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लखनऊ: बिजली विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन, चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग

राजधानी लखनऊ में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन को बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग को लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को शक्ति भवन में चेयरमैन के खिलाफ प्रदर्शन किया और सीएम योगी से सीबीआई जांच की मांग की.

जानकारी देते संवाददाता.
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Published : Nov 6, 2019, 4:40 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पावर कॉरपोरेशन में हुए घोटाले से बिजली विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश जारी है. मंगलवार को शक्ति भवन में सैकड़ों बिजली कर्मियों ने दो घंटे तक प्रदर्शन किया. साथ ही पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन रहते हुए आईएएस आलोक कुमार के कार्यकाल में घोटाले पर कार्रवाई की मांग की है. सरकार से तत्काल बर्खास्त कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की है.

जानकारी देते संवाददाता.

क्या है पूरा मामला

  • राजधानी लखनऊ में पावर कॉरपोरेशन में हुए घोटाले को लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने शक्ति भवन में प्रदर्शन किया.
  • बिजली विभाग के कर्मचारी प्रोविडेंट फंड घोटाले के विरोध में सड़कों पर उतरे.
  • बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग की.
  • संघर्ष समिति के लोगों ने सीएम से सीबीआई जांच की मांग की.
  • राजधानी लखनऊ सहित जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया.

इसे भी पढ़ें - लखनऊ पहुंचीं बसपा सुप्रीमो मायावती, पदाधिकारियों संग कर रहीं बैठक

ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं ने शक्ति भवन में प्रदर्शन किया. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. साथ ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की है कि पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ले.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पावर कॉरपोरेशन में हुए घोटाले से बिजली विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश जारी है. मंगलवार को शक्ति भवन में सैकड़ों बिजली कर्मियों ने दो घंटे तक प्रदर्शन किया. साथ ही पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन रहते हुए आईएएस आलोक कुमार के कार्यकाल में घोटाले पर कार्रवाई की मांग की है. सरकार से तत्काल बर्खास्त कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की है.

जानकारी देते संवाददाता.

क्या है पूरा मामला

  • राजधानी लखनऊ में पावर कॉरपोरेशन में हुए घोटाले को लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने शक्ति भवन में प्रदर्शन किया.
  • बिजली विभाग के कर्मचारी प्रोविडेंट फंड घोटाले के विरोध में सड़कों पर उतरे.
  • बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग की.
  • संघर्ष समिति के लोगों ने सीएम से सीबीआई जांच की मांग की.
  • राजधानी लखनऊ सहित जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया.

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ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं ने शक्ति भवन में प्रदर्शन किया. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. साथ ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की है कि पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ले.

Intro:चेयरमैन पावर कारपोरेशन को बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग पर अड़े बिजली कर्मी, किया शक्ति भवन पर प्रदर्शन

लखनऊ। पावर कारपोरेशन में हुए भविष्य निधि के हजारों करोड़ के घोटाले से आक्रोशित बिजली विभाग के कर्मचारी अब प्रबंधन के खिलाफ सीधे तौर पर टकराने से भी नहीं कतरा रहे हैं। मंगलवार को शक्ति भवन पर सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मी तीन बजे से लेकर पांच बजे तक विरोध प्रदर्शन के लिए उतर पड़े। इस दौरान पदाधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन रहते सीनियर आईएएस आलोक कुमार के समय इतना बड़ा घोटाला हुआ है, ऐसे में उन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार तत्काल उन्हें बर्खास्त कर गिरफ्तार कराए। प्रदर्शन कर रहे पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि पद पर रहते सीबीआई जांच निष्पक्ष नहीं हो पाएगी इसलिए चेयरमैन की तत्काल बर्खास्तगी हो।


