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बाइक बोर्ड घोटाले को लेकर ईडी की छापेमारी, न्यूज चैनल के दफ्तर भी पहुंची टीम

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Published : Feb 22, 2020, 9:39 PM IST

चर्चित बाइक बोट घोटाले को लेकर ईडी ने लखनऊ के एक निजी न्यूज चैनल के मालिक के ठिकानों पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम ने चैनल के दफ्तर में भी छापेमारी की.

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बाइक बोर्ड घोटाले को लेकर ईडी की छापेमारी.

लखनऊ: नोएडा के चर्चित बाइक बोट घोटाले को लेकर ईडी ने शनिवार को एक निजी न्यूज चैनल के मालिक बीएन तिवारी और उनके बेटे कुश तिवारी के राजधानी लखनऊ स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की टीम ने गोमतीनगर और पारा क्षेत्र में छापेमारी की. बोट बाइक घोटाले को लेकर ईडी ने एक निजी चैनल के मालिक के घर पर छापेमारी की तो वहीं ईडी की टीम चैनल के दफ्तर पर भी पहुंची.

निजी चैनल के मालिक के घर छापेमारी
बोट स्कैम के पीछे बसपा नेता रहे संजय भाटी को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि संजय भाटी के तार राजधानी लखनऊ के निजी चैनल संचालक से भी जुड़े हुए हैं, जिसके तहत ये छापेमारी की गई है. निजी चैनल के मालिक के घर सहित चैनल और ऑटो एजेंसी के यहां भी छापेमारी की गई है.

बाइक बोर्ड घोटाले को लेकर ईडी की छापेमारी.

एनसीआर, हरियाणा और यूपी को बनाया निशाना
जानकारी के अनुसार चैनल मालिक की लग्जरी गाड़ियां गर्वित ऑटोमोटिव के नाम दर्ज थी. ईडी इसमें और भी जांच कर रही है. यह भी जांच का हिस्सा है कि मालिक के पास लग्जरी गाड़ियां कहां से आईं. बोट स्कैम के तहत एनसीआर, हरियाणा और यूपी के लोगों को निशाना बनाया गया. बोट स्कैम को लेकर राजधानी लखनऊ के अलीगंज और कैंट थाने में एफआईआर दर्ज है.

करोड़ों का हुआ घोटाला
बाइक बोट घोटाला 42000 करोड़ रुपए का है. गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ इस घोटाले को लेकर नोएडा में एफआईआर दर्ज की गई. थीम गर्वित प्रमोटर्स लिमिटेड ने बाइक बोर्ड नाम की एक स्कीम शुरू की थी. जिसके तहत लोगों को पैसे डबल करने का आश्वासन दिया गया. गौर करने वाली बात यह है कि इस घोटाले में हजारों की संख्या में लोगों के साथ ठगी की गई है और जिन लोगों से ठगी की गई है. उनमें ज्यादातर लोग मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं.

यह भी पढ़ें- हरदोई में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बोर्ड परीक्षा केंद्रों का किया निरीक्षण, जानी हकीकत

दो महीने तक कंपनी ने किया भुगतान
घोटाले के तहत लाई गई स्कीम बाइक बोर्ड के तहत कंपनी ने बाइक बोर्ड स्कीम में लोगों से पैसा लगवाया और उसके बदले अच्छा रिटर्न वापस करने का वादा किया था. एक दो महीने तक कंपनी ने रिटर्न का भुगतान भी किया, लेकिन बाद में कंपनी ने भुगतान करने से मना कर दिया. पैसा मांगने वाले इन्वेस्टर्स ने जब कंपनी से पैसा देने को कहा, तो कंपनी ने उन्हें धमकाया जिसके बाद लोगों ने पुलिस की मदद ली.

कंपनी के पास थीं हजारों बाइकें
इसके बाद नोएडा और लखनऊ में कई एफआईआर दर्ज की गईं. घोटाले को अंजाम देने के लिए संजय भाटी ने 2010 में कंपनी की शुरुआत की. 2018 में बाइक बोर्ड नाम की स्कीम लांच की गई. स्कीम को बाइक टैक्सी की तर्ज पर शुरू किया. इस स्कीम में कंपनी के पास हजारों की संख्या में मोटरसाइकिल थी, लेकिन इसमें से एक भी बाइट संजय भाटी के नाम पर नहीं थी.

