लखनऊ: बिजली विभाग के अवर अभियंता उपभोक्ताओं से कनेक्शन के नाम पर रिश्वत लेने थे बिल्कुल नहीं कतरा रहे हैं. उन्हें इस बात का भी भय नहीं कि इससे उन पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है. ऐसे ही एक अवर अभियंता को एक उपभोक्ता से कॉमर्शियल कनेक्शन के नाम पर 15 हजार रुपये घूस लेना भारी पड़ गया. यह अभियंता एंटी करप्शन के हत्थे चढ़ गया. इसके बाद पूरे मामले की जांच कराई गई तो अवर अभियंता पर लगे आरोप सही पाए गए. इसके बाद बुधवार को यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने अवर अभियंता पंकज शर्मा को सेवा से बर्खास्त (Electricity department Junior engineer terminated for bribe) कर दिया.
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुरादाबाद के सुल्तानपुर दोस्त विद्युत उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता पंकज कुमार शर्मा (Junior Engineer Pankaj Kumar Sharma) पर उपभोक्ता नाजिम अली ने अपनी दुकान में कॉमर्शियल कनेक्शन के लिए घूस लेने का आरोप लगाया था. शिकायतकर्ता नाजिम अली ने रिश्वत लेने की शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन से की थी. पिछले साल 17 सितंबर को मुरादाबाद की भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई ने जेई पंकज कुमार शर्मा को रंगे हाथों 15 हजार लेते गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया.
अवर अभियंता के रिश्वत लेने की जानकारी पावर कारपोरेशन(UP Power Corporation) को मिली तो इसके बाद पूरे मामले की जांच कराने के लिए पश्चिमांचल डिस्कॉम मेरठ की जांच समिति गठित की गई. इस समिति ने भी जांच में अवर अभियंता पंकज कुमार शर्मा को जिम्मेदार ठहराया. इतना ही नहीं अवर अभियंता पंकज कुमार शर्मा पर तैनाती अवधि में जहांगीरपुर केंद्र का अतिरिक्त कार्यभार देखने के दौरान तैयबा खातून नाम की उपभोक्ता को भी कॉमर्शियल कनेक्शन के बजाय लंबी लाइन खींचकर घरेलू कनेक्शन दे दिया था. इससे एस्टीमेट ही नहीं बना जिससे विभाग को काफी नुकसान हुआ.
इन मामलों में तत्कालीन अवर अभियंता पंकज कुमार शर्मा को जांच टीम ने दोषी पाया और इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को भेज दी. बुधवार को यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने अवर अभियंता पंकज कुमार शर्मा को सेवा से बर्खास्त कर दिया.
यूपी पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष की जेई को नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई से बिजली विभाग के घूसखोर अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि कई और अवर अभियंताओं की रिश्वत मांगने की लिखित शिकायत पावर कारपोरेशन को मिली है, जिसकी जांच चल रही है. जांच पूरी होने पर इसी तरह की और भी अवर अभियंताओं पर कड़ी कार्रवाई चेयरमैन की तरफ से की जा सकती है.