लखनऊ: 18 माह का महंगाई भत्ता फ्रीज किए जाने का विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने जमकर विरोध किया है. संगठन ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे और संगठन के तमाम पदाधिकारियों ने कहा कि महंगाई भत्ता फ्रीज किए जाने से बिजली कर्मियों की 40 हजार रुपये से 3 लाख रुपये तक की स्थाई कटौती होगी. कोविड-19 महामारी के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति कर रहे बिजली कर्मियों को इस फैसले से निराशा हुई है.
संगठनों ने जताया विरोध
विद्युत मजदूर संगठन और संविदा मजदूर संगठन के प्रमुख मुख्य नेता आरएस राय ने कहा कि बिजली कर्मचारियों का डीए फ़्रीज किये जाने के आदेश ने एक गलत संदेश दिया है और इससे उनका मनोबल कमजोर हुआ है.
आरएस राय ने कहा कि बिजली विभाग के संविदा कर्मियों का वेतन कम से कम 10 हजार से ऊपर करने के बजाय उनके भी डीए मे बढ़ोतरी न किए जाने का आदेश करके सरकार ने उनके परिवार के साथ घोर अन्याय किया है.
विद्युत कर्मचारी पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष महातम पाण्डेय और कार्यवाहक अध्यक्ष आफाक हुसैन ने पेंशनर्स कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते पर रोक लगाने के फैसले को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा है कि यह निर्णय पेंशन पाने वाले व अन्य कर्मचारियों के हित में नहीं है.