लखनऊ: बिजली विभाग के इंजीनियर एक अनोखा सत्याग्रह करने जा रहे हैं. कर्मचारियों ने इस बार भी अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसी तरह का धरना-प्रदर्शन करने के बजाय लगातार रात-दिन 24 घंटे काम कर सरकार पर दबाव बनाने का मन बनाया है. राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि लगातार मांगों को लेकर सरकार से वार्ता हुई, मुलाकात हुई और आश्वासन मिला, लेकिन आज तक कोई भी समाधान नहीं निकला.
मुख्य बिंदु
- बिजली विभाग के इंजीनियर 8 और 9 सितंबर को सहयोग सत्याग्रह करेंगे.
- जूनियर इंजीनियर 48 घंटे वर्क करते हुए सरकार पर बनाएंगे दबाव.
- कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण को नहीं रोकने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
बिजली विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि संगठन की तरफ से सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए कई बार संकेतिक धरना दिया गया और तमाम अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन सरकार पर असर नहीं पड़ा. अब इंजीनियर 8 और 9 सितंबर को सहयोग सत्याग्रह करेंगे, जिसमें हम काम रोकने के बजाय ज्यादा काम करेंगे. लगातार 48 घंटे जूनियर इंजीनियर वर्क करेंगे. संगठन ने प्रबंधन और सरकार पर हमला बोला. कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण को नहीं रोकने पर बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा.
प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन की लंबित कई और मांगों को उठाया गया. इस दौरान सरकार और प्रबंधन को संदेश देने के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे से 48 घंटे निरंतर काम करने का निर्णय लिया गया.
केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जय प्रकाश ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विभाग के अवर अभियंताओं और बिजली कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर आपूर्ति को दुरुस्त करने और राजस्व के लिए काम किया. इस दौरान पदाधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से विभाग निजीकरण से बचाने के लिए निस्वार्थ काम किया गया, जिसके बाद भी सरकार और प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर चुकी है.
उन्होंने बताया कि बिजली को निजी हाथों में जाने से आपूर्ति तो प्रभावित होगी ही, साथ में उपभोक्ताओं का उत्पीड़न भी बढ़ जाएगा. इसके साथ ही विभाग के बहुत से कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. हम किसी भी स्तर से विभाग को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे और इसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संगठन की ओर से अवर अभियंताओं की कई और मांगों को पूरा करने पर जोर दिया गया. संगठन की ओर से कहा गया कि एसीपी व्यवस्था में 4800 ग्रेड पे को प्रबंधन की ओर से हटा दिया गया, जो ठीक नहीं है. अवर अभियंता से सहायक अभियंता तक के प्रमोशन को सात वर्ष के अंतराल में किए जाने की मांग की गई. संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर जीबी पटेल ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए इंजीनियरों की समस्या को उठाया और बड़े आंदोलन की बात भी कही.