Body:ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त परियोजना एवं जिला मुख्यालयों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की है कि पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ले और घोटाले के दोषी पावर कारपोरेशन व ट्रस्ट के अध्यक्ष को उनके पद से तत्काल हटाकर गिरफ्तार किया जाये जिससे घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सके। संघर्ष समिति ने यह भी ऐलान किया है कि प्रान्तव्यापी विरोध सभाओं का क्रम कल भी जारी रहेगा। राजधानी में आज शक्ति भवन पर सैकड़ों की तादाद में बिजली कर्मचारी व अभियन्ता प्रदर्शन में सम्मिलित हुए और बिजली दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सारे प्रकरण की सीबीआई जांच हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के प्रति आभार प्रकट किया और मांग की है कि निष्पक्ष जांच के लिए जिम्मेदार अधिकारियों खासकर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को उनके पद से हटाकर तत्काल गिरफ्तार किया जाये, क्योंकि वे ट्रस्ट के भी अध्यक्ष हैं और उनके पद पर रहते हुए साक्ष्यों से छेड़छाड़ की सम्भावना है और निष्पक्ष जांच प्रभावित होंगी। उल्लेखनीय है कि ट्रस्ट के माध्यम से कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनरशि गौरकानूनी ढंग से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की सूची में न आने वाले डीएचएफएल कम्पनी में निवेश की गयी जिसकी जिम्मेदारी पावर कारपोरेशन व ट्रस्ट के चेयरमैन की होती है। संर्घर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि डीएचएफएल में निवेश करना ही गलत था लेकिन यह निवेश एफडी में किया गया जो और भी असुरक्षित था, जिसके लिए चेयरमैन पर एक्शन होना ही चाहिए। इसके अलावा पदाधिकारियों ने यह भी मांग की है कि 2 दिन पहले पावर कारपोरेशन के एमडी पद से ट्रांसफर की गईं अपर्णा यू और चेयरमैन आलोक कुमार की सभी संपत्तियों की जांच हो और उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए जाएं जिससे वे विदेश न भाग पाएं। इस मौके पर पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि बिजली विभाग का निजीकरण करने की तैयारी की गई है उसे हम किसी कीमत पर होने नहीं देंगे।

बाइट: शैलेंद्र दुबे: संयोजक, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति

पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट के प्रोविडेंट फंड घोटाले के विरोध में बिजली कर्मचारी सड़क पर उतर आए हैं। आज सूबे में बिजली कर्मचारियों ने 3:00 बजे से 5:00 बजे तक हर परियोजना और हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया है। हमारी मुख्य मांग है कि यह घोटाला पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की गलती से हुआ है जो पैसा डूब गया है इसके भुगतान की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार एक गजट नोटिफिकेशन करे जैसे 2000 में किया था तो कर्मचारियों का पैसा कर्मचारियों को मिलेगा। दूसरी मांग है चूंकि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ट्रस्ट के चेयरमैन हैं और उनके रहते यह घोटाला ढाई साल होता रहा इसलिए उनको बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए क्योंकि उनके यहां पद पर रहते हुए सीबीआई जांच निष्पक्ष नहीं हो पाएगी। हमें मुख्यमंत्री पर विश्वास है लेकिन पावर कारपोरेशन प्रबंधन पर भरोसा नहीं है। हमारी मांग सीबीआई जांच की थी वह पूरी हुई है। पॉलिटिकल लोग क्या बयान देते हैं उससे हमें क्या लेना देना।


         

         


Conclusion:राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन में हुए विरोध प्रदर्शन को संयोजक शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, एके सिंह, राम प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सुहेल आबिद, विपिन प्रकाश, मो. इलियास, विजय त्रिपाठी, पी एन तिवारी, परशुराम, करतार प्रसाद, डीके मिश्र, भगवान मिश्र, पूसेलाल, पी एन राय, पी एस बाजपेयी, कपिल मुनि प्रकाश, राम सहारे वर्मा, विशम्भर सिंह, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र सिंह चैहान, सागर शर्मा, नितिन शुक्ला, सना उल्लाह खान, के एस रावत, दीपक चक्रवर्ती, कपिल मुनि प्रकाश, अमिताभ सिन्हा शामिल थे।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096
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