लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मोहनलालगंज स्थित करोड़ों रुपये की जमीन जब्त कर ली है. ईडी ने लखनऊ जिला प्रशासन की मदद से जमीन को सील कर दिया.
दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की ईडी ने करोड़ों की संपत्ति अटैच की है. राजधानी में मोहनलालगंज के इंद्रजीत खेड़ा में गायत्री ने आशियाना निवासी अपने नौकर राम सहाय के नाम 10 बीघा जमीन ली थी. जमीन पर प्लाटिंग भी की जाने लगी थी. सोमवार व मंगलवार को इडी की टीम वहां पहुंची और संपत्ति को अटैच कर लिया. इसके बाद वहां पर बोर्ड भी लगा दिया गया.
ईडी ने जमीन को कब्जे में लेकर नोटिस बोर्ड लगाया है. नोटिस में कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) की धारा 8(4) के तहत यह संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के कब्जे में है. किसी प्रकार का अंतरण अवैध होगा और अतिक्रमी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह नोटिस ईडी के उप निदेशक की तरफ से लगाई गई है. इस पर ईडी के लखनऊ जोन कार्यालय का पता भी लिखा गया है.
माना जा रहा है कि ईडी ने यह कार्रवाई जमीन पर प्लाटिंग की शिकायत मिलने के बाद की है. इस कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम के साथ मोहनलालगंज तहसील के राजस्वकर्मी भी मौजूद थे. सूत्रों के अनुसार यह जमीन लगभग 10 बीघे है, जिसे गायत्री प्रजापति ने अपने नौकर राम सहाय के नाम कर दी थी. ईडी ने इसे बेनामी संपत्ति मानते हुए कब्जे में लिया है. यह इंद्रजीतखेड़ा गांव के गाटा संख्या 391 और 641 में है.
खनन घोटाले में सीबीआई की तरफ से दर्ज मुकदमे को आधार बनाकर पीएमएलए के तहत दर्ज किए. इस केस में ईडी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. आरोप पत्र में गायत्री की अकूत संपत्तियों का सारा ब्योरा दिया गया था. ईडी ने प्रजापति और उसके परिवार के सदस्यों की 60 से अधिक संपत्तियों और 50 से ज्यादा बैंक खातों को जब्त भी किया था. जब्त की गई संपत्तियों का बाजार मूल्य 55 करोड़ रुपये के करीब था. गायत्री अखिलेश यादव के शासनकाल में लंबे समय तक खनन मंत्री रहे थे. फिलहाल वह लखनऊ जेल में बंद हैं. ईडी की जांच में पता चला कि गायत्री ने न सिर्फ खुद चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में संपत्तियों का ब्योरा छिपाया, बल्कि परिवार के सदस्यों ने भी फर्जी आय दर्शाते हुए आयकर रिटर्न दाखिल किए.
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