लखनऊः कोरोना संक्रमण में अपने भी पराए हो रहे हैं. खुद की सुरक्षा को चिंतित परिवारीजनों की मानवता भी अब धीरे-धीरे तार-तार होती जा रही है. ऐसा ही एक मामला केजीएमयू में देखने को मिला. यहां कोरोना वायरस से एक बुजुर्ग की मौत हो गई. वहीं शव लेने वाला कोई मौके पर मौजूद ही नहीं था. अस्पताल ने कई बार परिजनों को फोन किया गया. अगले दिन कुछ लोग शव लेने आए मगर हैंडोवर को लेकर आनाकानी करते रहे. काफी मशक्कत के बाद कागजी कार्यवाही की गई. इसके बाद नगर निगम के एक कर्मी से शव का दाह संस्कार कराया गया.
पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा रहा शव
गोंडा के बेसन पुरवा निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर केजीएमयू में भर्ती किया गया. यहां गुरुवार को बुजुर्ग की मौत हो गई. डॉक्टरों ने परिवारीजनों को तलाशा मगर कोई मिला नहीं. संस्था के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक परिजन न मिलने से शव को लावारिस समझ कर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया. जब अस्पताल प्रशासन ने मरीज को भर्ती करते समय कागजों में दर्ज ब्योरा खंगाला तो गोंडा के सीएमओ से संपर्क किया. उसके बाद मरीज के परिजनों से संपर्क किया गया.
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बेटे ने बाप के शव को हाथ लगाने से किया मना
कोरोना काल का असर ऐसा हो चला है कि बाप के शव को बेटा हाथ लगाने से मना कर दे रहा है. पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों के मुताबिक सुबह 9 बजे कुछ लोग आए, उन्होंने बताया कि मृतक के बेटे बाहर खड़े हैं. शव के दाह संस्कार के लिए डेड बॉडी को उठाया जाने लगा तो उनके बेटे से भी हाथ लगाने के लिए कहा गया, लेकिन उनका बेटा दूर ही खड़ा रहा. वहीं पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने ही शव को वाहन में रखा. इसके अलावा परिवारजनों से हस्ताक्षर करा कर के निगम कर्मी ने शव का दाह संस्कार किया. वहां मौजूद परिजन दाह संस्कार प्रक्रियाओं को लेकर कन्नी काटते रहे.