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लाॅकडाउन: 3000 से अधिक निजी बसें खड़ीं, हजारों कामगार हुए बेरोजगार

लाॅकडाउन के कारण सभी प्रकार की परिवहन सेवा बंद है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निजी बस संचालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. एक तरफ जहां बसों के नहीं चलने से बस मालिकों की आमदनी ठप हो गयी है, वहीं इससे जुड़े हजारों लोग भी बेरोजगार हो गए हैं.

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संचालन नहीं होने से खड़ी बसें
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Published : May 10, 2020, 3:10 PM IST

लखनऊ: लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार की परिवहन सेवा बंद है. ऐसे में निजी बस संचालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बसें धूप में ही खड़ी हैं और उनके कलपुर्जे खराब भी हो रहे हैं. वहीं बस नहीं चलने के कारण आमदनी भी बंद है. इससे जुड़े कामगार भी बेराजगार हो गए हैं. ऐसे में बस संचालकों ने सरकार से राहत की मांग है.

संचालन नहीं होने से खड़ी बसें

परिवहन निगम में अनुबंध के तहत चल रहीं बसें भी खड़ी
लखनऊ में दो तरह के प्राइवेट बस संचालक हैं. बहुत से संचालक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के साथ अनुबंध पर अपनी बसें संचालित कराते हैं. वहीं बहुत से संचालक एक जिले से दूसरे जिले में और स्थानीय इलाकों में बसों का संचानल करते हैं. लाॅकडाउन के कारण रोडवेज के साथ अनुबंध पर लगी बसें भी संचालित नहीं हो रही हैं और निजी संचालकों की भी बसे बंद हैं.

दूसरे राज्यों में फंसी हैं बसें

लखनऊ से बहुत सी निजी बसे एक राज्य से दूसरे राज्य में संचालिक होती हैं. लाॅकडाउन के कारण बसें दूसरे राज्यों में फंस गई हैं. संचालकों ने बताया बसों को लावारिस हालत में खड़ी कर चालक पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. अब बसें कैसे आएंगी इस बारे में कुछ पता नहीं है. बहुत नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं चल रहीं बसें कैसे भरेंगे किस्त

संचालकों ने बताया कि कई बसें बैंक लोन से खरीदी गई हैं. लाॅकडाउन के कारण संचालन बंद है. ऐसे में किस्त कैसे भरेंगे, यब सबसे बड़ी परेशानी है. वहीं अभी तक सरकार ने टैक्स माफी के लिए कोई ऐलान नहीं किया है. बसों का संचालन बंद होने से आमदनी पूरी तरह से ठप हो गई है.

ऑटो पार्ट्स की दुकान भी बंद

बसों के संचालन से ऑटो पार्ट्स की दुकानों का भी रोजगार जुड़ा है. संचालकों के अनुसार जब बसें चलती हैं, तो समय-समय पर उनकी मरम्मत भी कराई जाती है. इससे ऑटो पार्ट्स की दुकानों और रिपेयरिंग का सामान बनाने वाली कंपनियों का भी रोजगार चलता है. बसों का संचालन नहीं होने से इससे जुड़े सभी कारोबार बंद हैं और कामगार बेराेजगार हो गए हैं.

3000 से अधिक बसें खड़ीं

उत्तर प्रदेश अनुबंधित बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयोजक राकेश बाजपेई ने बताया कि परिवहन निगम के साथ अनुबंध पर लगभग 3000 बसें संचालित की जा रही हैं. लॉकडाउन में बसों का संचालन बंद है. ऐसे में हजारों कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. धूप में बसे खड़ी हैं और खराब हो रही हैं. जब बसों का संचालन शुरू होगा, तो इनके मरम्मत में हजारों रुपए का अतिरिक्त खर्च भी आएगा. उन्होंने सरकार से राहत की मांग की है.

लखनऊ: लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार की परिवहन सेवा बंद है. ऐसे में निजी बस संचालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बसें धूप में ही खड़ी हैं और उनके कलपुर्जे खराब भी हो रहे हैं. वहीं बस नहीं चलने के कारण आमदनी भी बंद है. इससे जुड़े कामगार भी बेराजगार हो गए हैं. ऐसे में बस संचालकों ने सरकार से राहत की मांग है.

संचालन नहीं होने से खड़ी बसें

परिवहन निगम में अनुबंध के तहत चल रहीं बसें भी खड़ी
लखनऊ में दो तरह के प्राइवेट बस संचालक हैं. बहुत से संचालक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के साथ अनुबंध पर अपनी बसें संचालित कराते हैं. वहीं बहुत से संचालक एक जिले से दूसरे जिले में और स्थानीय इलाकों में बसों का संचानल करते हैं. लाॅकडाउन के कारण रोडवेज के साथ अनुबंध पर लगी बसें भी संचालित नहीं हो रही हैं और निजी संचालकों की भी बसे बंद हैं.

दूसरे राज्यों में फंसी हैं बसें

लखनऊ से बहुत सी निजी बसे एक राज्य से दूसरे राज्य में संचालिक होती हैं. लाॅकडाउन के कारण बसें दूसरे राज्यों में फंस गई हैं. संचालकों ने बताया बसों को लावारिस हालत में खड़ी कर चालक पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. अब बसें कैसे आएंगी इस बारे में कुछ पता नहीं है. बहुत नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं चल रहीं बसें कैसे भरेंगे किस्त

संचालकों ने बताया कि कई बसें बैंक लोन से खरीदी गई हैं. लाॅकडाउन के कारण संचालन बंद है. ऐसे में किस्त कैसे भरेंगे, यब सबसे बड़ी परेशानी है. वहीं अभी तक सरकार ने टैक्स माफी के लिए कोई ऐलान नहीं किया है. बसों का संचालन बंद होने से आमदनी पूरी तरह से ठप हो गई है.

ऑटो पार्ट्स की दुकान भी बंद

बसों के संचालन से ऑटो पार्ट्स की दुकानों का भी रोजगार जुड़ा है. संचालकों के अनुसार जब बसें चलती हैं, तो समय-समय पर उनकी मरम्मत भी कराई जाती है. इससे ऑटो पार्ट्स की दुकानों और रिपेयरिंग का सामान बनाने वाली कंपनियों का भी रोजगार चलता है. बसों का संचालन नहीं होने से इससे जुड़े सभी कारोबार बंद हैं और कामगार बेराेजगार हो गए हैं.

3000 से अधिक बसें खड़ीं

उत्तर प्रदेश अनुबंधित बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयोजक राकेश बाजपेई ने बताया कि परिवहन निगम के साथ अनुबंध पर लगभग 3000 बसें संचालित की जा रही हैं. लॉकडाउन में बसों का संचालन बंद है. ऐसे में हजारों कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. धूप में बसे खड़ी हैं और खराब हो रही हैं. जब बसों का संचालन शुरू होगा, तो इनके मरम्मत में हजारों रुपए का अतिरिक्त खर्च भी आएगा. उन्होंने सरकार से राहत की मांग की है.

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