लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बुधवार सुबह दुर्गेश यादव की कथित रूप से गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया था. पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार भी कर लिया. आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि दुर्गेश यादव ने पलक ठाकुर पर पिस्तौल तान दी थी, इसी बीच-बचाव में खुद दुर्गेश यादव के पेट में गोली लग गई थी.
दरअसल, राजधानी लखनऊ में बरौली के सेक्टर 14 में दुर्गेश यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि दुर्गेश यादव लखनऊ सेक्टर 14 के घर में जब आया तो पहले ही घर में 4 लोग मौजूद थे, जो किराए पर रह रहे थे. दुर्गेश यादव के आने की जानकारी जब पलक ठाकुर को हुई तो उसने मनीष यादव को भी दुर्गेश यादव की लोकेशन भेजी और दो अन्य लोग भी घर पहुंच गए.
पुलिस ने किया खुलासा
- दुर्गेश यादव के लखनऊ आने की जानकारी पलक ठाकुर ने अपने साथियों को दी.
- आरोपियों ने नौकरी लगवाने के नाम पर दुर्गेश यादव को पैसे दिए थे.
- दुर्गेश यादव से वीडियो बनवाया गया
- वीडियो में पैसे लेने की बात का कराया गया कबूलनामा
- दुर्गेश यादव ने पलक ठाकुर पर रिवाल्वर तानी थी.
- हाथापाई में दुर्गेश यादव के पेट में गोली लग गई.
- दुर्गेश यादव के घर से कई फर्जी दस्तवेज बरामद हुए हैं.
घर से बरामद हुए फर्जी दस्तावेज
पुलिस के मुताबिक घर से बहुत से फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि इस घर से फर्जी तरह से नौकरी दिलाने का खेल चल रहा था. पुलिस का कहना है कि जांच में दोषियों ने यह कबूल किया है कि उन्होंने दुर्गेश यादव को अपनी और अपने जानकारों की नौकरी लगवाने के लिए बड़ी रकम दी थी.
दुर्गेश यादव का कथित तौर पर एक वीडियो बनाया गया
वहीं जब नौकरी नहीं लगी तो पैसे वापस लेने के लिए आरोपियों ने दुर्गेश यादव से कथित तौर पर एक वीडियो भी बनवाया. वीडियो के माध्यम से आरोपियों ने खुद को पीड़ित साबित करने की कोशिश की. इस वीडियो में दुर्गेश यादव से यह कबूलवाने की कोशिश की गई कि उसने ही पैसे लिए हैं और वापस नहीं कर रहा. इसी बीच पलक ठाकुर, मनीष यादव और अन्य साथियों ने दुर्गेश यादव के साथ मारपीट भी की.
बीच-बचाव के दौरान लगी गोली
इसी दौरान दुर्गेश यादव ने पलक ठाकुर पर पिस्तौल तान दी. इस बीच बचाव में खुद दुर्गेश यादव के पेट में गोली लग गई, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. फिलहाल पुलिस अभी और डिटेल में जानकारी प्राप्त कर रही है. वहीं घर से मिले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी यह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेगी कि क्या किसी थाने में इसके पहले दोषियों या गैंग के खिलाफ तहरीर दी गई है या नहीं.
नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था. पुलिस की गिरफ्त में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने भी खुद अपने जानकारों की नौकरी लगवाने के लिए दुर्गेश यादव को एक मोटी रकम दी थी. वहीं जब नौकरी नहीं लगी तो पैसे की मांग कर रहे थे. इस दौरान हाथापाई हुई और दुर्गेश यादव को पेट में गोली लग गई जिससे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. फिलहाल पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है.
-चारू निगम , डीसीपी ईस्ट लखनऊ