लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली विभाग ने अपनी सुविधानुसार जितना बिजली का उपभोग हो उसके मुताबिक प्रीपेड मीटर कनेक्शन का विकल्प दिया था. हजारों उपभोक्ताओं ने प्रीपेड कनेक्शन ले भी रखे हैं. अपनी जरूरत के हिसाब से रिचार्ज कर बिजली जलाते हैं, लेकिन इन दिनों प्रीपेड उपभोक्ताओं के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. बिजली विभाग की तरफ से प्रीपेड कनेक्शन धारकों को भी सामान्य उपभोक्ताओं की तरह ही बिल भेजा जा रहा है. वह भी थोड़ा बहुत नहीं, हजारों में. इससे उपभोक्ताओं के सर्दी में भी पसीने छूट रहे हैं. उपभोक्ता उपकेंद्रों पर जाकर शिकायत कर रहे हैं और अब अधिकारी इसे आईटी विंग की चूक मानकर उपभोक्ताओं को समझाकर वापस भेज रहे हैं.
लखनऊ के अवध विहार योजना स्थित हजारों प्रीपेड उपभोक्ताओं को भी बिजली विभाग ने बिल थमा दिया है, जबकि प्रीपेड मीटर उपभोक्ता स्वयं रिचार्ज करता है. उसके लिए बिल की कोई जरूरत नहीं होती. 10,000 से लेकर 13,000 तक के बिल की धनराशि का मैसेज उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर पर आया है.
इसके बाद जब उपभोक्ताओं ने उपकेंद्रों पर शिकायत की तो अब विभाग के अधिकारी बहाने बना रहे हैं. अकेले अवध विहार योजना में ही 500 से ज्यादा ऐसे उपभोक्ता है जिनके यहां विभाग ने बिजली का बिल भेज दिया है. इसी तरह अन्य सोसायटीज में भी हजारों की संख्या में उपभोक्ताओं के यहां विभाग ने जबरदस्ती बिल भेज दिया है.
ये मामले आए सामने
1.प्रीपेड मीटर उपभोक्ता को थमाया 12 हजार का बिल
अवध विहार योजना के सरयू एनक्लेव C 1_801 निवासी बबीता सिंह का अकाउंट नंबर 336577 8193 है. उन्हें विभाग की तरफ से 12683 रुपए का बिल भेज दिया गया है. साल 2021 से बबीता के यहां जीनस प्रीपेड मीटर लगा हुआ है. टोकन से रिचार्ज करते हैं. पिछले सप्ताह बिजली विभाग के कस्टमर केयर नंबर से बबीता के जीनस मीटर के बिल पर 12,683 रुपए का बकाया जमा करने के लिए सूचित किया गया. इसके बाद घबराई बबीता सिंह ने संबंधित उपकेंद्र पर इसकी शिकायत की और अवध विहार योजना के अधीक्षण अभियंता को शिकायती पत्र भी सौंपा.
2.बिल भेजने पर अफसरों से की शिकायत
अवध विहार भव्या एंक्लेव निवासी अभय कुमार सिंह खाता संख्या 52570717 51 प्रीपेड कनेक्शन धारक हैं, लेकिन बिजली विभाग ने उन्हें भी 5578 का बिल थमा दिया. प्रीपेड कनेक्शन धारक का कहना है कि जब कनेक्शन ही प्रीपेड है तो बिल कैसे भेजा जा रहा है. अभय सिंह ने बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत की है और तत्काल बिल खत्म करने की मांग की है.
3.जब कनेक्शन प्रीपेड तो बिल कैसे भेजा
खाता संख्या 3917692285 पर भी बिजली विभाग की तरफ से 13,698.52 पैसे का बिल भेज दिया गया. उपभोक्ता परेशान है. उपभोक्ता का कहना है कि जब कनेक्शन प्रीपेड है तो फिर बिल कैसे भेजा जा सकता है.
उपभोक्ता ने उठाए सवाल
उपभोक्ता अभय कुमार सिंह का कहना है कि पिछले ढाई साल से मैं यहां रह रहा हूं. लगातार अपना प्रीपेड मीटर रिचार्ज करके ही बिजली जला रहा हूं, लेकिन अचानक अभी एक दिन यूपीपीसीएल कस्टमर केयर से फोन आया था कि आपका इतना बिल बकाया है. जमा कर दीजिए. यह सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई कि जब मैं लगातार रिचार्ज करके ही बिजली जलाता हूं तो बिल कैसे आ सकता है. प्रीपेड मीटर भला पोस्टपेड की तरह फीड ही कैसे किया जा सकता है. उसका बिल जनरेट कैसे हो सकता है. हजारों की संख्या में ऐसे उपभोक्ताओं के यहां बिल आए हैं. जब उपकेंद्र पर शिकायत की गई तो अधिकारी भी सही जवाब नहीं दे रहे हैं. लिखित में यह भी नहीं दे रहे हैं कि गलती से आपका बिल आ गया है. ऐसे में पॉवर कारपोरेशन को एक लिखित आदेश जारी करना चाहिए कि यह उसकी चूक है. उपभोक्ताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
मध्यांचल एमडी ने दिया तर्क
प्रीपेड उपभोक्ताओं को भी बिजली बिल भेजने पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत का कहना है कि आपके माध्यम से यह जानकारी मिली है. आईटी विंग को समस्या का समाधान करने के लिए बोला गया है. जल्द ही आईटी विंग समस्या दुरुस्त कर देगी. प्रीपेड मीटर धारकों को किसी तरह का कोई बिल नहीं देना होगा. यह आईटी विंग की चूक से हो गया है.
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