लखनऊः राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. गर्मी ने जहां बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा किया है. वहीं आपूर्ति न होने से उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है. लोगों को दिन हो या रात बिजली संकट के चलते पसीना बहाना पड़ रहा है. प्रदेश भर में बिजली की मांग भीषण गर्मी पड़ने के चलते 25 हजार मेगावाट के भी पास पहुंच चुकी है. जिस तरह से डिमांड बढ़ रही है. पॉवर कॉरपोरेशन के अधिकारी के माथे पर पसीना आ गया है.
दिन हो या रात सुबह हो या शाम बिजली संकट ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है. जिस तरह से गर्मी का सितम बढ़ रहा है. उसी तरह बिजली लोगों को खूब रूला रही है. बिजली संकट से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. प्रदेश में बिजली की मांग 25 हजार मेगावाट से ऊपर हो गई है. इससे बिजली विभाग के अधिकारियों को चुनौती और बढ़ गई है. विभाग की ओर से तीन हजार से चार हजार मेगावाट बिजली की अतिरिक्त व्यवस्था जरूर की गई है. लेकिन ये भी अब काफी नहीं हो पा रही है.
25,435 मेगावाट तक की बिजली मांग को पूरी कर पाना बिजली विभाग के अधिकारियों के सामने संकट का सबब बन रहा है. स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के अधिकारी बताते हैं कि केंद्र से 15 सौ से 2 हजार मेगावाट, बैकिंग से 1300 से 1700 मेगावाट और एनर्जी एक्सचेंज से 23 सौ मेगावाट तक बिजली खरीदने के बाद आपूर्ति की जा रही है. लेकिन जिस तरह गर्मी पड़ रही है. उससे डिमांड पूरी करना मुश्किल हो रहा है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शहरी और ग्रामीण इलाके बिजली संकट से जूझ रहे हैं. अघोषित बिजली कटौती से लोगों को परेशानी हो रही है. हालांकि अभी भी बिजली विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था अभी पटरी पर ही बनी हुई है. लेकिन हकीकत यही है कि अलग-अलग इलाकों की बिजली काटकर अलग-अलग इलाकों को सप्लाई की जा रही है. जिससे किसी तरह काम चलता रहा है.
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बिजली की डिमांड बढ़ने से बिजली के उपकरण भी दहा दे रहे हैं. ट्रांसफॉर्मर फूंकने का सिलसिला तेजी से शुरू हुआ है. तकनीकी खराबी अभी बढ़ गई है. जिससे रोजाना शटडाउन लेकर बिजली विभाग के अधिकारी उपकरणों को दुरुस्त करने में जुटे हैं. गर्मी में शटडाउन ही विभाग का सहारा बन रहा है.
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