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लखनऊ: 'इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी' के तहत प्रदेश के 10 शहरों में दौड़ेंगे वाहन

उत्तर प्रदेश सरकार की 'इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी' में 2030 तक वाहनों को 100% इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करने की योजना बनाई गई है. योजना के लिए 10 नगरों को चुना गया है, जिसमें लखनऊ भी शामिल है.

प्रदेश के 10 शहरों में दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक वाहन.
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Published : Oct 10, 2019, 10:31 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की 'इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी' के माध्यम से सड़क परिवहन के बसों और वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन किया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में 2030 तक 100 परसेंट वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करने की योजना बनाई गई है. सरकार तीन चरणों में इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर उतारेगी. योजना के लिए 10 नगरों को चुना गया है, जिसमें लखनऊ भी शामिल है. वर्तमान में महानगर परिवहन सेवा में 40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं.

प्रदेश के 10 शहरों में दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक वाहन.
2030 तक 100% वाहन होंगे इलेक्ट्रिक प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत सरकार ने जो पॉलिसी बनाई है, उसे तीन चरणों में बांटा गया है और 2030 तक 100% वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य तय किया गया है.40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित इस अवधि में 1000 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी. राजधानी लखनऊ में संचालित होने वाली बसों की बात करें तो वर्तमान में महानगर परिवहन सेवा में 40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं.तीन चरणों में वाहन होंगे इलेक्ट्रिक तीन चरणों में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन का सरकार ने जो लक्ष्य रखा है, उसमें प्रदेश के 10 शहरों को चिन्हित किया है. इसके लिए नोएडा शहर को नोडल बनाया गया है. नगर निगम व नगर परिषद के साथ ही अस्पतालों में जो एंबुलेंस लगी हैं, उनमें से 2024 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिया जाएगा. हरित मार्गों को बढ़ावा देने के लिए इन मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन में 70% इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग किया जाएगा. कम दूरी की यात्रा के लिए प्रदेश सरकार टू व्हीलर, ईवी टैक्सियों के उपयोग को बढ़ावा देगी और कैब्स, स्कूल बसों, एंबुलेंस में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को महत्व देगी.आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नगरइलेक्ट्रिक व्हीकल मोबिलिटी के लिए प्रदेश के जिन 10 नगरों को चुना गया है, उनमें लखनऊ भी शामिल है. लखनऊ के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मथुरा, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी को आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नगर घोषित किया गया है.

टीवी चार्जिंग और हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग सुविधाओं और पारिस्थितिकी के अनुकूल बिल्डिंग कोर्स को चरणबद्ध रूप में अंगीकृत करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं. 2020 तक इसके क्रियान्वयन के लिए नोएडा पायलट नगर होगा.
आरपी द्विवेदी, आरटीओ लखनऊ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की 'इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी' के माध्यम से सड़क परिवहन के बसों और वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन किया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में 2030 तक 100 परसेंट वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करने की योजना बनाई गई है. सरकार तीन चरणों में इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर उतारेगी. योजना के लिए 10 नगरों को चुना गया है, जिसमें लखनऊ भी शामिल है. वर्तमान में महानगर परिवहन सेवा में 40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं.

प्रदेश के 10 शहरों में दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक वाहन.
2030 तक 100% वाहन होंगे इलेक्ट्रिक प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत सरकार ने जो पॉलिसी बनाई है, उसे तीन चरणों में बांटा गया है और 2030 तक 100% वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य तय किया गया है.40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित इस अवधि में 1000 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी. राजधानी लखनऊ में संचालित होने वाली बसों की बात करें तो वर्तमान में महानगर परिवहन सेवा में 40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं.तीन चरणों में वाहन होंगे इलेक्ट्रिक तीन चरणों में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन का सरकार ने जो लक्ष्य रखा है, उसमें प्रदेश के 10 शहरों को चिन्हित किया है. इसके लिए नोएडा शहर को नोडल बनाया गया है. नगर निगम व नगर परिषद के साथ ही अस्पतालों में जो एंबुलेंस लगी हैं, उनमें से 2024 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिया जाएगा. हरित मार्गों को बढ़ावा देने के लिए इन मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन में 70% इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग किया जाएगा. कम दूरी की यात्रा के लिए प्रदेश सरकार टू व्हीलर, ईवी टैक्सियों के उपयोग को बढ़ावा देगी और कैब्स, स्कूल बसों, एंबुलेंस में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को महत्व देगी.आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नगरइलेक्ट्रिक व्हीकल मोबिलिटी के लिए प्रदेश के जिन 10 नगरों को चुना गया है, उनमें लखनऊ भी शामिल है. लखनऊ के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मथुरा, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी को आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नगर घोषित किया गया है.

