लखनऊ: कोरोना महामारी के बीच मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-अजहा देश भर में मनाया जा रहा है. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में ईदगाह में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बकरीद की नमाज अदा कराई. इस मौके पर ईदगाह में महज 6 लोग ही मौजूद रहे. इस दौरान मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने देशवासियों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी. इसके साथ ही उन्होंने सभी से घरों में रहकर कुर्बानी और इबादत करने की अपील भी की.
इस मौके पर ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमेशा से जहां लाखों का मजमा बकरीद की नमाज़ अदा करता था, वहां आज कोविड-19 के प्रोटोकॉल के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 6 लोगों ने नमाज अदा की है. इसके साथ ही पैगाम दिया गया है कि अगर कोरोना वायरस से महफूज रहना है तो प्रिकॉशन लेना होगा. उन्होंने कहा कि बकरीद के मौके पर हर मज़हब से आने वाले तकरीबन 20 लाख किसान अपने जानवरों को बेचते हैं, जिससे उनका साल भर का बड़ा खर्चा अदा होता है. साथ ही कुर्बानी के गोश्त को गरीबों और ज़रूरतमन्दों में बांटा जाता है, जिससे कोई भी भूखा न रहे. 40 करोड़ लोगों को दो वक्त का खाना बकरीद पर आसानी से उलपब्ध होता है. इसके साथ ही तकरीबन 10 हजार करोड़ का बकरीद पर व्यापार होता था, जिससे इकनॉमी को भी गति मिलती थी.