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कोरोना सें जंग में 'हीरो' बने सफाईकर्मी, सुबह से शाम तक चमका रहे राजधानी - नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी

कोरोना जैसी महामारी के बीच भी सफाई कर्मचारी राष्ट्र के सिपाही के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं. राजधानी लखनऊ में सफाई कर्मचारी सुबह से शाम तक शहर की सफाई में जुटे हुए हैं ताकि लोगों को इस कोरोना जैसी खतरनाक महामारी में सुरक्षित रखा जा सके.

राजधानी लखनऊ की सफाई में लगे साढ़े आठ हजार कर्मचारी.
राजधानी लखनऊ की सफाई में लगे साढ़े आठ हजार कर्मचारी.
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Published : Apr 12, 2020, 5:08 PM IST

लखनऊ: देश इन दिनों कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से लड़ रहा है. इस जंग में पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य व सफाई कर्मियों की अहम भूमिका है. वहीं राजधानी लखनऊ में साढ़े आठ हजार सफाईकर्मी योद्धा की तरह सड़क से लेकर मोहल्ले की गलियों तक उतर आए हैं और लॉकडाउन के असली हीरो बनकर उभरे हैं. सफाई कर्मचारी अपने साथियों के साथ राजधानी की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं. वह न तो घड़ी की सुई देखते हैं और न ही उनको घर पहुंचने की जल्दी है. बस सुबह से लेकर शाम तक राजधानी की सफाई में जुटे हुए हैं.

राजधानी लखनऊ की सफाई में लगे साढ़े आठ हजार कर्मचारी.

कर्मचारी ने कहा- बच्चों को छूने से लगता है डर
ईटीवी भारत की टीम रविवार की सुबह जब इंदिरा नगर के सर्वोदय नगर इलाके में पहुंची तो वहां सफाई कर्मचारी गलियों की सफाई करते मिले. सफाई कर्मचारी सपना ने बताया कि वह चाहती हैं कि जल्द से जल्द कोरोना जैसी महामारी हमारे देश से भाग जाए. मैं अपना काम करने के लिए हर दिन सुबह निकलती हूं. जब घर पहुंचती हूं तो बच्चों को छूने से भी डर लगता है. वहीं सफाई कर्मचारी सुमित कहते हैं कि किसी विपरीत परिस्थितियों में ही परीक्षा होती है. हम लोग इस परीक्षा में पास होना चाहते हैं. दूसरों की सेवा के लिए बाहर निकलते हैं और सड़कों की सफाई करते हैं, ताकि किसी को गंदगी में नहीं रहना पड़े.

असली राष्ट्र सेवक हैं सफाई कर्मचारी
स्थानीय पार्षद मनोज कहते हैं कि सफाई कर्मचारी सुबह से लेकर शाम तक सफाई करते हैं. कई बार रात में भी आवश्यकता पड़ती है तो हम लोग इन्हें फोन करते हैं. मनोज ने कहा कि फोन जाते ही हमारे सफाई कर्मचारी बंधु तुरंत हाजिर हो जाते हैं. हम तो यही कहेंगे कि असली राष्ट्र सेवक यही हैं. राष्ट्र के असली सिपाही सफाई कर्मचारी ही हैं. मनोज ने कहा कि समाज में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. आज जो काम ये लोग कर रहे हैं, इसके लिए इनकी जितनी भी सराहना की जाए कम है.

जिस समय लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और लोगों को छूने से भय लग रहा है, ऐसे में हमारे सफाई कर्मचारी बंधु शहर की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं, जिससे शहर स्वच्छ रखा जा सके. इन्हीं की वजह से शहरवासियों का जीवन सुगम है. इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है.
-मनोज, स्थानीय पार्षद

सफाई में लगे हैं साढ़े आठ हजार कर्मचारी
नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने फोन पर बताया कि नगर निगम के पास स्थाई और संविदा मिलाकर करीब 3 हजार कर्मचारी हैं. इसके अलावा 6 हजार कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से लिए गए हैं. लॉकडाउन के चलते आउटसोर्सिंग के कुछ कर्मचारी नहीं आ पा रहे हैं. फिर भी लखनऊ में मौजूदा समय में करीब साढ़े आठ हजार कर्मचारी सफाई में लगे हुए हैं. सभी कर्मचारियों को साबुन, मास्क, गमछा और कुछ को सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है. सफाई कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे लोग हर घंटे पर साबुन से हाथ धोएं, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और चेहरे पर हाथ न ले जाएं. हमारी कोशिश रहती है कि इन कर्मचारियों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन भी उपलब्ध कराया जाए.

