लखनऊः नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के बैनर तले बिजली सेक्टर के कर्मचारियों के सभी बड़े फेडरेशनों ने ऑनलाइन मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल वापस लेने की मांग की है. एनसीसीओईई के पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, कोविड-19 की महामारी के बीच जब सारा देश संक्रमण से संघर्ष कर रहा है तब केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल जारी कर निजीकरण करने में लगी है.
बिजली संशोधन विधेयक के विरोध में काला दिवस
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि लॉकडाउन के बाद बिजली संशोधन विधेयक के विरोध में काला दिवस मनाया जाएगा. मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि बिल के विरोध में सभी प्रांतों के मुख्यमंत्रियों और संसद सदस्यों को पत्र भेजा जाएगा और उनसे मांग की जाएगी कि वे इस बिल का विरोध करें और इसे वापस कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालें.
संगठन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक में ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल रत्नाकर राव, पदमजीत सिंह, अशोक राव, आल इण्डिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के अध्यक्ष आरके त्रिवेदी, महासचिव अभिमन्यु धनकड़, जीवी पटेल, आल इण्डिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज (एटक) के महामंत्री मोहन शर्मा, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीटू) के अध्यक्ष के.ओ. हबीब, महामंत्री प्रशांत चौधरी, सुभाष लाम्बा, इंडियन इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) के महामंत्री कुलदीप कुमार और ऑल इंडिया पावरमेंस फेडरेशन के अध्यक्ष समर सिन्हा ने हिस्सा लिया.