टीवी चार्जिंग और हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग सुविधाओं और पारिस्थितिकी के अनुकूल बिल्डिंग कोर्स को चरणबद्ध रूप में अंगीकृत करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं. 2020 तक इसके क्रियान्वयन के लिए नोएडा पायलट नगर होगा.
आरपी द्विवेदी, आरटीओ लखनऊ

Intro:2030 तक प्रदेश के 10 शहरों की सड़क पर 70 फीसद होंगे इलेक्ट्रिक वाहन

लखनऊ। राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में खूब बढ़ोतरी होगी। सरकार की हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी के तहत तीन चरणों में यह पालिसी लागू की जाएगी। पहले चरण में 2020 तक 25 परसेंट वाहन, दूसरे चरण में 2022 तक शेष 35 परसेंट वाहन और 2030 तक अन्य 40 परसेंट वाहनों के रूप में इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर दौड़ेंगे। यही नहीं वर्ष 2024 तक सरकारी वाहनों के सभी रूपों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इनमें निगम, परिषद के वाहनों के साथ सरकारी एंबुलेंस शामिल होंगी।


Body:प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इसी के तहत सरकार ने जो पॉलिसी बनाई है उसे तीन चरणों में बांटा है और 2030 तक सौ परसेंट वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य भी तय किया है। इस अवधि में 1000 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। राजधानी लखनऊ में संचालित होने वाली बसों की बात करें तो वर्तमान में महानगर परिवहन सेवा में 40 इलेक्ट्रिक व से संचालित हो रही हैं। तीन चरणों में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन का सरकार ने जो लक्ष्य रखा है उसमें प्रदेश के 10 शहरों को चिन्हित किया है। इसके लिए नोएडा शहर को नोडल बनाया गया है। निगमों परिषदों के साथ ही अस्पतालों में जो एंबुलेंस लगी हैं उनमें से 2024 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिया जाएगा। हरित मार्गों को बढ़ावा देने के लिए इन मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन में 70% इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग किया जाएगा। कम दूरी की यात्रा के लिए प्रदेश सरकार टू व्हीलर, ईवी टैक्सियों के उपयोग को बढ़ावा देगी और कैब्स, स्कूल बसों, एंबुलेंस में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को महत्व देगी।


Conclusion:इलेक्ट्रिक व्हीकल मोबिलिटी के लिए प्रदेश के जिन 10 नगरों को चुना गया है उनमें लखनऊ भी शामिल है। लखनऊ के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मथुरा, आगरा, कानपुर, प्रयाग राज, गोरखपुर और वाराणसी को आदर्श इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नगर घोषित किया गया है। टीवी चार्जिंग और हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग सुविधाओं और पारिस्थितिकी के अनुकूल बिल्डिंग कोर्स को चरणबद्ध रूप में अंगीकृत करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं। 2020 तक इसके क्रियान्वयन के लिए नोएडा पायलट नगर होगा।


बाइट: आरपी द्विवेदी: आरटीओ, लखनऊ

सरकार ने जो इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी बनाई है उसमें 2030 तक 100 परसेंट वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित करना है। तीन चरणों में इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर उतारे जाएंगे। 10 नगरों को इसके लिए चुना गया है, जिसमें लखनऊ में शामिल है।

अखिल पाण्डेय, लखनऊ, 9336864096
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