लखनऊ: देश इन दिनों कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से लड़ रहा है. इस जंग में पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य व सफाई कर्मियों की अहम भूमिका है. वहीं राजधानी लखनऊ में साढ़े आठ हजार सफाईकर्मी योद्धा की तरह सड़क से लेकर मोहल्ले की गलियों तक उतर आए हैं और लॉकडाउन के असली हीरो बनकर उभरे हैं. सफाई कर्मचारी अपने साथियों के साथ राजधानी की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं. वह न तो घड़ी की सुई देखते हैं और न ही उनको घर पहुंचने की जल्दी है. बस सुबह से लेकर शाम तक राजधानी की सफाई में जुटे हुए हैं.

राजधानी लखनऊ की सफाई में लगे साढ़े आठ हजार कर्मचारी.

कर्मचारी ने कहा- बच्चों को छूने से लगता है डर
ईटीवी भारत की टीम रविवार की सुबह जब इंदिरा नगर के सर्वोदय नगर इलाके में पहुंची तो वहां सफाई कर्मचारी गलियों की सफाई करते मिले. सफाई कर्मचारी सपना ने बताया कि वह चाहती हैं कि जल्द से जल्द कोरोना जैसी महामारी हमारे देश से भाग जाए. मैं अपना काम करने के लिए हर दिन सुबह निकलती हूं. जब घर पहुंचती हूं तो बच्चों को छूने से भी डर लगता है. वहीं सफाई कर्मचारी सुमित कहते हैं कि किसी विपरीत परिस्थितियों में ही परीक्षा होती है. हम लोग इस परीक्षा में पास होना चाहते हैं. दूसरों की सेवा के लिए बाहर निकलते हैं और सड़कों की सफाई करते हैं, ताकि किसी को गंदगी में नहीं रहना पड़े.

असली राष्ट्र सेवक हैं सफाई कर्मचारी
स्थानीय पार्षद मनोज कहते हैं कि सफाई कर्मचारी सुबह से लेकर शाम तक सफाई करते हैं. कई बार रात में भी आवश्यकता पड़ती है तो हम लोग इन्हें फोन करते हैं. मनोज ने कहा कि फोन जाते ही हमारे सफाई कर्मचारी बंधु तुरंत हाजिर हो जाते हैं. हम तो यही कहेंगे कि असली राष्ट्र सेवक यही हैं. राष्ट्र के असली सिपाही सफाई कर्मचारी ही हैं. मनोज ने कहा कि समाज में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. आज जो काम ये लोग कर रहे हैं, इसके लिए इनकी जितनी भी सराहना की जाए कम है.

जिस समय लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और लोगों को छूने से भय लग रहा है, ऐसे में हमारे सफाई कर्मचारी बंधु शहर की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं, जिससे शहर स्वच्छ रखा जा सके. इन्हीं की वजह से शहरवासियों का जीवन सुगम है. इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है.
-मनोज, स्थानीय पार्षद

सफाई में लगे हैं साढ़े आठ हजार कर्मचारी
नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने फोन पर बताया कि नगर निगम के पास स्थाई और संविदा मिलाकर करीब 3 हजार कर्मचारी हैं. इसके अलावा 6 हजार कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से लिए गए हैं. लॉकडाउन के चलते आउटसोर्सिंग के कुछ कर्मचारी नहीं आ पा रहे हैं. फिर भी लखनऊ में मौजूदा समय में करीब साढ़े आठ हजार कर्मचारी सफाई में लगे हुए हैं. सभी कर्मचारियों को साबुन, मास्क, गमछा और कुछ को सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है. सफाई कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे लोग हर घंटे पर साबुन से हाथ धोएं, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और चेहरे पर हाथ न ले जाएं. हमारी कोशिश रहती है कि इन कर्मचारियों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन भी उपलब्ध कराया जाए.

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