10 हजार प्रतिमाह भुगतान का था वादा
लोगों को बाइक टैक्सी को लेकर स्कीम समझाई गई और उनसे पैसा लेकर बाइक खरीदी गई. इस स्कीम के तहत इन्वेस्टर्स को समझाया गया कि उन्हें इस स्कीम का लाभ पाने के लिए 62000 रुपए की एक बाइक खरीदनी होगी, जिसके बदले कंपनी हर महीने बाइक ओनर को 10 हजार रुपये का भुगतान करेगी.

लखनऊ: नोएडा के चर्चित बाइक बोट घोटाले को लेकर ईडी ने शनिवार को एक निजी न्यूज चैनल के मालिक बीएन तिवारी और उनके बेटे कुश तिवारी के राजधानी लखनऊ स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की टीम ने गोमतीनगर और पारा क्षेत्र में छापेमारी की. बोट बाइक घोटाले को लेकर ईडी ने एक निजी चैनल के मालिक के घर पर छापेमारी की तो वहीं ईडी की टीम चैनल के दफ्तर पर भी पहुंची.

निजी चैनल के मालिक के घर छापेमारी
बोट स्कैम के पीछे बसपा नेता रहे संजय भाटी को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि संजय भाटी के तार राजधानी लखनऊ के निजी चैनल संचालक से भी जुड़े हुए हैं, जिसके तहत ये छापेमारी की गई है. निजी चैनल के मालिक के घर सहित चैनल और ऑटो एजेंसी के यहां भी छापेमारी की गई है.

बाइक बोर्ड घोटाले को लेकर ईडी की छापेमारी.

एनसीआर, हरियाणा और यूपी को बनाया निशाना
जानकारी के अनुसार चैनल मालिक की लग्जरी गाड़ियां गर्वित ऑटोमोटिव के नाम दर्ज थी. ईडी इसमें और भी जांच कर रही है. यह भी जांच का हिस्सा है कि मालिक के पास लग्जरी गाड़ियां कहां से आईं. बोट स्कैम के तहत एनसीआर, हरियाणा और यूपी के लोगों को निशाना बनाया गया. बोट स्कैम को लेकर राजधानी लखनऊ के अलीगंज और कैंट थाने में एफआईआर दर्ज है.

करोड़ों का हुआ घोटाला
बाइक बोट घोटाला 42000 करोड़ रुपए का है. गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ इस घोटाले को लेकर नोएडा में एफआईआर दर्ज की गई. थीम गर्वित प्रमोटर्स लिमिटेड ने बाइक बोर्ड नाम की एक स्कीम शुरू की थी. जिसके तहत लोगों को पैसे डबल करने का आश्वासन दिया गया. गौर करने वाली बात यह है कि इस घोटाले में हजारों की संख्या में लोगों के साथ ठगी की गई है और जिन लोगों से ठगी की गई है. उनमें ज्यादातर लोग मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं.

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दो महीने तक कंपनी ने किया भुगतान
घोटाले के तहत लाई गई स्कीम बाइक बोर्ड के तहत कंपनी ने बाइक बोर्ड स्कीम में लोगों से पैसा लगवाया और उसके बदले अच्छा रिटर्न वापस करने का वादा किया था. एक दो महीने तक कंपनी ने रिटर्न का भुगतान भी किया, लेकिन बाद में कंपनी ने भुगतान करने से मना कर दिया. पैसा मांगने वाले इन्वेस्टर्स ने जब कंपनी से पैसा देने को कहा, तो कंपनी ने उन्हें धमकाया जिसके बाद लोगों ने पुलिस की मदद ली.

कंपनी के पास थीं हजारों बाइकें
इसके बाद नोएडा और लखनऊ में कई एफआईआर दर्ज की गईं. घोटाले को अंजाम देने के लिए संजय भाटी ने 2010 में कंपनी की शुरुआत की. 2018 में बाइक बोर्ड नाम की स्कीम लांच की गई. स्कीम को बाइक टैक्सी की तर्ज पर शुरू किया. इस स्कीम में कंपनी के पास हजारों की संख्या में मोटरसाइकिल थी, लेकिन इसमें से एक भी बाइट संजय भाटी के नाम पर नहीं थी.

10 हजार प्रतिमाह भुगतान का था वादा
लोगों को बाइक टैक्सी को लेकर स्कीम समझाई गई और उनसे पैसा लेकर बाइक खरीदी गई. इस स्कीम के तहत इन्वेस्टर्स को समझाया गया कि उन्हें इस स्कीम का लाभ पाने के लिए 62000 रुपए की एक बाइक खरीदनी होगी, जिसके बदले कंपनी हर महीने बाइक ओनर को 10 हजार रुपये का भुगतान करेगी.

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