर चल रही है. पीएचसी पर तैनात दूसरे स्टॉफ मरीजों को दवा वितरण कर रहे हैं. डॉक्टरों के लगातार नौकरी छोड़ने से विभाग में खलबली है. इसके अलावा कई अन्य डॉक्टर भी नौकरी छोड़ने के पत्र भेजा है. स्वास्थ्य विभाग अब नए सिरे से डॉक्टरों की भर्ती की तैयारी कर रहा है. डीएम से अनुमति मिलते ही डॉक्टरों को भर्ती किया जाएगा.

शहर में सीएमओ के अधीन 56 प्राथ​मिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन हो रहा है. इसमें 11 पीएचसी एक-एक करके खाली हो गई हैं. यहां पर तैनात डॉक्टरों ने अलविदा विभाग को कहकर दूसरे संस्थानों का हाथ थाम लिया है. इसमें चौक रामनगर, जियामऊ, खदरा, बुद्वेश्वर समेत अन्य पीएचसी हैं. इसमें सात स्थाई डॉक्टर व पांच संविदा डॉक्टरों ने नौकरी छाेड़ दी है. इससे चिकित्सकीय कार्य बा​धित हो रहा है. पीएचसी पर डॉक्टर न होने से स्टॉफ नर्स व फार्मासिस्ट उसका संचालन कर रहे हैं.

एक एक करके लखनऊ में 11 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कहा कि स्थाई डॉक्टरों ने दूसरे बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं देने लिए नौकरी छोड़ी है, जबकि संविदा पर कार्यरत डॉक्टरों ने कम वेतन व काम का लोड अ​धिक होने से अलविदा कहा है. ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ी है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, जो भी पीएचसी खाली हैं वहां पर डॉक्टरों को भेजा जाएगा. इसके लिए वॉक इन इंटरव्यू कराने के लिए डीएम से अनुमति मांगी गई है.


तेजी से बढ़ रहा महिलाओं में कैंसर: महिलाओं में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है. समय पर जांच, इलाज न मिलने से महिलाएं गंभीर अवस्था में केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में आ रही हैं. ऐसे में इलाज कठिन हो जाता है। समय पर कैंसर की पहचान कर सटीक इलाज मुहैया कराया जा सकता है. इसके लिए जिला अस्पताल में कैंसर की पहचान जरूरी है. यह जानकारी क्वीनमेरी की विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी जयसवार ने दी.

क्वीनमेरी ने स्वास्थ्य विभाग से मिलकर महिला रोग विभाग विशेषज्ञों को जननांग कैंसर के लक्षण, जांच व इलाज की बारीकिया बताईं. डॉ. एसपी जायसवार का कहना है कि जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई ने पहले चरण में 30 महिला रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया है. क्वीनमेरी की डॉ. निशा सिंह ने बताया कि जिला महिला अस्पतालों में काफी महिलाएं इलाज के आ रही है. यहां शुरूआत में बीमारी की पहचान की जा सकती है. इससे कैंसर की रोकथाम मुमकिन है.

शुरुआत में जांच, इलाज से बीमारी पर काबू पाना आसान होगा. सर्वाइकल कैंसर, एचपीवी, एंडोमेट्रियल कैंसर, जीटीएन योनि के कैंसर के लक्षण बताए गए. बायोप्सी लेने की तरीका बताया गया. कहां मरीज रेफर करना है. इसकी जानकारी दी गई. डॉ. रेखा सचान ने बताया कि समय पर पहचान व इलाज शुरू होने से मरीजों की जान बचाना आसान होगा. मरीज का समय व पैसा नष्ट नहीं होगा.

ये भी पढ़ें- गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज की पूरी व्यवस्था हो: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

लखनऊ: सीएमओ के अधीन लखनऊ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत 11 डॉक्टरों ने नौकरी एक-एक करके छोड़ (Eleven PHC doctors quit jobs in Lucknow) दी. ऐसे में पीएचसी बिना डाॅक्टर चल रही है. पीएचसी पर तैनात दूसरे स्टॉफ मरीजों को दवा वितरण कर रहे हैं. डॉक्टरों के लगातार नौकरी छोड़ने से विभाग में खलबली है. इसके अलावा कई अन्य डॉक्टर भी नौकरी छोड़ने के पत्र भेजा है. स्वास्थ्य विभाग अब नए सिरे से डॉक्टरों की भर्ती की तैयारी कर रहा है. डीएम से अनुमति मिलते ही डॉक्टरों को भर्ती किया जाएगा.

शहर में सीएमओ के अधीन 56 प्राथ​मिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन हो रहा है. इसमें 11 पीएचसी एक-एक करके खाली हो गई हैं. यहां पर तैनात डॉक्टरों ने अलविदा विभाग को कहकर दूसरे संस्थानों का हाथ थाम लिया है. इसमें चौक रामनगर, जियामऊ, खदरा, बुद्वेश्वर समेत अन्य पीएचसी हैं. इसमें सात स्थाई डॉक्टर व पांच संविदा डॉक्टरों ने नौकरी छाेड़ दी है. इससे चिकित्सकीय कार्य बा​धित हो रहा है. पीएचसी पर डॉक्टर न होने से स्टॉफ नर्स व फार्मासिस्ट उसका संचालन कर रहे हैं.

एक एक करके लखनऊ में 11 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कहा कि स्थाई डॉक्टरों ने दूसरे बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं देने लिए नौकरी छोड़ी है, जबकि संविदा पर कार्यरत डॉक्टरों ने कम वेतन व काम का लोड अ​धिक होने से अलविदा कहा है. ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ी है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, जो भी पीएचसी खाली हैं वहां पर डॉक्टरों को भेजा जाएगा. इसके लिए वॉक इन इंटरव्यू कराने के लिए डीएम से अनुमति मांगी गई है.


तेजी से बढ़ रहा महिलाओं में कैंसर: महिलाओं में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है. समय पर जांच, इलाज न मिलने से महिलाएं गंभीर अवस्था में केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में आ रही हैं. ऐसे में इलाज कठिन हो जाता है। समय पर कैंसर की पहचान कर सटीक इलाज मुहैया कराया जा सकता है. इसके लिए जिला अस्पताल में कैंसर की पहचान जरूरी है. यह जानकारी क्वीनमेरी की विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी जयसवार ने दी.

क्वीनमेरी ने स्वास्थ्य विभाग से मिलकर महिला रोग विभाग विशेषज्ञों को जननांग कैंसर के लक्षण, जांच व इलाज की बारीकिया बताईं. डॉ. एसपी जायसवार का कहना है कि जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई ने पहले चरण में 30 महिला रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया है. क्वीनमेरी की डॉ. निशा सिंह ने बताया कि जिला महिला अस्पतालों में काफी महिलाएं इलाज के आ रही है. यहां शुरूआत में बीमारी की पहचान की जा सकती है. इससे कैंसर की रोकथाम मुमकिन है.

शुरुआत में जांच, इलाज से बीमारी पर काबू पाना आसान होगा. सर्वाइकल कैंसर, एचपीवी, एंडोमेट्रियल कैंसर, जीटीएन योनि के कैंसर के लक्षण बताए गए. बायोप्सी लेने की तरीका बताया गया. कहां मरीज रेफर करना है. इसकी जानकारी दी गई. डॉ. रेखा सचान ने बताया कि समय पर पहचान व इलाज शुरू होने से मरीजों की जान बचाना आसान होगा. मरीज का समय व पैसा नष्ट नहीं होगा.

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