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उत्तर प्रदेश में दीवाली तक महंगी हो सकती है बिजली

उत्तर प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को दीपावली के मौके पर बिजली का बिल जमा करने के लिए अपनी जेब को और ढीला करना पड़ सकता है. शुक्रवार को नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की मीटिंग में चेयरमैन आरपी सिंह ने बिजली दर बढाने के संकेत दिए हैं.

दीवाली तक महंगी हो सकती है बिजली
दीवाली तक महंगी हो सकती है बिजली
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Published : Nov 6, 2020, 8:45 PM IST

लखनऊ: नियामक आयोग चेयरमैन ने कहा कि सभी पक्षों की बात आ गई है और जल्द ही बिजली दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा. संभावना है कि दीपावली तक दरें घोषित हो जाएंगी. सुनवाई के दौरान आयोग चेयरमैन आरपी सिंह ने बिजनेस प्लान व ट्रू अप स्लैब परिवर्तन सहित बिजली दर प्रस्ताव वर्ष 2020-21 पर विस्तार से सभी सदस्यों को बताया. इसके बाद तीन घंटे तक हुई सुनवाई के दौरान सभी ने अपनी बात रखी.

बैठक के दौरान ज्यादातर सदस्यों ने इंडस्ट्रीज से लेकर अन्य ने बिजली दरों में कमी किए जाने के प्रस्ताव पर विचार करने की मांग उठाई. वहीं स्लैब परिवर्तन को मौजूदा समय में लागू न करने की मांग की है. साथ ही स्लैब परिवर्तन को नियम के खिलाफ बताया. मीटिंग में स्मार्ट मीटर का मुद्दा भी छाया रहा.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि "यह दुर्भाग्य की बात है कि वर्ष 2019-20 में जब उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इजाफा किया गया था. उस समय प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 13 हबजार 337 करोड़ रुपया निकला था. इसके बावजूद दरें बढ़ाई गईं. जबकि ऐसा किसी भी राज्य में नहीं होता है. उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ताओं का पैसा कंपनियों पर निकल रहा है तो दरों में कमी होनी चाहिए.

बिजली दरों में की जानी चाहिए कमी
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पंकज गुप्ता ने कहा कि बिजली दरों में कमी किया जाना चाहिए. कोरोना काल में स्लैब परिवर्तन लाना ठीक नहीं है. इंडस्ट्रीज संकट में है उसका ख्याल रखना जरूरी है. विद्युत नियामक आयोग राज्य सलाहकार समिति की बैठक में नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह, आयोग के सदस्य केके शर्मा, बीके श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार सहित अनेको उपभोक्ता प्रतिनिधि शामिल थे.

लखनऊ: नियामक आयोग चेयरमैन ने कहा कि सभी पक्षों की बात आ गई है और जल्द ही बिजली दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा. संभावना है कि दीपावली तक दरें घोषित हो जाएंगी. सुनवाई के दौरान आयोग चेयरमैन आरपी सिंह ने बिजनेस प्लान व ट्रू अप स्लैब परिवर्तन सहित बिजली दर प्रस्ताव वर्ष 2020-21 पर विस्तार से सभी सदस्यों को बताया. इसके बाद तीन घंटे तक हुई सुनवाई के दौरान सभी ने अपनी बात रखी.

बैठक के दौरान ज्यादातर सदस्यों ने इंडस्ट्रीज से लेकर अन्य ने बिजली दरों में कमी किए जाने के प्रस्ताव पर विचार करने की मांग उठाई. वहीं स्लैब परिवर्तन को मौजूदा समय में लागू न करने की मांग की है. साथ ही स्लैब परिवर्तन को नियम के खिलाफ बताया. मीटिंग में स्मार्ट मीटर का मुद्दा भी छाया रहा.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि "यह दुर्भाग्य की बात है कि वर्ष 2019-20 में जब उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इजाफा किया गया था. उस समय प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 13 हबजार 337 करोड़ रुपया निकला था. इसके बावजूद दरें बढ़ाई गईं. जबकि ऐसा किसी भी राज्य में नहीं होता है. उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ताओं का पैसा कंपनियों पर निकल रहा है तो दरों में कमी होनी चाहिए.

बिजली दरों में की जानी चाहिए कमी
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पंकज गुप्ता ने कहा कि बिजली दरों में कमी किया जाना चाहिए. कोरोना काल में स्लैब परिवर्तन लाना ठीक नहीं है. इंडस्ट्रीज संकट में है उसका ख्याल रखना जरूरी है. विद्युत नियामक आयोग राज्य सलाहकार समिति की बैठक में नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह, आयोग के सदस्य केके शर्मा, बीके श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार सहित अनेको उपभोक्ता प्रतिनिधि शामिल थे.

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