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UP Electricity Strike : हड़ताल कर रहे बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई के बाद संघर्ष समिति का ऐलान, अब जेल भरो आंदोलन करेंगे - संयोजक शैलेंद्र दुबे

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Published : Mar 18, 2023, 4:36 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 5:46 PM IST

16:34 March 18

देखें पूरी खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा की तरफ से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 नेताओं और कर्मचारियों पर एस्मा के तहत की गई कार्रवाई की जानकारी दी. इससे अब हड़तालियों में आक्रोश पनप गया है. फील्ड हॉस्टल में हो रहे प्रदर्शन में ऊर्जा मंत्री और प्रबंधन की इस कार्रवाई से काफी नाराजगी है. प्रदेश भर में हड़ताल कर रहे कर्मचारी आक्रोशित हो उठे हैं. ऊर्जा मंत्री ने अब तक 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया है, 22 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई और 29 अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर कराई है. इसके बाद संघर्ष समिति के अध्यक्ष संयोजक शैलेंद्र दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अब हम अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए तैयार हैं. अब जेल भरो आंदोलन किया जाएगा. पुलिस आए और हमें गिरफ्तार करे.



विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 'ऊर्जा मंत्री ने वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन जो तीन दिसंबर 2022 का समझौता हुआ उसे लागू नहीं किया. इसके बाद मजबूरन गुरुवार शाम 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल शुरू हुई. ऊर्जा मंत्री ने शक्ति भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि 'वार्ता के दरवाजे खुले हुए हैं, जबकि वार्ता के लिए हमें 16 मार्च के बाद बुलाया ही नहीं. ऊर्जा मंत्री ने 1332 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जो बिल्कुल भी सही नहीं है. शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम कोई अपराधी नहीं हैं कि हम पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि हड़ताल हमारा लक्ष्य नहीं है, लेकिन हमें मजबूर किया जा रहा है.'


1332 आउटसोर्सिंग कर्मचारी जो बेहद गरीब हैं जो इसी नौकरी से अपना परिवार पालते हैं उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद कहा गया कि इन्हें निकालने के बाद नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा. ऐसे कर्मचारी जो कम वेतन में अपनी जान देने को तैयार रहता है, ऐसे ऊर्जा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हम समान मानदेय की बात कर रहे हैं. हम पर आरोप लगा कि हमने तोड़फोड़ की है, हमने कहीं हिंसा नहीं की. आपकी सरकार है जांच एजेंसी है बिन जांच के आरोप हम पर लगा दिया. उन्होंने कहा कि जिनको वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी आपने उनसे क्यों नहीं पूछा? हमने 16 फरवरी को नोटिस दिया था. एक महीने का समय दिया था. एक-एक करके इकाइयां बंद हो गई हैं. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश की सम्पत्ति के साथ कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी, मैं इस आरोप को नकार रहा हूं, क्योंकि ऊर्जा विभाग हमारी जननी है यहीं से हम रोजगार पाते हैं और अपने पेट पालते हैं. इतिहास में पहली बार हो रहा है कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को ऊर्जा के MD मानने को इनकार कर रहे हैं. शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. हम भगोड़े नहीं हैं और हम कहीं जा नहीं रहे हैं. पुलिस आए और हमें गिरफ्तार कर सकती है.


उन्होंने साफ कहा कि कर्मचारियों के शोषण पर यह हड़ताल अनिश्चितकालीन में तब्दील हो जाएगी और जेल भरो आंदोलन शुरू होगा.

यह भी पढ़ें : Electricity Department : यूपी में हड़ताल कर रहे 1332 संविदा बिजली कर्मियों की गई नौकरी, ऊर्जा मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी

16:34 March 18

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा की तरफ से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 नेताओं और कर्मचारियों पर एस्मा के तहत की गई कार्रवाई की जानकारी दी. इससे अब हड़तालियों में आक्रोश पनप गया है. फील्ड हॉस्टल में हो रहे प्रदर्शन में ऊर्जा मंत्री और प्रबंधन की इस कार्रवाई से काफी नाराजगी है. प्रदेश भर में हड़ताल कर रहे कर्मचारी आक्रोशित हो उठे हैं. ऊर्जा मंत्री ने अब तक 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया है, 22 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई और 29 अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर कराई है. इसके बाद संघर्ष समिति के अध्यक्ष संयोजक शैलेंद्र दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अब हम अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए तैयार हैं. अब जेल भरो आंदोलन किया जाएगा. पुलिस आए और हमें गिरफ्तार करे.



विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 'ऊर्जा मंत्री ने वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन जो तीन दिसंबर 2022 का समझौता हुआ उसे लागू नहीं किया. इसके बाद मजबूरन गुरुवार शाम 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल शुरू हुई. ऊर्जा मंत्री ने शक्ति भवन में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि 'वार्ता के दरवाजे खुले हुए हैं, जबकि वार्ता के लिए हमें 16 मार्च के बाद बुलाया ही नहीं. ऊर्जा मंत्री ने 1332 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जो बिल्कुल भी सही नहीं है. शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम कोई अपराधी नहीं हैं कि हम पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि हड़ताल हमारा लक्ष्य नहीं है, लेकिन हमें मजबूर किया जा रहा है.'


1332 आउटसोर्सिंग कर्मचारी जो बेहद गरीब हैं जो इसी नौकरी से अपना परिवार पालते हैं उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद कहा गया कि इन्हें निकालने के बाद नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा. ऐसे कर्मचारी जो कम वेतन में अपनी जान देने को तैयार रहता है, ऐसे ऊर्जा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हम समान मानदेय की बात कर रहे हैं. हम पर आरोप लगा कि हमने तोड़फोड़ की है, हमने कहीं हिंसा नहीं की. आपकी सरकार है जांच एजेंसी है बिन जांच के आरोप हम पर लगा दिया. उन्होंने कहा कि जिनको वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी आपने उनसे क्यों नहीं पूछा? हमने 16 फरवरी को नोटिस दिया था. एक महीने का समय दिया था. एक-एक करके इकाइयां बंद हो गई हैं. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश की सम्पत्ति के साथ कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी, मैं इस आरोप को नकार रहा हूं, क्योंकि ऊर्जा विभाग हमारी जननी है यहीं से हम रोजगार पाते हैं और अपने पेट पालते हैं. इतिहास में पहली बार हो रहा है कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को ऊर्जा के MD मानने को इनकार कर रहे हैं. शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. हम भगोड़े नहीं हैं और हम कहीं जा नहीं रहे हैं. पुलिस आए और हमें गिरफ्तार कर सकती है.


उन्होंने साफ कहा कि कर्मचारियों के शोषण पर यह हड़ताल अनिश्चितकालीन में तब्दील हो जाएगी और जेल भरो आंदोलन शुरू होगा.

यह भी पढ़ें : Electricity Department : यूपी में हड़ताल कर रहे 1332 संविदा बिजली कर्मियों की गई नौकरी, ऊर्जा मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी

Last Updated : Mar 18, 2023, 5:46 PM IST
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