लखनऊ : विगत दिवस प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Chief Minister Yogi Adityanath and Prime Minister Narendra Modi) के बीच दिल्ली में लंबी बातचीत हुई. माना जा रहा है कि इस भेंट के दौरान विभिन्न मसलों पर विस्तार से चर्चा की गई. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के साथ भाजपा शीर्ष नेतृत्व अभी से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. माना जा रहा है कि इस चर्चा में वर्ष 2024 के चुनाव के साथ ही प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों (political activities of the state) और राज्य में एमएलसी की रिक्त छह सीटों पर नामों को लेकर भी बात हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने से पहले अलग-अलग दिनों में राज्य के उप मुख्यमंत्रियों, कई मंत्रियों और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से भी विभिन्न मसलों पर चर्चा की.
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के बारे में कहा जाता है कि यह दल हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहता है और इनकी हमेशा चुनाव को लेकर तैयारी रहती है. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी की तैयारी को देखकर यह बात सच ही लगती है. जब तमाम राजनीतिक दल अलग-अलग चुनौतियों से जूझ रहे हैं और अपने संगठन को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं, तब भारतीय जनता पार्टी संगठन (Bharatiya Janata Party Organization) और सरकार से तालमेल कर जीत के लिए बिसात बिछाने में जुट गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात विधानसभा के चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के नेताओं और मंत्रियों से मिल रहे थे. प्रधानमंत्री का मकसद राज्य में पार्टी और सरकार के भीतर चल रही गतिविधियों और विपक्षी दलों की स्थित के विषय में फीडबैक लेना था. संगठन और मंत्रियों के फीडबैक के बाद प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विस्तृत बातचीत की. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री की भावी लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका होगी. इसलिए प्रधानमंत्री ने सभी एवं विषयों पर सीधे मुख्यमंत्री से चर्चा करना मुनासिब समझा. इस चर्चा में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य के हालात की विस्तार से जानकारी दी और लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों के विषय में भी बताया. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री को कुछ मंत्रियों से सरकार के कामकाज को लेकर भी फीडबैक मिला, जिसमें निचले स्तर से लगाकर जिला और वरिष्ठ अधिकारियों तक नेताओं की बात न सुनना और निचले स्तर पर भ्रष्टाचार में प्रभावी अंकुश न लगा पाने की बातें भी शामिल हैं. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने इस विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है.
विधान परिषद (Legislative Assembly) की रिक्त छह सीटों पर कई माह बाद भी मनोनयन न हो पाने के विषय में भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री में चर्चा हुई. सूत्र बताते हैं कि सरकार और संगठन में नामों को लेकर कुछ मतभेद सामने आए थे. वहीं दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त लगातार संगठन पर दबाव बना रही. यही कारण है कि सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं कर सकी है. अब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री में चर्चा होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इन सीटों के लिए शीघ्र ही फैसला हो सकता है. दोनों शीर्ष नेताओं में निकाय चुनाव पर भी चर्चा हुई. आज हाई कोर्ट निकाय चुनाव के आरक्षण पर अपना फैसला सुनाने वाला है. योगी और मोदी ने फैसले के दोनों पहलुओं को देखते हुए मंत्रणा की है. सरकार ने दोनों ही स्थितियों के लिए मन बना लिया है, अब देखना होगा कि कोर्ट इस पर क्या फैसला सुनाता है. राजनीतिक विश्लेषक और ऐसी बैठकों और मंत्रणा पर पैनी नजर रखने वाले लोग उम्मीद जता रहे हैं कि योगी और मोदी की बैठक में जिन विषयों पर चर्चा हुई है, उन पर सरकार का रुख जल्द ही दिखाई दे सकता है.
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